28.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

International Day of Sign Languages 2024:कब और क्यों मनाया जाता है इस दिन को, जानें हर सवाल का जबाब

International Day of Sign Languages 2024 : अंतरराष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस हर साल 23 सितंबर को मनाया जाता है, इसका उद्देश्य सांकेतिक भाषाओं के महत्व को उजागर करने के लिए बेहद खास है, आईए जानते है इस लेख के माध्यम से इस दिन से जुड़े सवालों के जबाब.

International Day of Sign Languages 2024 : अंतरराष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस हर साल 23 सितंबर को मनाया जाता है, इसका उद्देश्य सांकेतिक भाषाओं के महत्व को उजागर करना और डीफ समुदाय के अधिकारों को समर्थन देना है, इस दिन दुनिया भर में जागरूकता कार्यक्रम और सांस्कृतिक गतिविधियां आयोजित की जाती हैं, सांकेतिक भाषाएं केवल संचार का माध्यम नहीं हैं, बल्कि वे एक सांस्कृतिक पहचान का हिस्सा भी हैं,आईए यहां जाने इस दिन से जुड़े सवालों के जबाब:-

1. अंतरराष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस कब मनाया जाता है?

अंतरराष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस 23 सितंबर को मनाया जाता है, यह दिन पहली बार 2018 में मनाया गया, इसका उद्देश्य सांकेतिक भाषाओं के प्रति जागरूकता बढ़ाना है, इस दिन को सारा राष्ट्र द्वारा मान्यता प्राप्त है, इसे हर साल विश्वभर में मनाया जाता है.

2. इस दिन का मुख्य उद्देश्य क्या है?

इस दिन का मुख्य उद्देश्य सांकेतिक भाषाओं के महत्व को उजागर करना है, यह डीफ समुदाय के अधिकारों और उनकी भाषाई पहचान को समर्थन देता है, इसके माध्यम से सांकेतिक भाषा का प्रचार-प्रसार किया जाता है, यह सुनने में असमर्थ लोगों की आवाज को सुनने का एक साधन है, इसके जरिए समाज में समानता और समावेशिता को बढ़ावा मिलता है.

3. सांकेतिक भाषा के महत्व को कैसे बढ़ावा दिया जा सकता है?

सांकेतिक भाषा के महत्व को बढ़ावा देने के लिए शिक्षा प्रणाली में इसे शामिल करना आवश्यक है, स्कूलों में सांकेतिक भाषा की शिक्षा देने से बच्चों में जागरूकता आएगी, समुदायिक कार्यक्रम और कार्यशालाएं आयोजित करने से भी लोग इससे परिचित हो सकते हैं, मीडिया और सोशल मीडिया पर जानकारी फैलाना भी मददगार हो सकता है, इससे समाज में सकारात्मक बदलाव संभव है.

4. सांकेतिक भाषा का विकास किस प्रकार हुआ?

सांकेतिक भाषा का विकास विभिन्न समुदायों में अनौपचारिक रूप से हुआ, पहले, यह मुख्यत सामाजिक संपर्क के लिए प्रयोग की जाती थी, समय के साथ, इसे एक संरचित भाषा के रूप में विकसित किया गया, आज कई देशों में इसकी आधिकारिक मान्यता है, शोध और अध्ययन के माध्यम से सांकेतिक भाषाओं की संरचना और उपयोग पर अधिक जानकारी मिली है.

5. क्या सांकेतिक भाषाएं देश से देश में भिन्न होती हैं?

हां, सांकेतिक भाषाएं देश से देश में कई होती हैं, हर देश की सांस्कृतिक और सामाजिक विशेषताएं अपनी सांकेतिक भाषा में प्रतिबिंबित होती हैं, उदाहरण के लिए, अमेरिकी सांकेतिक भाषा (ASL) और ब्रिटिश सांकेतिक भाषा (BSL) एक-दूसरे से अलग हैं, भिन्नता के बावजूद, कई संकेतों में समानता भी होती है, इससे बहुभाषिक संवाद में आसानी होती है.

6. इस दिन को मनाने के लिए दुनिया भर में कौन-कौन सी गतिविधियां आयोजित की जाती हैं?

इस दिन विभिन्न कार्यक्रम जैसे कार्यशालाएं, सेमिनार, और प्रदर्शनी आयोजित की जाती हैं, डीफ समुदाय द्वारा सांस्कृतिक प्रदर्शन भी किया जाता है, स्कूलों और कॉलेजों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित होते हैं, सोशल मीडिया पर विशेष अभियान चलाए जाते हैं, यह सब सांकेतिक भाषा के प्रति जागरूकता और समर्थन बढ़ाने के लिए किया जाता है.

Also read : Weight loss Tips: बढ़ती तोंद से है परेशान, कुछ ही दिनों में घटने लगेगी पेट की चर्बी, आप भी करें फॉलो

Also read : Pitru Paksha 2024: पितृ पक्ष के चलते घर में भूलकर भी न करें ये काम, आप भी जानें

Also read :Motherhood Tips: क्या आप मां होने के साथ-साथ वर्किंग वुमेन भी हैं? ऐसे बैलेंस करें दोनों चीजों को

Also see : बच्चों में बोए ये 05 अच्छी आदतों के बीज, समाज के लिए बनेंगे आदर्श

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें