International Migrants Day 2023: अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी दिवस (International Migrants Day) हर वर्ष 18 दिसंबर को मनाया जाता है. यह दिवस उन सभी लोगों को समर्पित है जो अपने निवास स्थान से दूसरे क्षेत्रों या देशों में रहते हैं. यह दिवस सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाने का एक मौका है और इसका उद्देश्य विश्वभर में आपसी समझ, समरसता, और समर्थन को बढ़ाना है ताकि प्रवासी लोगों को समाज में अधिक सम्मान मिले. यह दिवस साकारात्मक और नकारात्मक पहलुओं को समझने का भी मौका प्रदान करता है और समाज में एक समृद्ध समरसता की भावना को बढ़ावा देता है. आइए जानते हैं अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी दिवस का इतिहास और इससे जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य.
अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी दिवस का इतिहास
पहली बार कब मनाया गया था अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी दिवस
अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी दिवस से जुड़े कुछ तथ्य
अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी दिवस 18 दिसंबर को ही मनाया जाता है. इसकी शुरुआत 1990 को संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने सभी प्रवासी मजदूरों के अधिकारों और उनके फैमिली के संरक्षण पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन को अपनाया था.
जबकि दूसरी ओर 4 दिसंबर साल 2000 को UNGA ने दुनिया में प्रवासिय लोगों की बढ़ती संख्या को भी मान्यता दी और इसी के साथ 18 दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी दिवस मनाने का फैसला लिया गया.
Also Read: Famous Food: रांची के ये हैं फेमस व्यंजन, घूमने जाएं तो स्वाद लेना न भूलेंअंतर्राष्ट्रीय प्रवासी दिवस पहली बार 1990 में मनाया गया था. महासभा ने सभी प्रवासी श्रमिकों और उनके परिवारों के लोगों के अधिकारों के संरक्षण पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन पर एक प्रस्ताव प्राप्त किया. बताया जाता है कि इस सम्मेलन में लाखों प्रवासियों ने भाग लाया था.
आपको बताते चलें कि अंतर्राष्ट्रीय प्रवासियों की संख्या साल 2019 में करीब 270 मिलियन से ज्यादा पहुंच गई थी. गौरतलब है कि पूरे विश्व में लगभग 31 प्रतिशत अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी एशिया में जबकि यूरोप में 30 प्रतिशत, अमेरिका में 26 प्रतिशत, अफ्रीका में 10 प्रतिशत और ओशिनिया में 3 प्रतिशत रहते हैं.
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