Jyeshtha Amavasya 2021, Shani Jayanti 2021, Surya Grahan 2021, Vat Savitri Vrat 2021: शनिवार 22 मई से ज्येष्ठ महीने की शुरुआत हो चुकी है जो 21 जून, सोमवार तक रहेगी. इस बार ज्येष्ठ अमावस्या 10 जून को पड़ रहा है जो कई मायनों में खास है. इस दिन सूर्य ग्रहण, वट सावित्री पूजा, शनि जयंती जैसे व्रत-त्यौहार व खगोलीय घटना देखने को मिलेगी. इसके अलावा भी हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व होता है. आइये जानते हैं..
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सूर्य ग्रहण 2021: इस ज्येष्ठ अमावस्या के दिन साल का पहला सूर्य ग्रहण लग रहा है. जिसकी शुरुआत 10 जून की दोपहर 1 बजकर 42 मिनट से हो जायेगी और शाम 6 बजकर 41 मिनट तक रहेगी. हालांकि यह ग्रहण भारत में नहीं दिखने वाला है.
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शनि जयंति 2021: ऐसी मान्यता है कि ज्येष्ठ अमावस्या के दिन ही सूर्य पूत्र शनि देव का जन्म हुआ था. ऐसे में शनि जन्मोत्सव होने से भी इस दिन का महत्व बढ़ जाता है.
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वट सावित्री व्रत 2021: अखंड सौभाग्य और पति की लंबी आयु के लिए महिलाएं 10 जून को अमावस्या तिथि पर वट सावित्री व्रत रखेंगी.
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पितरों की आत्मा के शांति के लिए: पित्र दोष से पीड़ित लोग या पितरों की आत्मा की शांति के लिए भी ज्येष्ठ अमावस्या व्रत करना चाहिए, विधिपूर्वक पूजा करना चाहिए.
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सूर्य पूजा का दिन: ज्येष्ठ अमावस्या पर पवित्र नदी में डूबकी लगाकर सूर्य को अर्घ्य देने का दिन भी माना गया है. ऐसे में इस लिहाज से भी अमावस्या तिथि खास होती है.
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अमावस्या के दिन सुबह उठे
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संभव हो तो पवित्र नदी में स्नान करें अथवा गंगाजल से घर पर ही नहा लें
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उसके बाद सूर्य देव को अर्घ्य दें.
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फिर पितरों को तर्पण करें
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उनकी आत्मा को शांति के लिए आप व्रत भी रख सकते हैं.
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निर्धन को दान दक्षिणा भी दे सकते हैं.
आपको बता दें कि ज्येष्ठ माह की शुरूआत 21 मई 2021, शनिवार को हो चुकी है. वहीं, अमावस्या तिथि 10 जून को पड़ रही है. जबकि, इस माह की समाप्ति 21 जून 2021, सोमवार को होगी.
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अमावस्या तिथि आरंभ: 9 जून 2021, बुधवार की दोपहर 1 बजकर 57 मिनट से
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अमावस्या तिथि समाप्त: 10 जून 2021, गुरुवार शाम 4 बजकर 22 मिनट तक
Posted By: Sumit Kumar Verma