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आपकी रसोई कीटाणुओं का घर तो नहीं ?

रसोई की सफाई को लेकर किये गये एक सर्वे में यह चौंकानेवाला तथ्य सामने आया है कि बरतन साफ करने के लिए प्रयोग किये जाने वाले स्क्रब में टॉयलेट सीट की अपेक्षा दो लाख गुना ज्यादा कीटाणु होते हैं. इतना ही नहीं कीटाणुओं का कब्जा किचन सिंक, किचन काउंटर, स्टोव, सब्जी काटने के लिए इस्तेमाल किये जाने वाले चाकू और चॉपर पर भी होता है. सुनकर आश्चर्य होता है कि जिस रसोई की साफ-सफाई और रख-रखाव में महिलाएं अपना आधा से ज्यादा दिन बिता देती हैं, घर के उसी हिस्से में बीमारी फैलानेवाले कीटाणुओं सबसे अधिक पैदा होते हैं.

रसोई की सफाई को लेकर किये गये एक सर्वे में यह चौंकानेवाला तथ्य सामने आया है कि बरतन साफ करने के लिए प्रयोग किये जाने वाले स्क्रब में टॉयलेट सीट की अपेक्षा दो लाख गुना ज्यादा कीटाणु होते हैं. इतना ही नहीं कीटाणुओं का कब्जा किचन सिंक, किचन काउंटर, स्टोव, सब्जी काटने के लिए इस्तेमाल किये जाने वाले चाकू और चॉपर पर भी होता है. सुनकर आश्चर्य होता है कि जिस रसोई की साफ-सफाई और रख-रखाव में महिलाएं अपना आधा से ज्यादा दिन बिता देती हैं, घर के उसी हिस्से में बीमारी फैलानेवाले कीटाणुओं सबसे अधिक पैदा होते हैं.

सब्जी कटर में 10 दिनों तक जिंदा रह सकते हैं कीटाणु :

विशेषज्ञों के अनुसार सब्जी काटने के बोर्ड में पनपने वाले बैक्टीरिया 10 दिनों तक जिंदा रह सकते हैं. वहीं खाने-पाने के लिए प्रयोग किये जाने वाले बरतनों में यह 60 दिनों तक जीवित रह सकते हैं. विशेषज्ञ यह भी कहते हैं कि अधिकतर भारतीय घरों में खाने-पीने के लिए स्टील के बरतनों का प्रयोग किया जाता है. स्टील पर पनपने वाले कीटाणु बरतन धोने के बाद भी ठीक तरह से साफ नहीं हो पाते, वहीं कांच या बोन चाइना के बरतनों पर ये ज्यादा बेहतर तरीके से साफ हो जाते हैं.

जरूरी है तौलिये एवं फ्रिज की सफाई :

स्क्रब के बाद रसोई में बरतन पोछने या स्लैब की सफाई करने के लिए प्रयोग किया जाने वाला तौलिया जर्म्स को पनपने और उसे फैलाने का दूसरा बड़ा जरिया होता है. ऐसे में तौलिये की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देना और एक अंतराल के बाद उन्हें बदलना बेहद जरूरी है. रसोई के कीटाणुओं का नाश करने के लिए नियमित रूप से रेफ्रिजरेटर की सफाई पर भी ध्यान देना चाहिए. रेफ्रिजरेटर को कीटाणु मुक्त बनाने के लिए थोड़े-थोड़े दिनों के अंतराल में फ्रिज को पूरा खाली करके उसे साबुन के घोल में भिगोये कपड़े से पोछ कर साफ करना जरूरी होता है.

सब्जियों की सफाई पर दें ध्यान :

बेहतर यही है कि आप खाना बनाने की प्रक्रिया के दौरान हर थोड़ी-थोड़ी देर में हाथ धोने की आदत डालें. खासतौर से कच्चा मांस, फल और सब्जियों को धोने या काटने के बाद हाथ को अच्छी तरह से धोएं. बैक्टीरिया को दूर करने के लिए गैस, स्लैब और चॉपर-कटर व चाकुओं को भी कुछ-कुछ दिनों के अंतराल में अच्छी तरह से साफ करती रहें. वहीं बाजार से लायी सब्जियों को सीधा फ्रिज या किचन में रखने की बजाय इन्हें धोने के बाद स्टोर करें. बीच-बीच में यह भी चेक करती रहें कि स्टोर की गयी सब्जियों में सड़ी सब्जियां न रखी रहें.

इन बातों का रखें ख्याल

रोजाना सोने से पहले किचन को अच्छी तरह से साफ करें. खाने-पीने के सामान को खुला न छोड़ें. मुमकिन हो तो गंदे बरतनों को धोकर रखें या किचन के बाहर रखें.- फ्रिज में खाने-पीने के सामान को 5 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर रखें. कभी भी फ्रिज में जगह न होने पर जबरजस्ती ठूस कर सामान न रखें. ऐसा करने से फ्रिज की ठंडी हवा सभीखाद्य पदार्थों तक नहीं पहुंच पाती और सड़न के कारण उनमें बैक्टीरिया पनपने लगते हैं.- मांस, सब्जियां और फल काटने के लिए अलग-अलग चाकुओं और कटिंग बोर्ड का प्रयोग करें.

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