Lal Bahadur Shastri Death Anniversary 2024: देश के दूसरे प्रधानमंत्री और ‘जय किसान, जय जवान’ का नारा देने वाले लाल बहादुर शास्त्री की आज पुण्यतिथि है.11 जनवरी 1966 को देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री इस दुनिया को अलविदा कह गए थे. उनका जन्म 2 अक्टूबर 1904 को उत्तर प्रदेश के मुगलसराय में हुआ था और निधन 61 साल की उम्र में 11 जनवरी 1966 को हो गया. भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अहम भूमिका निभाने वाले लाल बहादुर शास्त्री शास्त्री जी की पुण्यतिथि पर हम आपके लिए उनके कोट्स, लेकर आए हैं, जिसे भेज आप लाल बहादुर शास्त्री जी को याद कर सकते हैं.
साल 1964 में देश के प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के निधन के बाद शास्त्री देश के दूसरे प्रधानमंत्री बने. उन्होंने देश की खाद्य और डेयरी उत्पादन की क्षमता बढ़ाने के लिए हरित क्रांति और श्वेत क्रांति को बढ़ावा दिया
“विज्ञान और अनुसंधान के काम में सफलता बड़े और असीमित संसाधनों पर निर्भर नहीं होती है बल्कि यह परेशानियों और लक्ष्यों को संभलकर चुनने से जुड़ी हुई है. सबसे ज्यादा जरूरत समर्पण और लगातार प्रयास करते रहने की है.”
– लाल बहादुर शास्त्री
“कानून के शासन का सम्मान किया जाना चाहिए ताकि हमारे लोकतंत्र की बुनियादी संरचना को बनाए रखा जा सके और इसे और मजबूत बनाया जा सके.”
– लाल बहादुर शास्त्री
“अनुशासन और संयुक्त प्रयास देश के लिए ताकत के सबसे बड़े और असली स्रोत हैं.”
– लाल बहादुर शास्त्री
“भारत को अपना सिर शर्म से झुकाना पड़ेगा अगर एक भी व्यक्ति बचा हो जो किसी भी तरह से अछूत कहलाता हो.”
– लाल बहादुर शास्त्री
“हमें शांति के लिए वैसे ही लड़ना होगा जैसा
कि युद्ध की स्थिति में लड़ाई करते हैं.”
– लाल बहादुर शास्त्री
“मेरी समझ से प्रशासन का मूल विचार यह है कि समाज को एकजुट रखा जाये ताकि वह विकास कर सके और अपने लक्ष्यों की तरफ बढ़ सके”.
-लाल बहादुर शास्त्री
“हम ना केवल अपने लिए बल्कि पूरे विश्व के लोगों के लिए शांति और विकास में विश्वास करते हैं.
-लाल बहादुर शास्त्री
“यदि हम लगातार लड़ते रहेंगे तो हमारी ही जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा”, “हमे लड़ने के बजाय गरीबी, बीमारी और अशिक्षा से लड़ना चाहिए”.
– लाल बहादुर शास्त्री
हम दुनिया में सम्मान तभी हासिल कर सकते हैं जब हम आंतरिक रूप से मजबूत होंगे और अपने देश से गरीबी और बेरोजगारी को दूर कर सकते हैं – लाल बहादुर शास्त्री
दूसरों को सलाह देने और खुद उस पर अमल न करने को लेकर मेरे मन में हमेशा असहजता महसूस होती रही है – लाल बहादुर शास्त्री
प्रत्येक राष्ट्र के जीवन में एक समय ऐसा आता है जब वह इतिहास के चौराहे पर खड़ा होता है और उसे चुनना होता है कि उसे किस रास्ते पर जाना है – लाल बहादुर शास्त्री
हम एक व्यक्ति के रूप में मनुष्य की गरिमा, चाहे उसकी जाति, रंग या पंथ कुछ भी हो, और बेहतर, पूर्ण और समृद्ध जीवन के उसके अधिकार में विश्वास करते हैं – लाल बहादुर शास्त्री
हमें शांति के लिए बहादुरी से लड़ना चाहिए जैसे हम युद्ध में लड़े थे – लाल बहादुर शास्त्री
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