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Navratri Fifth Day 2024: नवरात्रि के पांचवे दिन करें स्कंदमाता की पूजा, जानें पूरी जानकारी

Navratri Fifth Day 2024 : नवरात्रि के पांचवे दिन करें स्कंदमाता की पूजा जिससे घर में आयेगी ढेर सारी खुशीयां आईए जानते है इस लेख के माध्यम से स्कंदमाता की पूजा करने की सारी पूजा विधि के बारे में.

Navratri Fifth Day 2024 : नवरात्रि का त्योहार देवी दुर्गा की नौ रूपों की पूजा का पर्व है, जिसमें हर दिन एक अलग देवी की पूजा की जाती है, नवरात्रि के पांचवे दिन स्कंदमाता की पूजा की जाती है, आइए जानते हैं इस दिन की विशेषताएं और पूजा विधि के बारे में:-

– स्कंदमाता का महत्व

  • स्कंदमाता देवी दुर्गा का पांचवां स्वरूप हैं और इन्हें भगवान कार्तिकेय की मां माना जाता है.
  • इन्हें ज्ञान और शक्ति की देवी माना जाता है, जो भक्तों को कठिनाइयों से उबारती हैं.
  • स्कंदमाता की पूजा से समृद्धि, सुख, और शांति की प्राप्ति होती है.

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– पूजा का दिन और मुहूर्त

  • नवरात्रि का पांचवां दिन 2024 में 7 अक्टूबर को आएगा.
  • इस दिन विशेष रूप से सुबह का समय पूजा के लिए श्रेष्ठ माना जाता है.

– पूजा की तैयारी करें

  • पूजा से पहले घर को स्वच्छ करें और पूजा स्थल को सजाएँ.
  • स्कंदमाता की प्रतिमा या चित्र को स्थापित करें.
  • फूल, फल, मिठाई, और अन्य पूजन सामग्री जैसे चंदन, कपूर, और अगरबत्ती की व्यवस्था करें.

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– पूजा विधि

  • सबसे पहले, देवी को स्नान कराएं और उन्हें सफेद वस्त्र पहनाएँ.
  • देवी को फूल और फल अर्पित करें, केला और नारियल विशेष रूप से पसंद हैं.
  • दीप जलाकर देवी की आरती करें और “ॐ देवी स्कंदमातायै नमः” का जाप करें.
  • इसके बाद, भोग अर्पित करें और श्रद्धापूर्वक देवी से मनोकामनाएं करें.

– भोग और प्रसाद

  • इस दिन विशेष रूप से केले का शेक, कुट्टू का आटा, आलू, और फल का भोग अर्पित किया जाता है.
  • पूजा के बाद भोग को प्रसाद के रूप में बाँटें.

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– रुद्राभिषेक करें

  • स्कंदमाता की पूजा के साथ रुद्राभिषेक भी किया जा सकता है, यह पूजा मानसिक शांति और समृद्धि के लिए लाभकारी होती है.

– विशेष ध्यान

  • इस दिन साधक को ध्यान और साधना करने की सलाह दी जाती है.
  • मन को शांति और स्थिरता देने के लिए देवी की स्तुति और जाप करें.

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– दूसरों के साथ बांटें

  • पूजा के बाद, प्रसाद और भोग को परिवार और मित्रों के साथ बांटें, इससे पॉजिटिव एनर्जी फैलती है.

– नवरात्रि का संदेश

  • नवरात्रि हमें जीवन में पोसिटिविटी, शक्ति, और ऊर्जा के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है.
  • स्कंदमाता की पूजा से हमें अपने भीतर की शक्ति को पहचानने और उसका उपयोग करने की प्रेरणा मिलती है.

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इस प्रकार, नवरात्रि के पांचवे दिन स्कंदमाता की पूजा करना न केवल धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि आत्मिक शांति और सामंजस्य का भी प्रतीक है, इस दिन की पूजा से हम अपने जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की कामना कर सकते हैं.

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