ऑफिस मीटिंग्स कामकाज का एक अहम हिस्सा है. मीटिंग्स से बचना तो बेहद मुश्किल है. मीटिंग्स के नाम से ही कुछ लोगों के पसीने छूटने लगते हैं. ऐसे लोगों के लिए मीटिंग एटेंड करना जंग जीतने के समान है. कुछ लोग ऐसे हैं जो काम तो बहुत अच्छा करते हैं लेकिन बोल नहीं पाते. मीटिंग में जब सबके सामने बोलने की बात होती है तो बस उनकी आवाज हलक में ही अटक जाती है. इन आदतों से कई बार लोगों को बेहद परेशानियों का भी सामना कर पड़ जाता है. कई बार आप झिझक की वजह से नहीं बोल पाते हैं तो उसका भी एक गलत इंप्रेशन जाता है, उसकी टेंशन अलग. आइये जानते हैं कि आखिर ये समस्या कुछ लोगों के साथ क्यूं होती है और किन आदतों को डेवलप करके इनसें निजात पाया जा सकता है.
कुछ लोग बिल्कुल कांफिडेट होने के बाद भी मीटिंग्स के दौरान चुप्पी साध लेते हैं. जरा भी माहौल बदलने या स्ट्रेस हो जाने पर घबराने लग जाते हैं. अगर आप भी छोटी-बड़ी बात पर घबरा जाते हैं या ऑफिस मीटिंग में आपकी व्हॉट लग जाती है तो आप अपनी पर्सनालिटी में थोड़ा सा बदलाव लाकर हर मीटिंग या टीम के बेस्ट मेंबर बन सकते हैं. हालांकि ये कोई नई या अचंभित करने वाली बात नहीं है. औसतन 10 में से 7 लोगों के साथ शुरूआत में ऐसा ही होता है. आप जैसे-जैसे अपने आत्मविश्वास को डेवलप करेंगे आपके लिए आपकी समस्या खत्म होती नजर आएगी. इनसे आप तनाव खत्म होगा और घबराहट बहुत हद तक गायब हो जाएगी. इसके बाद आप स्ट्रेस के दौरान भी काफी कॉन्फिडेंट महसूस करेंगे.
मीटिंग के दौरान आप पूरे विषय को समझें और उसके बाद फिर उस विषय पर अपनी राय दें. कोई भी सुझाव देने से पहले खुद से यह पूछ लें कि जो बोलने जा रहे हैं, वो सही है या नहीं. सबके सामने बोलने से पहले खुद को एक बार जज जरूर करें. एक छोटी-सी गलती आपके व्यक्तित्व या इमेज को खराब या धूमिल कर सकती है. मीटिंग अटेंड करते वक्त आपकी बॉडी लेंग्वेज और सही व्यवहार बहुत महत्वपूर्ण होती है. अच्छा इंप्रेशन जमाने के लिए खुद को जज करना बहुत जरूरी है.
अगर आप अपने ऑफिस की किसी मीटिंग में हैं और अपनी राय देने जा रहे हैं या आपसे कुछ पूछा जाता है तो इन बातों का ख्याल रखकर आप अपना बेहतर प्रेजेंटेशन दे सकते हैं. जब मीटिंग में आपसे पूछा जाए तो अपनी स्पष्ट राय रखें. बोलते समय लंबा वाक्य न बोलें और आसान भाषा में समझाने का प्रयास करें. मीटिंग में केवल हां-हूं का जवाब ना दें. अगर आप किसी बात से असहमत हैं तो तर्क के साथ अपनी राय रखें. मीटिंग में बातचीत की जितनी अहमियत है, उतनी ही वेल्यू आपके बैठने-उठने के तरीके की भी है. मीटिंग हॉल में सही तरीके से बैठना और हाथ पैर चलाना आपके व्यक्तित्व के प्रति राय बनाने में मदद करता है.
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मीटिंग में थोड़ी सी भी देर से न पहुंचें
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मीटिंग के दौरान बार-बार फोन कॉल लेने से बचें.
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इससे आपका ही नहीं दूसरों का ध्यान भी भटकता है.
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बिना तैयारी मीटिंग में न जाएं बल्कि पूरी तैयारी के साथ पूरे जोश के साथ मीटिंग में भाग लें.
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मीटिंग में मौजूद दूसरे लोगों को भी अपनी बात रखनें का मौका दें, ताकि वे अपनी बातों को भी रख सकें.
वर्कप्लेस में दूसरों के बीच अपनी जगह बनाने का सबसे अच्छा रास्ता है कि हमारे पास अच्छी कम्युनिकेशन स्किल्स हों. अगर आप चाहते हैं कि आप ऑफिस मीटिंग्स में अपनी बातों को दूसरों तक पहुंचा सकें कुछ बातें जरूर फॉलो करें. लोगों से अच्छी तरह बातचीत की कला आपको लोगों के बीच पहचान दिलाती है. वैसे तो बातचीत में लोग अच्छे होते हैं लेकिन किसी मीटिंग में बोलते वक्त वो घबरा जाते हैं या अच्छे से बोल नहीं पाते. इसका असर उनकी प्रोफेशनल लाइफ पर पड़ता है.
अगर आप मीटिंग्स में अच्छा प्रभाव लोगों पर डालना चाहते हैं तो मीटिंग से पहले होमवर्क करने की जरूरत है. मीटिंग शुरू होने से पहले कुछ जरूरी प्वाइंट्स अपने पास नोट कर लें. इससे आपको मीटिंग में बोलने में मदद मिलेगी. पहले से ही पता होगा कि आप किस बारे में बात करना चाहते हैं तो आप अच्छे से दूसरों तक अपनी बात पहुंचा सकते हैं.
किसी भी मीटिंग में बोलते समय आपको खुद पर विश्वास होना चाहिए. आप जो बोल रहे हैं, उसे पूरे कॉन्फिडेंस के साथ कहना चाहिए. जब आप अपनी बात कॉन्फिडेंस के साथ कहेंगे तभी लोग भी आपकी बातों को सुनेंगे.
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जब आप मीटिंग में होते हैं तो कई लोग ऐसे होते हैं जो आपकी बात के साथ सहमत नहीं होते हैं. ऐसे में आपसे सवाल होना लाजमी है. आपको इन सवालों का जवाब बेहद कूल होकर देना है. बातचीत के तरीके से ऐसा नहीं लगना चाहिए कि आप उस सवाल से खुश नहीं हैं. जवाब इस तरह से देना चाहिए कि आपकी बात और क्लियर तरीके से लोगों को समझ आए.
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