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Parenting Tips: क्या कर रहा है आपका बच्चा? ट्रुथ और डेयर गेम, झूठ और गालियों का बढ़ता खतरनाक फैशन

Parenting Tips: ट्रुथ और डेयर जैसे गेम बच्चों पर कैसे बुरा प्रभाव डाल सकते हैं. बच्चों की छोटी-छोटी गलतियों को नजरअंदाज करना उनके भविष्य के लिए खतरा बन सकता है . जानें क्यों बच्चों के बदलते व्यवहार पर ध्यान देना जरूरी है और कैसे सही मार्गदर्शन उन्हें गलत रास्ते पर जाने से रोक सकता है.

Parenting Tips: आजकल बच्चों का व्यवहार तेजी से बदल रहा है और यह बदलने का कारण कुछ और नहीं बल्कि इंटरनेट और सामाजिक परिवेश है, माता-पिता अक्सर इसे नज़रअंदाज़ कर देते हैं. लेकिन सबसे ज्यादा ध्यान देने की जरूरत यही है कि आपका बच्चा कैसी चीज सीख रहा है और कैसे लोगों के बीच उठ बैठ और खेल रहा है. कई बार हम सोचते हैं कि बच्चे हैं, उनकी छोटी-मोटी गलतियों को जाने देना चाहिए. लेकिन क्या यह सही है? बच्चों की गलतियों को नजरअंदाज करना उनके भविष्य के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. इस लेख में हम समझेंगे कि क्यों बच्चों के बदलते व्यवहार पर ध्यान देना जरूरी है और उनके जीवन में यह किस तरह की चुनौतियां खड़ी कर सकता है.

बच्चों की मॉनिटरिंग क्यों है जरूरी?

बच्चों के बदलते व्यवहार को मॉनिटर करना बेहद जरूरी है. बच्चे जब छोटे होते हैं, तो उनकी गलतियों को नजरअंदाज करना आसान लगता है, लेकिन जैसे-जैसे वे बड़े होते हैं, ये छोटी गलतियां बड़ी समस्याओं में बदल सकती हैं. अगर माता-पिता शुरुआत से ही बच्चों के व्यवहार पर ध्यान दें और उन्हें सही मार्गदर्शन दें, तो बच्चों का व्यक्तित्व सकारात्मक दिशा में विकसित होगा. मॉनिटरिंग का मतलब यह नहीं है कि बच्चों पर हर समय नजर रखी जाए और उन्हें हर काम के लिए टोकते रहें. बल्कि इसका मतलब है कि माता-पिता अपने बच्चों के साथ बातचीत करें, उनके व्यवहार को समझें, और समय-समय पर उन्हें सही और गलत की जानकारी दें. बच्चों को समझाना और उनसे संवाद बनाए रखना बेहद महत्वपूर्ण है.

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बच्चों का आपस में गाली-गलौज करना

पहले के समय में बच्चे माता-पिता के सामने शांत रहते थे और अपने दोस्तों के साथ भी मर्यादित तरीके से बात करते थे. लेकिन आजकल देखा जा रहा है कि बच्चे आपस में गाली-गलौज करने लगे हैं. यह बदलाव कहां से आ रहा है? बच्चों के सामने माता-पिता भले ही लड़ाई-झगड़ा न करें, लेकिन बच्चों का इस तरह का व्यवहार चिंता का विषय है. यह सोचने की जरूरत है कि बच्चे ऐसा क्यों कर रहे हैं और इसका प्रभाव उनके भविष्य पर क्या हो सकता है. बच्चों में इस तरह का व्यवहार कहीं न कहीं उनकेnआसपास के वातावरण, टीवी, इंटरनेट या दोस्तों के समूह से आता है. अगर यह शुरुआती स्तर पर ही नहीं रोका गया, तो यह आदतें उनके व्यक्तित्व का हिस्सा बन सकती हैं, जिससे उनके सामाजिक और व्यक्तिगत जीवन पर बुरा असर पड़ सकता है.

“ट्रुथ और डेयर” गेम का खतरा

आजकल बच्चों के बीच “ट्रुथ और डेयर” जैसा गेम बहुत लोकप्रिय हो गया है. यह गेम पहले तो मजेदार लगता है, लेकिन धीरे-धीरे यह बच्चों को खतरनाक कामों में उलझा सकता है. इस गेम में बच्चों से ऐसी हिम्मत की बातें करने को कहा जाता है, जो उन्हें किसी गलत काम में धकेल सकती हैं. उदाहरण के लिए, किसी से पैसे मांगना, सार्वजनिक जगह पर अजीब हरकतें करना, या किसी का मजाक उड़ाना. ये सभी बातें बच्चों के नैतिक विकास पर बुरा प्रभाव डालती हैं. इस तरह के गेम बच्चों को गलत रास्ते पर ले जाते हैं और उनके लिए भविष्य में गंभीर परिणाम पैदा कर सकते हैं. माता-पिता को चाहिए कि वे बच्चों की इन गतिविधियों पर नजर रखें और उन्हें सही और गलत का फर्क समझाएं.

झूठ बोलने की आदत और उसका प्रभाव

जैसे-जैसे बच्चे बड़े होते हैं, खासकर नवीं या दसवीं कक्षा तक पहुंचते-पहुंचते, उनके अंदर झूठ बोलने की आदत विकसित हो जाती है. छोटी-छोटी बातों में झूठ बोलना शुरू में शायद सामान्य लगता हो, लेकिन यह आदत लंबे समय रहे तो खतरनाक हो सकती है. जब बच्चे झूठ बोलते हैं और इससे बच निकलते हैं, तो उन्हें यह आदत और भी कारीगर और योजनाओं को भली भूत सफल करने में सार्थक लगती है. इसका असर उनकी पढ़ाई, सामाजिक संबंधों और भविष्य के करियर पर पड़ता है.

क्या करें जब बच्चे गलत व्यवहार दिखाएं?

जब भी माता-पिता अपने बच्चों के व्यवहार में कोई बदलाव देखें, तो तुरंत उस पर प्रतिक्रिया दें. चाहे वह गाली-गलौज करना हो, झूठ बोलना हो, या किसी गलत गतिविधि में शामिल होना हो, माता-पिता को चाहिए कि वे तुरंत स्थिति को संभालें. बच्चों से बातचीत करें, उनकी समस्याओं को समझें, और उन्हें सही दिशा दिखाएं. बच्चों को सजा देने की बजाय उन्हें समझाना और उनका समर्थन करना अधिक कारगर साबित होता है. उन्हें यह बताना जरूरी है कि उनके हर काम का एक परिणाम होता है, और उन्हें हमेशा सही रास्ता चुनना चाहिए.

बच्चों की छोटी गलतियों को नजरअंदाज करना क्यों खतरनाक हो सकता है?

बच्चों की छोटी गलतियों को नजरअंदाज करने से वे इन्हें सही मानने लगते हैं, जिससे उनकी आदतें बिगड़ सकती हैं. झूठ बोलना, गाली-गलौज करना और गलत गेम खेलना आगे चलकर उनके व्यक्तित्व और भविष्य पर नकारात्मक असर डाल सकता है. समय पर सही मार्गदर्शन करना जरूरी है ताकि वे सही दिशा में बढ़ सकें.

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