किसी को बहुत कम बोलने की आदत होती है, वहीं कुछ एक बार बोलना शुरू कर दे तो रुकने का नाम नहीं लेते, जबतक कि कोई उन्हें बोर होकर रुकने को ना कह दे. अब भगवान ने मुंह दिया है तो चाहे जैसी उनकी मर्जी वे वैसे ही बात करेंगे, लेकिन क्या आप जानते हैं सामने वाले के बोलने के ढंग से उसके व्यक्तित्व के बारे में पता लगाया जा सकता है. जी हां, सामुद्रिक शास्त्र में व्यक्ति के अंगों के आकार, रंग, निशान और उसके लक्षणों का अध्ययन करके व्यक्ति के बारे में जानकारी दी जाती है. इसी के अनुसार किसी भी व्यक्ति के बोलचाल का तरीका उसके बारे में बहुत कुछ कहता है. तो आइए जानते हैं कैसे.
जो लोग जल्दी-जल्दी तो बोलते हैं, लेकिन स्पष्ट नहीं बोल पाते. ऐसे लोगों का विश्वास नहीं किया जा सकता है. क्योंकि ये जल्दबाजी में बोलने के चक्कर में अपने मन में न ही कुछ छिपाकर रख पाते हैं और न ही कोई बात स्पष्ट रूप से कहते हैं. जिसके कारण भ्रम की स्थिति पैदा हो जाती है.
समुद्र शास्त्र के अनुसार, जो लोग, बहुत ही धीमी आवाज में बोलते हैं, उनमें आत्म-विश्वास की कमी होती है. ऐसे लोग खुलकर अपने -आप को व्यक्त नहीं कर पाते हैं.
जो लोग आराम से बोलते-बोलते अचानक दहाड़ कर बोलने लगते हैं, ऐसे लोग विद्वान होते हैं और इनका स्वभाव संयमी होता है. इन्हें अध्य्यन करना पसंद होता है.
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार जो लोग दूसरों की तुलना में ज्यादा ऊंची व तेज आवाज में बात करते हैं, ऐसे लोगों का स्वभाव हठी होता है. ये लोग जिद्दी होने के साथ अपनी राय दूसरों पर थोपने वाले होते हैं.
समुद्र शास्त्र के अनुसार, जो लोगों बात करते समय गंभीरता और संतुलन दिखाते है, ऐसे लोग अपने काम और कर्तव्यों को लेकर जिम्मेदार होते हैं. ये लोग अपना काम व्यवस्थित तरीके से करते हैं.