Premanand Ji Maharaj Quotes : क्रोध एक ऐसी भावनात्मक स्थिति है जो व्यक्ति के मानसिक शांति को भंग कर देती है और अक्सर गलत निर्णयों की ओर ले जाती है, इसे नियंत्रित करना और शांत रहना जीवन की सबसे महत्वपूर्ण कला है, प्रेमा नंद जी महाराज के अनुसार, क्रोध पर काबू पाकर ही हम अपने भीतर की वास्तविक शक्ति और शांति को पहचान सकते हैं, इस लेख में हम क्रोध को शांत करने के कुछ महत्वपूर्ण उपायों और प्रेरणादायक उद्धरणों के बारे में जानेंगे:-
- “क्रोध से अधिक विनाशक कोई भी शत्रु नहीं है”
- “जो व्यक्ति क्रोधित होता है, वह अपने ही नुकसान का कारण बनता है”
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- “क्रोध को शांत करने का सबसे अच्छा उपाय है, गहरी सांस लेना और खुद से पूछना कि क्या यह सही है?”
- “क्रोध में जो कुछ भी बोला जाता है, वह केवल समय का नष्ट होना है, क्योंकि यह कभी भी समाधान नहीं देता”
- “आपकी शांति ही आपकी असली शक्ति है, क्रोध केवल कमजोरी को दिखाता है”
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- “क्रोध व्यक्ति के भीतर के शत्रु को जगाता है, जबकि शांति आत्मा का मित्र बनाती है”
- “जब आप शांत रहते हैं, तो परिस्थितियाँ अपने आप शांत हो जाती हैं”
- “क्रोध को शांत करने के लिए किसी और से नहीं, बल्कि खुद से संघर्ष करना होता है”
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- “धैर्य ही क्रोध पर काबू पाने की कुंजी है, क्योंकि जब आप धैर्य रखते हैं, तब आप अपने भीतर की शक्ति को पहचानते हैं”
- “क्रोध में उठाए गए कदम, बाद में पछतावे का कारण बनते हैं”
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इन कोट्स के माध्यम से हमें यह समझने को मिलता है कि क्रोध केवल क्षणिक प्रतिक्रिया होती है, और शांतचित्त रहकर हम अपने जीवन को अधिक सुखमय बना सकते हैं.