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Shakha Pola: शाखा पोला पहनने की परंपरा, क्यों है यह हर विवाहित महिला के लिए महत्वपूर्ण?

Shakha Pola: शाखा पोलो पहनने की परंपरा न केवल एक सांस्कृतिक पहचान है, बल्कि परिवार की खुशहाली और पति की लंबी उम्र के लिए शुभ माना जाता है.

Shakha Pola: शाखा पोला सिर्फ चूड़ी नहीं, बल्कि एक पूरी परंपरा और विश्वास, की पहचान है. यह हर विवाहित महिला के लिए उतना ही महत्वपूर्ण है जितना उसकी शादी के रस्मों की अन्य जरूरी बाते यह उसे उसकी नई जिंदगी के साथ जोड़ता है, हर विवाहित महिला के लिए इसका बहुत अधिक महत्व हैं. यह सिर्फ चूड़ी नहीं है, बल्कि एक ऐसी परंपरा है जो सदियों से चली आ रही है. आइए जानते हैं, इस लेख क माध्यम से की शाखा पोलो क्या है, और क्यों यह हर विवाहित महिला के लिए ये इतना खास है.

शाखा पोला क्या है?

शाखा पोला दो अलग-अलग चूड़ियों का जोड़ा होता है. ‘शाखा’ का रंग होता है जो शंख से बनी होती है और ‘पोला’ लाल मूंगे की चूड़ी होती है. इसे ज्यादा बंगाली विवाहित महिलाएं पहनती हैं. शादी के बाद यह दोनों चूड़ियां हर विवाहित महिला के हाथों में होती हैं.

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इसकी परंपरा क्या है?

शाखा पोला पहनने खासकर बंगाल, असम और उड़ीसा जैसे पूर्वी राज्यों में ज्यादा प्रचलन में है. बंगाल में जब किसी लड़की की शादी होती है, तब उसे ‘शाखा पोला’ पहनाया जाता हैं. इसे पहनने का मतलब है कि वह अब विवाहित है और यह उसके सुहाग का प्रतीक है.

धार्मिक महत्व को जाने

शाखा पोला का धार्मिक महत्व ये है कि इसे पहनने से नकारात्मक ऊर्जा दूर रहती है और महिला का जीवन खुशहाल रहता है. सफेद शंख से बनी शाखा पवित्रता और शुद्धता का प्रतीक है, जबकि लाल मूंगे से बनी पोला ऊर्जा का प्रतीक है. यह पति की लम्बी उम्र और सुख शांति के लिए पहननी जाती हैं. इसे पहनना न केवल एक परंपरा है, बल्कि परिवार और समाज में अपनी जिम्मेदारियों को निभाने का प्रतीक भी है

क्यों है यह हर विवाहित महिला के लिए महत्वपूर्ण?

सामाजिक तौर पर भी, यह महिला को एक नई पहचान देता है. यह उसके वैवाहिक होने का प्रतीक है. शादी के बाद महिला का जीवन बदल जाता है, और शाखा पोला उसे उस नए जीवन के साथ जोड़ने में मदद करता है. यह उसे यह याद दिलाता है कि अब वह एक पत्नी है, और उसके कंधों पर परिवार की जिम्मेदारी है.

शाखा पोला पहनने का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व क्या है?

शाखा पोला पहनना विवाहित महिलाओं के लिए शुभ माना जाता है। यह सफेद शंख और लाल मूंगे की चूड़ियां पवित्रता और ऊर्जा का प्रतीक होती हैं। इसे पहनने से महिला के पति की लंबी उम्र और परिवार की समृद्धि की कामना की जाती है

क्यों है यह हर विवाहित महिला के लिए महत्वपूर्ण?

सामाजिक तौर पर भी, यह महिला को एक नई पहचान देता है. यह उसके वैवाहिक होने का प्रतीक है. शादी के बाद महिला का जीवन बदल जाता है, और शाखा पोला उसे उस नए जीवन के साथ जोड़ने में मदद करता है. यह उसे यह याद दिलाता है कि अब वह एक पत्नी है, और उसके कंधों पर परिवार की जिम्मेदारी है.

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