Swami Vivekananda Jayanti 2023: आज स्वामी विवेकानंद की जयंती है. स्वामी विवेकानंद ऐसे महान व्यक्तित्व थे, जिन्होंने पूरे विश्व में भ्रमंण कर भारत के गौरव को बढ़ाया. स्वामी विवेकानंद ने महज 25 साल की उम्र में ईश्वर और ज्ञान की प्राप्ति के लिए सांसारिक मोह माया त्याग कर सन्यास ले लिया था. उसके बाद गुरु रामकृष्ण परमहंस के शिष्य बनने के बाद उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई. 39 वर्ष की अल्पायु में इस दुनिया को छोड़ जाने के बाद भी उनके विचार आज भी युवाओं के लिए प्रेरणा-स्रोत बने हुए हैं. भारत के आध्यात्मिक गुरु स्वामी विवेकानंद के जीवन से जुड़ी ऐसी कई रोचक बातें हैं, जो हर किसी के लिए बन सकता है सफलता का मूलमंत्र.
स्वामी विवेकानंद के जन्म दिवस पर हर साल 12 जनवरी को भारत में ‘राष्ट्रीय युवा दिवस’ मनाया जाता है. बता दें इसकी शुरुआत साल 1985 से की गई थी.
बहुमुखी प्रतिभा के धनी स्वामीजी का शैक्षिक प्रदर्शन औसत था. उनको यूनिवर्सिटी एंट्रेंस लेवल पर 47 फीसदी, एफए में 46 फीसदी और बीए में 56 फीसदी अंक मिले थे.
विवेकानंद चाय के शौकीन थे. उन दिनों जब हिंदू पंडित चाय के विरोधी थे, उन्होंने अपने मठ में चाय को प्रवेश दिया. एक बार बेलूर मठ में टैक्स बढ़ा दिया गया था. कारण बताया गया था कि यह एक प्राइवेट गार्डन हाउस है. बाद में ब्रिटिश मजिस्ट्रेट की जांच के बाद टैक्स हटा दिए गए.
विवेकानंद ने कई अलग-अलग क्षेत्रों से दैवीय प्रभाव था. वह 1880 में ब्रह्म समाज के संस्थापक और रवींद्रनाथ टैगोर के पिता देबेंद्रनाथ टैगोर से मिले थे. जब उन्होंने टैगोर से पूछा कि क्या उन्होंने भगवान को देखा है, तो देबेंद्रनाथ टैगोर ने जवाब दिया, मेरे बच्चे, आपके पास योगी की आंखें हैं.
भगवान से जुड़े सवालों में नरेंद्रनाथ की कोई मदद नहीं कर पाता था. जब वह 1881 में रामकृष्ण परमहंस से मिले, तब उन्होंने रामकृष्ण से वही प्रश्न पूछा, तो उन्होंने उत्तर दिया, हां मैंने देखा है, मैं भगवान को उतना ही साफ देख पा रहा हूं जितना कि तुम्हें देख सकता हूं. बस फर्क इतना ही है कि मैं उन्हें तुमसे ज्यादा गहराई से महसूस कर सकता हूं. रामकृष्ण परमहंस जी के इस जवाब ने विवेकानंद के जीवन पर गहरी छाप छोड़ी थी.