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West Bengal tourism: मां भवतारिणी का ऐतिहासिक मंदिर है “दक्षिणेश्वर काली मंदिर”

West Bengal Tourism: दक्षिणेश्वर काली मंदिर एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल और धार्मिक केंद्र है. यह हुगली नदी के तट पर स्थित अत्यंत सुंदर मंदिर है. तो आइए आज आपको बताते हैं इस मंदिर से जुड़ी कुछ रोचक बातें.

West Bengal Tourism: पश्चिम बंगाल अपने खूबसूरत पहाड़, समुद्र तट, मनमोहक जंगल, जैव विविधता, कला, संस्कृति और प्राचीन मंदिरों के लिए विश्व स्तर पर प्रसिद्ध है. यहां मौजूद कई मंदिर अपने इतिहास और स्थापत्य कला के लिए दुनिया भर में मशहूर हैं. बंगाल की संस्कृति और कला विश्व स्तर पर पर्यटकों के बीच आकर्षण का मुख्य केंद्र है. पश्चिम बंगाल के कोलकाता में स्थित दक्षिणेश्वर काली मंदिर ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टिकोण से काफी समृद्ध है. अगर आप पश्चिम बंगाल आने का प्लान बना रहे हैं, तो दक्षिणेश्वर काली मंदिर जरूर जाएं.

West Bengal tourism: कैसे आएंगे यहां

दक्षिणेश्वर काली मंदिर पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में स्थित है. यह ऐतिहासिक मंदिर हुगली नदी के तट पर स्थित है. इस मंदिर का इतिहास काफी रहस्यमय है. यह प्रसिद्ध मंदिर कोलकाता रेलवे स्टेशन से महज 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. रांची से इस मंदिर की दूरी लगभग 400 किमी है. यह मंदिर मां भवतारिणी को समर्पित है, जो मां काली का ही दूसरा नाम है. मां दक्षिणेश्वर काली मंदिर अपने चमत्कारिक शक्ति के लिए पर्यटकों के बीच काफी प्रसिद्ध है.

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West Bengal tourism: जाने इसका ऐतिहासिक महत्व

दक्षिणेश्वर काली मंदिर बंगालियों के प्रमुख धार्मिक और अध्यात्म केंद्रों में से एक है. प्रचलित कहानियों के अनुसार मां काली के आदेश पर इस मंदिर का निर्माण करवाया गया था. इस मंदिर को पश्चिम बंगाल की रानी रासमनी ने बनवाया था. वह एक धनी स्त्री थी, जिन्हें मां काली के प्रति अपार श्रद्धा थी. वह धार्मिक स्वभाव की महिला थी. एक बार उन्हें तीर्थ यात्रा करने की इच्छा हुई और उन्होंने निश्चय किया कि वह वाराणसी से अपनी तीर्थ यात्रा शुरू करेंगी. पर यात्रा शुरू करने के ठीक 1 दिन पहले रानी रासमनी के साथ एक रहस्यमयी घटना घटी, मां काली उनके सपने में प्रकट हुई, जिसमें मां काली ने उनसे कहा वाराणसी जाने की आवश्यकता नहीं है. तुम गंगा के किनारे मंदिर का निर्माण कर मेरी एक प्रतिमा को स्थापित करो. “मैं उस मंदिर की प्रतिमा में स्वयं प्रकट होकर श्रद्धालुओं की पूजा को स्वीकार करुंगी”. इस घटना के बाद रानी ने दक्षिणेश्वर काली मंदिर का निर्माण करवाया. इस मंदिर से स्वामी विवेकानंद जी के गुरु रामकृष्ण परमहंस का भी खास जुड़ाव रहा है. रामकृष्ण परमहंस मां काली के बहुत बड़े भक्त थे. दक्षिणेश्वर काली मंदिर में मां काली ने रामकृष्ण परमहंस को साक्षात दर्शन दिए थे. आज के समय में भी दक्षिणेश्वर काली मंदिर में रामकृष्ण परमहंस का कमरा मौजूद है, जहां उनका पलंग और दूसरे स्मृतिचिह्न सुरक्षित रखे हुए हैं. इस मंदिर के बाहर वट वृक्ष है, जिसके नीचे बैठकर रामकृष्ण परमहंस ध्यान साधना करते थे. मंदिर के बाहर की ओर ही रानी रासमनी और रामकृष्ण परमहंस की पत्नी मां शारदा का समाधि मंदिर भी मौजूद है. दक्षिणेश्वर काली मंदिर एक प्रख्यात दार्शनिक स्थल है, जो हिंदू धर्म का प्रमुख केंद्र है.

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