Jharkhand Tourism: कुछ ही दिनों में सावन का महीना शुरू होने वाला है. भगवान भोलेनाथ के इस पावन महीने का भक्त सालभर इंतजार करते हैं. इस बार 22 जुलाई को सावन शुरू होने वाला है. इस दौरान पूरे महीने भगवान शिव के सभी मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना की जाती है, जिसमें भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहते हैं. इसे लेकर सावन शुरू होने से पहले ही सभी मंदिरों में तैयारियां शुरू हो जाती हैं. झारखंड में भी भगवान शिव के कई प्रसिद्ध मंदिर मौजूद हैं, जिनमें से एक है पहाड़ी मंदिर. अगर आपने भी सावन में झारखंड घूमने का प्लान बनाया है, तो जरुर विजिट करें पहाड़ी मंदिर.
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Jharkhand Tourism: क्या है इतिहास
झारखंड की राजधानी रांची में एक पहाड़ की चोटी पर स्थित है पहाड़ी मंदिर. यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित एक पवन धाम है, जहां नाग देवता की भी विशेष पूजा की जाती है. बताया जाता है की पहाड़ी पर स्थित नाग देवता का स्थल 55 हजार साल पुराना है. इस पहाड़ी का इतिहास लाखों साल पुराना है. इस जगह अंग्रेजों के समय में स्वतंत्रता सेनानियों को फांसी दी जाती थी. यही कारण है पहाड़ी मंदिर में आजादी के बाद हर साल 15 अगस्त और 26 जनवरी को झंडा फहराया जाता है. पहाड़ी पर स्थित बाबा भोलेनाथ का यह मंदिर काफी खूबसूरत है. मंदिर प्रांगण से पहाड़ी के चारों ओर बिखरी हरियाली देखी जा सकती है. पहाड़ी मंदिर से पूरा रांची शहर बेहद सुंदर दिखाई पड़ता है. पहाड़ी मंदिर का पुराना नाम तिरीबुरु था, जिसे अंग्रेजों ने बदलकर हैंगिंग गैरी कर दिया था. पहाड़ी पर स्थित इस मंदिर का इतिहास काफी पुराना और दिलचस्प रहा है.
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Jharkhand Tourism: क्यों खास है पहाड़ी मंदिर
झारखंड आने वाले सैलानी पहाड़ी मंदिर जरूर जाते हैं. सावन महीने में इस मंदिर का महत्व और ज्यादा बढ़ जाता है. इस दौरान मंदिर में बाबा भोलेनाथ की विशेष पूजा अर्चना का आयोजन होता है. हजारों की संख्या में भक्त रोजाना लाइन में लगकर बाबा का आशीर्वाद प्राप्त करने मंदिर पहुंचते हैं. पहाड़ी मंदिर धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में प्रसिद्ध है. जमीन से करीब 350 फीट ऊंची पहाड़ी मंदिर में 468 सीढ़ियां हैं, जिस पर चढ़कर आप मंदिर तक पहुंच सकते हैं. कहा जाता है श्रावण मास में पहाड़ी मंदिर में स्थापित शिवलिंग का दर्शन करना काफी शुभ होता है. पहाड़ी मंदिर से कुछ ही दूरी पर नाग देवता की गुफा है, जहां लोग नाग देवता को दूध पिलाने और उनकी पूजा करने जाता है. पूरे सावन महीने हर रोज ताजा और सुंदर फूलों से बाबा का भव्य श्रृंगार होता है. भगवान के इस मनमोहक रूप को देखने सुबह तीन चार बजे से ही लाइन लगनी शुरू हो जाती है. माना जाता है कि इस मंदिर में मांगी गई मनोकामना जरुर पूरी होती है. पहाड़ी मंदिर एक खूबसूरत धार्मिक स्थल है जो पर्यटन क्षेत्र के रूप में भी मशहूर है.
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