12.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Jharkhand Tourism: इस प्राचीन शिवालय में पाताल गंगा से होता है शिवलिंग का जलाभिषेक

Jharkhand Tourism: झारखंड में मौजूद अनेकों प्राचीन शिवालयों में से एक है कालेश्वर मंदिर. इस मंदिर में दो शिवलिंग एक साथ स्थापित हैं. तो आइए पवित्र सावन महीने में जानते हैं इस मंदिर का महत्व और इतिहास.

Jharkhand Tourism: झारखंड राज्य प्राकृतिक संसाधनों के साथ प्राचीन मंदिरों से भी संपन्न है. यहां भगवान शिव के कई प्राचीन मंदिर मौजूद हैं, जहां सावन माह में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है. श्रावण मास में पूरा झारखंड बाबा की भक्ति में लीन नजर आता है. बाबा बैद्यनाथ धाम से लेकर पहाड़ी मंदिर तक विभिन्न शिवालयों का नजारा काफी रमणीक दिखता है. झारखंड में मौजूद इन्हीं प्राचीन शिव मंदिरों में से एक है कालेश्वर मंदिर. अगर आप भी सावन में प्राचीन शिवालयों में दर्शन-पूजन करना चाहते हैं, तो जरूर आएं कालेश्वर मंदिर.

Sawan 2024: ढाई सौ साल पुराना है मंदिर का इतिहास

जमशेदपुर से लगभग 15 किलोमीटर दूर आसनबनी में स्थित एक प्रसिद्ध शिवालय है कालेश्वर मंदिर. कहा जाता है इस प्राचीन मंदिर में स्थापित शिवलिंग का इतिहास करीब ढाई सौ साल पुराना है. इसकी खोज राम लखन नाम के एक साधु ने की थी. शिवलिंग की खोज के करीब 100 साल बाद हावड़ा-मुंबई रेल लाइन बिछाने का काम शुरू किया गया था. उसी दौरान ठेकेदार ने अपने कार्य को सफलतापूर्वक करने के लिए शिव मंदिर बनाने की मुराद मांगी थी और मंदिर का निर्माण करवाया था.

इस प्राचीन शिव मंदिर के प्रति लोगों में अपार श्रद्धा और विश्वास है. यहां का दृश्य सावन के दौरान काफी मनोरम हो जाता है. श्रावण मास में बड़ी संख्या में श्रद्धालु बाबा के दर्शन करने कालेश्वर मंदिर पहुंचते हैं. यहां स्थापित जोड़ा शिवलिंग को लेकर कई मान्यताएं प्रचलित हैं.

Also Read: Jharkhand Tourism: देव गांव नाम से मशहूर इस जगह को भगवान विश्वकर्मा ने बसाया था

Sawan 2024: यहां स्थापित है दो शिवलिंग

स्थानीय लोगों का कहना है कि कालेश्वर मंदिर में स्थापित जोड़ा शिवलिंग स्वयंभू है, जो लोगों के बीच आकर्षण का मुख्य केंद्र है. इस प्राचीन मंदिर में स्थापित दोनों शिवलिंग महज 6 इंच की दूरी पर स्थित हैं.

इस मंदिर के पास एक कुआं मौजूद है, जिसे किसी ने नहीं बनाया है बल्कि यह खुद से बना है. यही कारण है करीब 3 फीट गहरे इस कुएं को पाताल या गुप्त गंगा कहा जाता है. कालेश्वर मंदिर में स्थापित शिवलिंग पर इसी पाताल गंगा के जल से जलाभिषेक होता है. इस रहस्यमय कुएं के बारे में कहा जाता है कि इसका पानी कभी नहीं सूखता है. प्रचंड गर्मी में भी इसकी धार उतनी ही रहती है. कालेश्वर मंदिर झारखंड में मौजूद प्राचीन शिव मंदिरों में से एक है.

Also Read: Jharkhand Tourism: सारंडा के जंगल में मौजूद है एक बेहद आकर्षक और खूबसूरत झरना

Also Read: Jharkhand Tourism: इस प्रसिद्ध मंदिर में भगवान श्री राम ने की थी सूर्य देव की आराधना

जरूर देखें:

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें