MP Tourism: इंदौर के चहल-पहल भरे शहर में, खजराना गणेश मंदिर (Khajrana Ganesha Temple) आध्यात्मिकता और भक्ति का प्रतीक है, जो हजारों भक्तों और पर्यटकों को आकर्षित करता है. भगवान गणेश को समर्पित यह पूजनीय मंदिर न केवल पूजा का स्थान है, बल्कि इस क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और धार्मिक उत्साह का प्रतीक भी है.
क्या है खजराना गणेश मंदिर के उल्टे स्वास्तिक का रहस्य
खजराना गणेश मंदिर(Khajrana Ganesha Temple) का इतिहास भव्य है, यहां भक्त की मांगी गई हर मनोकामना की पूर्ति होती है.अपनी मनोकामना मांगते समय भक्त भगवान श्री गणेश की मूर्ति की पीठ पर उल्टा स्वास्तिक बनाते है और मनोकामना के पूरे होने पर सीधा स्वस्तिक बनाते है व बप्पा को लड्डू और मोदक का भोग लगाया जाता है.
रानी अहिल्याबाई होलकर ने करवाया था निर्माण कार्य
इंदौर के खजराना इलाके में स्थित खजराना गणेश मंदिर (The Khajrana Ganesha Temple) की स्थापना 19वीं शताब्दी की शुरुआत में होलकर राजवंश के द्वारा की गई थी. ऐसा माना जाता है कि मंदिर का निर्माण रानी अहिल्याबाई होलकर (Rani Ahilyabai Holkar) ने करवाया था, जो हिंदू परंपराओं के प्रति अपनी धर्मपरायणता और समर्पण के लिए जानी जाती थीं.
कहा जाता है कि मंदिर का निर्माण भगवान गणेश की मूर्ति रखने के लिए किया गया था, जिसे मूल रूप से रानी के पति मल्हार राव होलकर ने इंदौर के आसपास के जंगलों में खोजा था.
होल्कर वंश की भव्यता को दर्शाता है यह मंदिर
खजराना गणेश मंदिर(The Khajrana Ganesha Temple) की डिजाइन बेहद ही सुंदर है जो कि इंदौर के होल्कर राजवंश की भव्यता को दर्शाती है.मुख्य संरचना में जटिल नक्काशी और एक राजसी प्रवेश द्वार है, जो विस्तृत रूपांकनों और मूर्तियों से सुसज्जित है.
मंदिर के केंद्रीय हॉल में भगवान गणेश की एक बड़ी मूर्ति है. संगमरमर से बनी यह मूर्ति सोने और कीमती पत्थरों से खूबसूरती से सजी हुई है, जो इसकी दिव्य आभा को बढ़ाती है.मंदिर परिसर में विभिन्न देवताओं को समर्पित कई छोटे मंदिर भी हैं, जो इसके आध्यात्मिक माहौल को बढ़ाते हैं. जिसमें हरे-भरे बगीचे हैं जो शांति और प्रेरणा की तलाश करने वाले आगंतुकों के लिए एक शांतिपूर्ण वातावरण बनाते हैं.
बुधवार को आते है भक्त बड़ी संख्या में आशीर्वाद लेने
खजराना गणेश मंदिर भगवान श्री गणेश को समर्पित अत्यंत प्राचीन मंदिर है यहां पर हर रोज हजारों भक्त दर्शन करने के लिए पहुंचते है. गणेश चतुर्थी के पवन अवसर पर यहां विशेष आयोजन किया जाता है, बुधवार को यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की संख्या दर्ज की जाती है.पूरे साल, मंदिर आशीर्वाद लेने और अनुष्ठान करने वाले भक्तों के लिए एक लोकप्रिय गंतव्य बना रहता है.
मंदिर का प्रबंधन भक्तों की जरूरतों को पूरा करने के लिए विशेष प्रार्थना, हवन (पवित्र अग्नि अनुष्ठान) और प्रसाद (अर्पण) सहित विभिन्न सेवाए भी प्रदान करता है.
इंदौर के विभिन्न हिस्सों से खजराना गणेश मंदिर तक आसानी से पहुंचा जा सकता है, मंदिर परिसर तक जाने वाली अच्छी तरह से बनाए रखी गई सड़कें हैं. यह रोजाना सुबह से देर शाम तक खुला रहता है, मंदिर शहर के एक हलचल भरे हिस्से में स्थित है, जहां दूर से आने वालों के लिए आस-पास कई आवास और भोजन विकल्प हैं.
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