Sawan 2024: ऋषिकेश(Rishikesh), जिसे ‘विश्व की योग राजधानी’ कहा जाता है, न केवल अपने आध्यात्मिक और ध्यानपूर्ण माहौल के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि अपने प्रतिष्ठित शिव मंदिरों के लिए भी प्रसिद्ध है. भगवान शिव को समर्पित ये मंदिर (Must Visit Places During Sawan) सावन के शुभ महीने के दौरान इन मंदिरों के दर्शन करना एक गहन आध्यात्मिक अनुभव है.
सावन के पावन महीने में जरूर करे इन मंदिरों के दर्शन
1. नीलकंठ महादेव मंदिर
ऋषिकेश से लगभग 32 किलोमीटर की दूरी पर स्थित, नीलकंठ महादेव मंदिर घने जंगलों और सुरम्य घाटियों के बीच बसा एक प्रमुख तीर्थ स्थल है. मंदिर का नाम भगवान शिव के नीलकंठ (नीला कंठ) के नाम पर रखा गया है, जो ब्रह्मांड को बचाने के लिए समुद्र मंथन (समुद्र मंथन) के दौरान उनके द्वारा निगले गए विष का प्रतीक है. सावन के दौरान तीर्थयात्री यहां आशीर्वाद लेने, विशेष अनुष्ठानों और समारोहों में भाग लेने के लिए आते हैं.
2. त्रयंबकेश्वर मंदिर (तेरह मंजिल मंदिर)
त्रयंबकेश्वर मंदिर, जिसे तेरह मंजिलों के कारण तेरा मंजिल मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, गंगा के तट पर स्थित एक प्रतिष्ठित संरचना है. यह बहुमंजिला मंदिर नदी और आसपास की पहाड़ियों के शानदार दृश्य प्रस्तुत करता है. प्रत्येक मंजिल पर विभिन्न देवताओं को समर्पित मंदिर हैं, जिनमें से मुख्य मंदिर भगवान शिव को समर्पित है. यह मंदिर अपनी वास्तुकला और शांत वातावरण के कारण भक्तों और पर्यटकों के बीच विशेष रूप से लोकप्रिय है.
3. भूतनाथ मंदिर
ऋषिकेश में एक और महत्वपूर्ण शिव मंदिर, भूतनाथ मंदिर है, मंदिर एक किंवदंती से जुड़ा हुआ है जिसके अनुसार भगवान शिव, देवी पार्वती से विवाह करने के लिए जाते समय यहां रुके थे. यह मंदिर अन्य मंदिरों की तुलना में कम भीड़भाड़ वाला है. भक्त सावन के दौरान भगवान शिव का आशीर्वाद लेने और इस पवित्र स्थान को घेरने वाली शांति का अनुभव करने के लिए आते हैं.
4. सोमेश्वर महादेव मंदिर
ऋषिकेश क्षेत्र के हरे-भरे परिवेश में स्थित, सोमेश्वर महादेव मंदिर भगवान शिव को समर्पित महादेव मंदिर रत्न है. यह क्षेत्र के सबसे पुराने मंदिरों में से एक माना जाता है, जो उन भक्तों को आकर्षित करता है जो ईश्वर के साथ अधिक अंतरंग और शांतिपूर्ण संबंध का अनुभव करना चाहते हैं.
सावन के दौरान ऋषिकेश में इन शिव मंदिरों के दर्शन करना आध्यात्मिक रूप से समृद्ध करने वाला अनुभव है. ऋषिकेश की प्राकृतिक सुंदरता और भगवान शिव की दिव्य उपस्थिति का संयोजन इन मंदिरों को इस शुभ महीने के दौरान शांति, भक्ति और आशीर्वाद की तलाश करने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए अवश्य जाना चाहिए.
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