Deoghar, Jharkhand,Shravani Mela: श्रावणी मेला झारखंड के देवघर में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है.श्रावण (जुलाई-अगस्त) के शुभ महीने में आयोजित होने वाला यह एक महीने तक चलने वाला त्योहार भारत और विदेशों से लाखों भक्तों को आकर्षित करता है.
देवघर में श्रावणी मेला क्यों मनाया जाता है?
देवघर, जिसे अक्सर “देवताओं का निवास” कहा जाता है, बाबा बैद्यनाथ मंदिर(Baba Baidyanath Temple) का घर है, जो बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक और 51 शक्तिपीठों में से एक है. श्रावणी मेले के संदर्भ में देवघर का महत्व हिंदू पौराणिक कथाओं में गहराई से निहित है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, लंका के राक्षस राजा रावण ने भगवान शिव की बहुत पूजा की और अपने दस सिर बलि के रूप में अर्पित कर दिए. उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान शिव रावण की चोटों को ठीक करने के लिए पृथ्वी पर उतरे, इसलिए इसका नाम बैद्यनाथ पड़ा.
बाबा बैद्यनाथ धाम: पवित्र निवास
बाबा बैद्यनाथ धाम न केवल एक ज्योतिर्लिंग है, बल्कि आध्यात्मिक महत्व का भी स्थान है. भक्तों का मानना है कि श्रावणी मेले के दौरान यहां पूजा करने से उनकी इच्छाएं पूरी होती हैं और उन्हें दिव्य आशीर्वाद मिलता है.
श्रावणी मेले का महत्व
श्रावणी मेले का बहुत धार्मिक महत्व है. इस अवधि के दौरान, भक्त, जिन्हें कांवरिया के नाम से जाना जाता है, बिहार के सुल्तानगंज से देवघर तक की कठिन तीर्थयात्रा करते हैं, जो लगभग 105 किलोमीटर की दूरी पैदल तय करते हैं.वे सुल्तानगंज में गंगा नदी से पवित्र जल एकत्र करते हैं और इसे बाबा बैद्यनाथ मंदिर में भगवान शिव को चढ़ाने के लिए सजे हुए बर्तनों में ले जाते हैं। माना जाता है कि भक्ति और तपस्या का यह कार्य आत्मा को शुद्ध करता है और दिव्य आशीर्वाद प्रदान करता है.
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श्रावणी मेले के दौरान देवघर कैसे पहुंचें
श्रावणी मेले के दौरान देवघर पहुंचने के लिए परिवहन के विभिन्न साधनों की सुविधा है.
1. ट्रेन द्वारा
देवघर का निकटतम रेलवे स्टेशन जसीडीह जंक्शन है, जो लगभग 7 किलोमीटर दूर स्थित है. जसीडीह कोलकाता, पटना और दिल्ली जैसे प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है. तीर्थयात्रियों की भीड़ को समायोजित करने के लिए मेले के दौरान अक्सर विशेष ट्रेनों की व्यवस्था की जाती है.
देवघर रेलवे स्टेशन: हाल ही में उद्घाटन किया गया यह स्टेशन देवघर को सीधी कनेक्टिविटी प्रदान करता है, जिससे श्रद्धालुओं के लिए यात्रा अधिक सुविधाजनक हो जाती है.
2. बस द्वारा:
रांची, पटना और कोलकाता जैसे आस-पास के शहरों से देवघर के लिए कई सरकारी और निजी बसें चलती हैं. श्रावणी मेले के दौरान, बढ़ती भीड़ को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त बस सेवाएँ निर्धारित की जाती हैं.जसीडीह जंक्शन या देवघर बस स्टैंड से, बाबा बैद्यनाथ मंदिर और अन्य नज़दीकी गंतव्यों तक तीर्थयात्रियों को ले जाने के लिए स्थानीय रिक्शा और टैक्सियां उपलब्ध हैं.
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देवघर में श्रावणी मेला आस्था, भक्ति और सांस्कृतिक विरासत का एक जीवंत संगम है. बाबा बैद्यनाथ धाम की यात्रा, कठिन तीर्थयात्रा और भक्तों की सामूहिक भावना इस त्योहार को एक गहन आध्यात्मिक अनुभव बनाती है.
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