गर्मी की छुट्टियों में बच्चे अक्सर बाहर जाने की जिद करते हैं. यदि आपका बाहर जाने का प्रोग्राम बनता है, तो इस बार बिहार में मौजूद नेशनल पार्क और वाइल्डलाइफ सेंचुरी की सैर कीजिए. यहां आकर आपको प्रकृति के सानिध्य का अहसास होगा.
Life Style : Travel
बिहार कई महान साम्राज्य के उत्थान-पतन का साक्षी रहा है. चाणक्य जैसे महान शिक्षक, दार्शनिक, अर्थशास्त्री और रणनीतिज्ञ की कर्मभूमि रहे इस राज्य के 12 जिलों से गंगा गुजरती है. गंगा के अथाह प्रवाह से सिंचित इस राज्य में अनेक दर्शनीय स्थल हैं. यह राज्य विभिन्न वनस्पतियों, जीव-जंतुओं का घर भी है. यहां ऐसे अनेक दर्शनीय स्थल भी हैं जो आपको इस राज्य की प्राचीन संस्कृति व समृद्ध विरासत से परिचित कराते हैं. फिलहाल चलिए आपका लिये चलते हैं यहां के नेशनल पार्क, वाइल्डलाइफ सेंचुरी और झरनों की तरफ.
वाल्मीकि नगर टाइगर रिजर्व
यह बिहार का एकमात्र टाइगर रिजर्व है, जो पश्चिम चंपारण में स्थित है. 880 वर्ग किलोमीटर, यानी 310 वर्ग मील में फैला यह Reserve भारत में स्थापित 18वां टाइगर रिजर्व था. यहां बाघ के अतरिक्त तेंदुआ, भालू, जंगली कुत्ता, बाइसन, जंगली सूअर, फ्लाइंग फॉक्स, फ्लाइंग स्क्विरेल, जंगली बिल्ली, लंगूर के साथ-साथ हिरण व मृग की अनेक प्रजातियों को आप देख सकते हैं. इसके साथ ही यहां पक्षियों की 250 से अधिक प्रजातियां और विभिन्न प्रकार के सांप और तितलियां भी हैं. वर्ष 1998 के भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण की रिपोर्ट के अनुसार, यहां सात प्रकार की वनस्पतियां हैं. यह रिजर्व पेड़ों की 84 प्रजातियों (साल, सागवान, बांस और गन्ने), 32 झाड़ियां और 81 जड़ी-बूटी और घास की विभिन्न प्रजातियों का घर भी है. यहां से आप हिमालय का दीदार भी कर सकते हैं.
ऐसे पहुंचे
नजदीकी एयरपोर्ट जयप्रकाश नारायण इंटरनेशल एयरपोर्ट है, जबकि वाल्मिकी नगर रेलवे स्टेशन नजदीकी रेलवे स्टेशन है. यह स्थल सड़क मार्ग से भी अच्छी तरह जुड़ा हुआ है.
गोगाबिल लेक
कटिहार जिले के अमदाबाद ब्लॉक स्थित यह लेक बिहार के सबसे बड़े वेटलैंड में से एक है. 217 एकड़ में फैला यह लेक 300 प्रवासी पक्षियों का घर है. ये पक्षी मानसून व सर्दियों में कैस्पियन सागर और साइबेरियन क्षेत्र से उड़कर यहां आते हैं. मानसून के समय गंगा और महानंदा नदी के जल से यह झील पूरी तरह भर जाता है. इसी कारण इसमें वर्षभर पानी रहता है. चूंकि यह झील बारहमासी, यानी स्थायी है, इस कारण यहां प्रवासी पक्षी के अतिरिक्त विभिन्न प्रकार के थलीय और जलीय जीव, पक्षी और पौधे भी पाये जाते हैं. बड़े पैमाने पर वनस्पति और जीव-जंतुओं के होने के कारण यह स्थान लोगों को काफी पसंद आता है.
ऐसे पहुंचे
बागडोगरा यहां का नजदीकी एयरपोर्ट, जबकि कटिहार जंक्शन नजदीकी रेलवे स्टेशन है. मनिहारी नजदीकी बस स्टैंड है.
विक्रमशीला गंगा डॉल्फिन सेंचुरी
विक्रमशिला गंगा डॉल्फिन सेंचुरी (वीजीडीएस) भारत की एकमात्र डॉल्फिन सेंचुरी है. भागलपुर जिले में स्थित यह सेंचुरी संकटग्रस्त गंगा नदी के डॉल्फिन (Platanista gangetica) के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है. गंगा की डॉल्फिन को भारत का राष्ट्रीय जलीय जीव घोषित किया गया है. यह अभयारण्य भागलपुर जिले में सुल्तानगंज से कहलगांव तक गंगा नदी का 60 किलोमीटर लंबा हिस्सा है. वर्ष 1991 में इसे संकटग्रस्त गंगा डॉल्फिन सेंचुरी के रूप में अधिसूचित किया गया था. वीजीडीएस सैकड़ों भारतीय स्किमर्स (Rynchops albicollis), पलास फिश ईगल (Haliaeetus leucoryphus), ग्रेटर स्पॉटेड ईगल (Clanga clanga) और लेसर केस्ट्रेल (Falco naumanni) का घर है. इतना ही नहीं, इस अभयारण्य में घड़ियाल (गेवियलिस गैंगेटिकस), विभिन्न प्रकार के मीठे पानी के कछुए और मछली की विभिन्न प्रजातियां भी बड़ी संख्या में रहती हैं.
ऐसे पहुंचे
यदि आप हवाई मार्ग से यहां जाना चाहते हैं, तो जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल एयरपोर्ट नजदीकी एयरपोर्ट है. आप यहां रेल व सड़क मार्ग से भी जा सकते हैं. भागलपुर रेल व सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है.
भीमबांध वन्य जीव अभ्यारण्य
मुंगेर जिला के दक्षिण-पश्चिम में स्थित भीमबांध वन्य जीव अभ्यारण्य 682 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. यहां घने जंगलों के साथ-साथ कई गर्म पानी के झरने भी हैं, जिनमें भीमबांध, सीता कुंड, ऋषि कुंड, रामेश्वर कुंड, खड़गपुर झील आदि हैं. यहां के सभी झरनों में पूरे वर्ष लगभग समान तापमान बना रहता है. भीमबांध झरने का तापमान सबसे अधिक (52 डिग्री से 65 डिग्री सेल्सियस) रहता है. प्रसिद्ध खड़गपुर रेंज में स्थित भीमबांध सेंचुरी दक्षिण में छोटा नागपुर के पठार, उत्तर में गंगा नदी और पूर्व में संथाल परगना से घिरा हुआ है. माना जाता है कि पांडु पुत्र भीम ने यहां एक बांध का निर्माण किया था. इसलिए इसे भीमबांध कहा जाता है. यहां आप बाघ, तेंदुआ, भालू, सांबर, चार सिंग वाले मृग और चितल को देख सकते हैं. यहां पक्षियों की 100 से अधिक प्रजातियां भी हैं, जिनमें कई winter migratory bird भी शामिल हैं जो सेंचरी के वाटर बॉडीज को अपना ठिकाना बनाते हैं.
ऐसे पहुंचे
जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल एयरपोर्ट यहां का नजदीकी एयरपोर्ट है, जबकि जमालपुर रेलवे स्टेशन मुंगेर से महज छह किमी दूर है. यदि आप सड़क मार्ग से जाना चाहते हैं, तो पटना से मुंगेर पांच घंटे में पहुंच सकते हैं. पटना रेलवे स्टेशन से मुंगेर के लिए टैक्सी और बस दोनों ही उपलब्ध हैं.