Jharkhand Tourism: योगदा सत्संग सोसायटी ऑफ इंडिया पूरे भारत में फैली योगदा आश्रम की श्रृंखला है, जिसकी शुरुआत इस श्रृंखला के संस्थापक परमहंस योगानंद ने की थी. इन आश्रम को बनाने के पीछे परमहंस योगानंद का उद्देश्य लोगों को ध्यान-योग के लिए शांत वातावरण देना था. रांची में मौजूद योगदा सत्संग आश्रम पर्यटकों के आकर्षण का मुख्य केंद्र है. यहां सैलानी इस आश्रम की खूबसूरती निहारने और यहां के शांत वातावरण में सुकून का समय बिताने आते हैं. अगर आप भी झारखंड घूमने आ रहे हैं तो जरूर आएं योगदा सत्संग सोसायटी.
Jharkhand Tourism: इस आश्रम में मिलता है मन को सुकून
झारखंड की राजधानी रांची के चुटिया में मौजूद है योगदा सत्संग सोसायटी आश्रम. यह आश्रम एक मेडिटेशन सेंटर है, जहां लोग मानसिक शांति के लिए आते हैं. इस आश्रम के बगीचे में अलग-अलग तरीके के वृक्ष और पौधे लगाकर रखे गए हैं, जिसे देखकर मन को सुकून मिलता है. बड़ी संख्या में सैलानी योगदा सत्संग आश्रम घूमने आते हैं. यह रांची का एक प्रमुख पर्यटन केंद्र है, जहां आकर लोगों को आध्यात्मिक ज्ञान मिलता है. योगदा सत्संग सोसायटी आश्रम अपनी खूबसूरती और आध्यात्म के लिए लोगों के बीच लोकप्रिय है. यहां सालों पुराने इस आश्रम को देखने लोग दूर-दूर से आते हैं.
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Jharkhand Tourism: 100 साल पुराना है इतिहास
योगदा सत्संग सोसायटी आश्रम का इतिहास 100 सालों से ज्यादा पुराना है. आश्रम की प्राकृतिक सुंदरता और शांतिपूर्ण वातावरण लोगों को आकर्षित करता है. रांची रेलवे स्टेशन से महज 1 किलोमीटर दूरी पर स्थित यह आश्रम अपने आध्यात्मिक मार्गदर्शन के लिए भी जाना जाता है. इस आश्रम में परमहंस योगानंद की कई वस्तुएं संजोकर रखी गई है, जिसे देखने सैलानी योगदा सत्संग आश्रम पहुंचते हैं. यहां एक कमरा लोगों के व्यक्तिगत ध्यान के लिए रखा गया है. इस कमरे में परमहंस जी ने अपने जीवन के कुछ वर्ष बिताए थे. योगानंद जी के इस कमरे में उनके पैरों और हाथों के छाप और कई व्यक्तिगत उपयोग की चीजें संग्रहित कर रखी गई हैं. यहां का ध्यान बगीचा पर्यटकों को अपनी ओर खींचता है. योगदा सत्संग सोसायटी आश्रम रांची का प्रमुख पर्यटन और आध्यात्मिक केंद्र है.
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