Vaishno Devi Darshan: माता वैष्णो देवी का दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बन रही बहुप्रतीक्षित स्काईवॉक परियोजना सितंबर महीने तक पूरी होने की उम्मीद है. रियासी की त्रिकुटा पहाड़ियों में वैष्णो देवी मंदिर में लगभग करीब 15 करोड़ रूपये की लागत से स्काईवॉक निर्माण का काम तेजी से चल रहा है. उम्मीद जताई जा रही कि इस साल अक्टूबर में नवरात्रि त्योहार से काफी पहले स्काईवॉक चालू हो जाएगी. दरअसल पिछले साल 1 जनवरी को हुई भगदड़ में 12 तीर्थयात्रियों की मौत हो गई थी और कई घायल हो गए थे, जिसके बाद जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने तीर्थयात्रा को सुव्यवस्थित करने और ऐसी कोई घटना फिर ना हो इसे सुनिश्चित करने के उद्देश्य से इस परियोजना की कल्पना की थी.
शुरुआत में स्काईवॉक की लंबाई 200 मीटर थी लेकिन इसे 50 मीटर और बढ़ाया गया है . श्रीधर भवन की लिफ्ट (एलिवेटर) के पास मौजूदा कतार में स्काई वॉक की लंबाई 50 मीटर बढ़ा दी गई है. प्रारंभ में, यह योजना बनाई गई थी कि श्रीधर भवन की दूसरी मंजिल के गलियारे का उपयोग किया जाएगा. हालांकि, यह पाया गया कि इमारत पुरानी थी और सीएसआईआर-सीबीआरआई रूड़की द्वारा रेट्रोफिटिंग की सलाह नहीं दी गई थी.
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इस परियोजना में प्रतीक्षालय, शौचालय और आपातकालीन निकास भी जोड़ा गया है
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स्काई-वॉक यात्रियों के लिए प्रवेश मार्ग के रूप में काम करने के लिए मौजूदा ट्रैक से 20 फीट की ऊंचाई पर 2.5 मीटर चौड़ा पैदल यात्री फ्लाईओवर बनने जा रहा है.
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40 मीटर की दूरी में 5 मीटर की चौड़ाई बढ़ाकर लगभग 150 यात्रियों के लिए बैठने की व्यवस्था की भी योजना बनाई गई है .
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विशेष रूप से विकलांग तीर्थयात्रियों, वरिष्ठ नागरिकों और महिलाओं के लिए प्रतीक्षा क्षेत्र होगा.
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गर्भगृह के पास लक्ष्मी भवन की पहली मंजिल का उपयोग यात्रियों के लिए प्रतीक्षालय के निर्माण के लिए करने का प्रस्ताव है.
श्री माता वैष्णो देवी के पवित्र तीर्थस्थल की तीर्थयात्रा सबसे पवित्र तीर्थयात्राओं में से एक मानी जाती है यह मंदिर जम्मू क्षेत्र में कटरा नगर की समीप की पहाड़ियों पर स्थित है.इन पहाड़ियों को त्रिकुटा के नाम से जाना जाता है. इन्हीं पहाड़ियों की एक गुफा में माता वैष्णो देवी की स्वयंभू तीन मूर्तियां हैं. यहां देवी काली, मां सरस्वती और मां लक्ष्मी पिण्डी के रूप में विराजित हैं. पवित्र गुफा हर साल लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करती है. माता की पवित्र गुफा 5200 फीट की ऊंचाई पर स्थित है.यात्रियों को कटरा के आधार शिविर से लगभग 12 किमी की पैदल यात्रा करनी पड़ती है. अपनी तीर्थयात्रा के समापन पर, यात्रियों को गर्भगृह-पवित्र गुफा के अंदर देवी माँ के दर्शन का आशीर्वाद मिलता है . वर्ष 1986 से, जब श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड का गठन किया गया था, तीर्थ का प्रबंधन और यात्रा का विनियमन बोर्ड में निहित कर दिया गया है. बोर्ड ने यात्रियों के लिए यात्रा को आरामदायक और संतोषजनक अनुभव बनाने के उद्देश्य से कई विकासात्मक गतिविधियाँ शुरू की है. देश -विदेश से बड़ी संख्या में तीर्थयात्री माता वैष्णो देवी के दरबार में शीश झुकाने आते हैं. स्काईवॉक निर्माण बेहतर कतार प्रबंधन को सक्षम करेगा और भीड़भाड़ से बचाएगा.