Vastu Tips for Bedroom: वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के विभिन्न हिस्सों की दिशा का व्यक्ति के जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है. पति-पत्नी के बेडरूम की दिशा भी इसी तरह महत्वपूर्ण मानी जाती है. यह दिशा दांपत्य जीवन की खुशहाली, यौन संबंधों की तृप्ति और दोनों साथियों के बीच तालमेल को प्रभावित कर सकती है.
उत्तर-पूर्व दिशा, जिसे ईशान कोण भी कहा जाता है, वास्तु के अनुसार गुरु ग्रह के अधीन है. गुरु ग्रह ज्ञान, शिक्षा और आध्यात्मिकता का कारक है, न कि कामुकता का. इसलिए, इस दिशा में बेडरूम होने से पति-पत्नी के बीच शारीरिक संबंधों में रुचि कम हो सकती है और दांपत्य जीवन नीरस हो सकता है. साथ ही, इस दिशा में बेडरूम होने से मानसिक एकाग्रता और निर्णय लेने की क्षमता भी प्रभावित हो सकती है, जिससे पति-पत्नी के बीच तनाव और गलतफहमियां बढ़ सकती हैं.
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दक्षिण-पूर्व दिशा, जिसे अग्नि कोण कहा जाता है, अग्नि तत्व का प्रतिनिधित्व करती है. अग्नि उत्साह और ऊर्जा का प्रतीक है, लेकिन इसकी अधिकता क्रोध, आक्रामकता और आवेश को बढ़ावा दे सकती है. इस दिशा में बेडरूम होने से पति-पत्नी के बीच छोटी-छोटी बातों पर झगड़े और तनाव हो सकता है. इससे दोनों के बीच मनमुटाव बढ़ता है और रिश्ते में दरार पड़ सकती है. साथ ही, इस दिशा में बेडरूम होने से अनावश्यक खर्च में भी वृद्धि हो सकती है.
वास्तु के अनुसार, पति-पत्नी के बेडरूम के लिए दक्षिण-पश्चिम, पश्चिम या उत्तर दिशा को सबसे अनुकूल माना जाता है. ये दिशाएं स्थिरता, प्रेम, संचार और शांति का वातावरण प्रदान करती हैं, जो दांपत्य जीवन के लिए आवश्यक तत्व हैं. यदि पूर्व दिशा ही उपलब्ध हो तो बिस्तर का सिरहाना दक्षिण या पश्चिम दिशा में होना चाहिए.
बेडरूम को हमेशा साफ-सुथरा और शांत रखना चाहिए. प्राकृतिक प्रकाश और हवा का प्रवाह सुनिश्चित करें. इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को कम से कम रखें और सुगंधित तेल या मोमबत्तियों का उपयोग कर सकते हैं. नियमित ध्यान और योग भी लाभकारी हो सकता है.
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ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
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