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गणपति बप्पा की प्रतिमा को घर में रखने के लिए भी वस्तु शास्त्र में कुछ नियम हैं
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वस्तु शास्त्र के अनुसार घर के मुख्य द्वार पर भगवान गणेश की दो प्रतिमाएं लगानी चाहिए
Ganesha Idol: घर में किसी भी वस्तु को कहां रखना चाहिए, इसे लेकर वस्तु शास्त्र में कुछ नियम बताए गए हैं. इस तरह गणपति बप्पा की प्रतिमा को घर में रखने के लिए भी वस्तु शास्त्र में कुछ नियम हैं. तो आइए जानते हैं कि क्या हैं ये नियम
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वस्तु शास्त्र के अनुसार घर के मुख्य द्वार पर भगवान गणेश की दो प्रतिमाएं लगानी चाहिए. इनमें से एक मूर्ति का मुख बाहर तो दूसरे का अंदर की तरफ होना चाहिए. धार्मिक ग्रंथों में भगवान गणेश का दर्शन पीठ के पीछे से करना वर्जित बताया गया है. ऐसी मान्यता है कि गणेश जी की पीठ के पीछे दरिद्रता का वास होता है. इसलिए श्रद्धालुओं को पीठ की ओर से गजानन के दर्शन नहीं करने चाहिए. ऐसा करने पर घर में गरीबी और दरिद्रता का वास होता है. किसी भी प्रतिष्ठान की तरफ गणेश जी की पीठ होने से बरकत समाप्त होती है एवं कार्यों में बाधा उत्पन्न होती है. इसलिए घर के मुख्य द्वार पर गणेश प्रतिमा के ठीक पीछे अंदर की ओर वैसी ही दूसरी गणेश प्रतिमा अवश्य लगाएं ताकि ऋद्धि-सिद्धि आपके यहां प्रवेश कर सके.
गणेश जी की सूंड पर धर्म विद्यमान होती है, जबकि उनके कानों पर ऋचाएं विद्यमान होती हैं. गणेश जी के विभिन्न अंगों में देवी-देवताओं का वास माना जाता है. इसलिए कहा जाता है कि गणेश जी के सामने से दर्शन करने से सुख, शांति, और समृद्धि की प्राप्ति होती है. अगर कोई व्यक्ति गणेश जी के पीठ का दर्शन करता है, तो उसे पीड़ा से गुजरनी पड़ सकती है, और इस कारण से उनकी पीठ को नहीं देखना चाहिए. यदि किसी को गलती से भी भगवान गणेश के पीठ का दर्शन हो जाता है, तो वह उनकी वंदना करके क्षमा याचना कर सकते हैं.
ग्रंथों में यह उल्लेख होता है कि जब कोई व्यक्ति भगवान श्रीकृष्ण, भगवान विष्णु, या गणेश जी की पीठ के दर्शन करता है, तो उसके पुण्य कम हो जाते हैं और उसके अधर्म में वृद्धि होती है. इसी कारण से श्री गणेश जी, श्री कृष्ण जी, और भगवान विष्णु की पीठ के दर्शन से बचाव किया जाता है. इसके साथ ही, उनके मंदिर में जाते समय ध्यान देना चाहिए कि उनकी प्रतिमाओं की ओर पीठ न करें, क्योंकि इससे बुद्धि और धन दोनों का नुकसान हो सकता है.
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ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष , वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
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