Vastu Tips: घर का निर्माण हमेशा वास्तु शास्त्र को ध्यान में रखकर करना चाहिए, ऐसी सलाह कई लोग देते हैं, ऐसा इसलिए माना जाता है क्योंकि वास्तु शास्त्र को ध्यान में रखकर बनाए गए घर सकारात्मक प्रभाव उत्पन्न करते हैं, जिसका लाभ घर के प्रत्येक सदस्य को मिलता है और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है. वास्तु शास्त्र में घर का कोना-कोना कैसा होना चाहिए इस विषय में भी बताया गया है. कई लोग वास्तु का ध्यान रखकर अपने घर का निर्माण तो करवाते हैं, लेकिन वो कई छोटी-छोटी चीजों पर ध्यान देना भूल जाते हैं. अगर आप भी घर का निर्माण करवा रहे हैं, तो इस लेख में आपको यह बताने का प्रयास किया जा रहा है कि वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में सीढ़ियां किस प्रकार की होनी चाहिए.
ये होनी चाहिए संख्या
अगर आप अपने घर में सीढ़ियों का निर्माण कर रहे हैं, तो वास्तु शास्त्र के अनुसार आपको सीढ़ियों के निर्माण में विषम संख्या का ध्यान रखना चाहिए, इसका अर्थ है कि सीढ़ियों के पायदानों की संख्या 5, 7, 9 या 11 जैसी संख्याओं में होनी चाहिए.
सीढ़ियों के नीचे न बनाएं ये चीजें
कई लोग जगह का सही इस्तेमाल हो इस सोच में सीढ़ियों के नीचे बचे खाली स्थान में भी पूजाघर और स्टोर रूम का निर्माण कर देते हैं, लेकिन वास्तु शास्त्र के अनुसार ऐसे किसी भी प्रकार के निर्माण की सलाह नहीं दी जाती है, क्योंकि इससे घर में नकारात्मक प्रभाव उत्पन्न होता है.
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इस जगह न बनाएं सीढ़ी
वास्तु शास्त्र की मानें तो घर के बीचों-बीच, जिसे ब्राम्ह स्थान भी कहा जाता है, वहां पर सीढ़ी का निर्माण नहीं करना चाहिए, ऐसा करने से घर के सदस्यों की तरक्की रुक जाती है और उनके काम में बाधा भी आती है.
यह दिशा होती है शुभ
वास्तु शस्त्र के अनुसार सीढ़ी बनाने के लिए दक्षिण-पश्चिम दिशा को बहुत शुभ माना जाता है और इस दिशा में सीढ़ी का निर्माण करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है.
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Disclaimer: यह आर्टिकल सामान्य जानकारियों और मान्यताओं पर बेस्ड है. प्रभात खबर किसी भी तरह से इनकी पुष्टि नहीं करता है.