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Vidur Niti: यहां पढ़ें विदुर के कहे 5 श्लोक, पढ़िए

Vidur Niti : विदुर ने अपने शब्दों के माध्यम से लोगों को सही मार्ग पर चलने, सही निर्णय लेने और अच्छे आचार-व्यवहार का पालन करने की शिक्षा दी, आज हम जानेंगे इस लेख के माध्यम से विदुर के कहे कुछ खास श्लोकों के बारे में जानें अर्थ सहित.

Vidur Niti : विदुर नीति महाभारत के भीष्म पर्व में विदुर द्वारा दी गई शिक्षाओं का संग्रह है, इसमें जीवन के विभिन्न पहलुओं जैसे धर्म, नीति, समय, और संबंधों पर गहरे विचार प्रस्तुत किए गए हैं, विदुर ने अपने शब्दों के माध्यम से लोगों को सही मार्ग पर चलने, सही निर्णय लेने और अच्छे आचार-व्यवहार का पालन करने की शिक्षा दी, उनके श्लोक आज भी हमें जीवन को समझने और उसमें सफलता पाने के लिए प्रेरित करते हैं, यहां विदुर के पांच प्रसिद्ध श्लोकों के साथ उनके अर्थ दिए गए हैं:-

– “अतिथि देवो भव”

श्लोक
“यस्याहं प्रियं प्रियतमा तस्याहं न प्रियं प्रियतमा
न च नीतिं नराधिप्ते न च धर्मं न च साधुं”

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अर्थ
अर्थात जो व्यक्ति अपने प्रियजनों की आवश्यकता को समझता है, वही जीवन में असली सुख पाता है, यह श्लोक यह सिखाता है कि सभी संबंधों में समझदारी और नीतिपूर्वक आचरण आवश्यक है.

– “समय के महत्व को समझो”

श्लोक
“कालस्य गतिरेव महत्”

अर्थ
यह श्लोक समय के महत्व को उजागर करता है, समय का कोई मूल्य नहीं समझना, व्यक्ति को अपने जीवन में नुकसान पहुंचा सकता है, समय का उचित उपयोग जीवन में सफलता का कारण बनता है.

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– “दूसरों के दोषों को न देखो”

श्लोक
“न कर्ता धन्यं विपरीतम्”

अर्थ
यह श्लोक यह सिखाता है कि जब हम दूसरों के दोषों और गलतियों पर ध्यान केंद्रित करते हैं, तो हम अपनी प्रगति को रोक लेते हैं, स्वयं को सुधारना ज्यादा महत्वपूर्ण है, बजाय दूसरों पर उंगली उठाने के.

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– “संतुलित आहार और जीवनशैली”

श्लोक
“अन्नदानं धर्मं”

अर्थ
यह श्लोक यह बताता है कि संतुलित आहार और जीवनशैली अपनाने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है, संतुलित आहार से जीवन में शक्ति, साहस, और सच्चाई का विकास होता है.

– “मनुष्य के आचरण का महत्व”

श्लोक
“स्वधर्मे निधनं श्रेयो”

अर्थ
यह श्लोक जीवन के आचरण और आस्थाओं पर जोर देता है, यह कहता है कि व्यक्ति को अपनी नैतिक जिम्मेदारियों और कर्तव्यों के प्रति सचेत रहना चाहिए, क्योंकि यही असली धर्म है.

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विदुर की नीति जीवन को सही दिशा देने के लिए महत्वपूर्ण शिक्षाएं देती है, जो धर्म, समय, और मानव संबंधों को समझने में मदद करती हैं, उनके श्लोकों में व्यक्ति की आंतरिक शक्ति, जिम्मेदारी और समग्रता को बढ़ाने का संदेश है.

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