Vidur Quotes: विदुर महाभारत के महान आचार्य और नीति-शास्त्र के ज्ञाता थे, जिनके विचार आज भी लोगों के जीवन में मार्गदर्शन का काम करते हैं, उनके विचारों में स्त्री के प्रति गहरा सम्मान और उनके महत्व को समझने की अद्भुत दृष्टि थी, विदुर ने हमेशा स्त्री की भूमिका को समाज और परिवार के विकास में महत्वपूर्ण बताया, उनके कोट्स हमें यह सिखाते हैं कि स्त्री का सम्मान और उसकी शक्ति समाज की प्रगति के लिए अत्यंत आवश्यक है:
- “स्त्री का सम्मान घर की सुख-शांति का आधार है”
विदुर के अनुसार, स्त्री का सम्मान न केवल परिवार के लिए, बल्कि समाज के लिए भी आवश्यक है.
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- “जो स्त्री अपने घर में शांत रहती है, वही समाज में भी शांति बनाए रखती है”
विदुर मानते थे कि एक स्त्री का संतुलित और शांत स्वभाव समाज में शांति का प्रतीक होता है.
- “स्त्री की शक्ति का अनुमान उसके निर्णयों और कार्यों से लगाया जा सकता है”
विदुर के अनुसार, स्त्री की शक्ति उसकी सोच और कार्यों में छिपी होती है, जो परिवार और समाज को दिशा देती है.
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- “एक स्त्री वह है, जो अपनी इच्छाओं और कार्यों को संतुलित रखकर परिवार का पालन-पोषण करती है”
विदुर के अनुसार, स्त्री की भूमिका परिवार के रख-रखाव में बहुत महत्वपूर्ण होती है, जो अपने इच्छाओं को संतुलित रखकर परिवार का पालन करती है.
- “स्त्री का आशीर्वाद जीवन में सफलता और सुख लाता है”
विदुर मानते थे कि एक स्त्री का आशीर्वाद जीवन को दिशा और सफलता प्रदान करता है.
- “एक स्त्री अपनी मेहनत और संघर्ष से समाज को उन्नति की ओर ले जाती है”
विदुर के अनुसार, स्त्री अपनी मेहनत और संघर्ष से समाज में बदलाव लाती है और समाज के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देती है.
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- “स्त्री के बिना कोई भी कार्य पूरा नहीं हो सकता”
विदुर के विचार में, स्त्री का महत्व बिना किसी शर्त के कार्यों में प्रमुख होता है, और उसके बिना कोई भी कार्य अधूरा होता है.
- “एक स्त्री का असली रूप उसकी नैतिकता और सच्चाई में छिपा होता है”
विदुर के अनुसार, स्त्री का वास्तविक रूप उसकी आंतरिक अच्छाई, नैतिकता और सच्चाई में होता है, जो उसे विशेष बनाता है.
- “जहां स्त्री का सम्मान होता है, वहां देवता भी वास करते हैं”
विदुर मानते थे कि जहां स्त्री को सम्मान मिलता है, वहां ईश्वर का वास होता है, और उस स्थान पर खुशहाली रहती है.
- “स्त्री का कर्तव्य है अपने परिवार और समाज का कल्याण करना”
विदुर के अनुसार, स्त्री का सबसे बड़ा कर्तव्य है अपने परिवार और समाज के भले के लिए कार्य करना, जिससे समाज में संतुलन और सुख-शांति बनी रहती है.
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इन कोट्स से हमें यह समझ में आता है कि विदुर स्त्री को एक महत्वपूर्ण शक्ति के रूप में मानते थे, जिनका योगदान न केवल परिवार, बल्कि समाज के समग्र विकास में भी है.