World Toilet Day 2024 : वर्ल्ड टॉयलेट डे 19 नवंबर को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य स्वच्छता और शौचालयों की सुविधाओं के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाना है, यह दिन खासकर उन देशों और क्षेत्रों में शौचालयों की कमी को उजागर करने के लिए मनाया जाता है, जहां लोग साफ-सुथरे शौचालयों से वंचित हैं, शौचालय की सुविधाओं की उपलब्धता का सीधा संबंध स्वास्थ्य, जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय सुधार से है, इस दिन का मुख्य उद्देश्य हर व्यक्ति को सुरक्षित और स्वच्छ शौचालय उपलब्ध कराना है, यहां जानें इस दिन से जुड़े सवालों के जबाब:-
1. वर्ल्ड टॉयलेट डे क्यों मनाया जाता है?
वर्ल्ड टॉयलेट डे हर साल 19 नवंबर को मनाया जाता है ताकि लोगों को स्वच्छता और शौचालय की सुविधाओं के महत्व के बारे में जागरूक किया जा सके, इसका उद्देश्य खासतौर पर उन देशों में स्वच्छता की कमी को दूर करना है, जहां साफ और सुरक्षित शौचालय की उपलब्धता नहीं है, यह दिन हर व्यक्ति को सुरक्षित, स्वच्छ और कार्यशील शौचालय सुनिश्चित करने की दिशा में प्रेरित करता है.
2. वर्ल्ड टॉयलेट डे की शुरुआत कब हुई थी?
वर्ल्ड टॉयलेट डे की शुरुआत 2001 में (WTO) ने की थी, इसका उद्देश्य वैश्विक स्तर पर शौचालयों की स्थिति और उनके महत्व के बारे में जागरूकता फैलाना था, 2013 में सारे राष्ट्र महासभा ने इसे आधिकारिक रूप से एक अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में मान्यता दी.
3. इस दिन का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इस दिन का मुख्य उद्देश्य स्वच्छता, सुरक्षित शौचालय, और जलवायु परिवर्तन के संदर्भ में पानी की कमी की समस्या को उजागर करना है, यह दिन खास तौर पर उन स्थानों पर शौचालय की सुविधा को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है, जहां लोग खुले में शौच करने को मजबूर हैं, जिससे स्वास्थ्य पर असर पड़ता है.
4. 2024 का वर्ल्ड टॉयलेट डे का थीम क्या है?
हर साल वर्ल्ड टॉयलेट डे का एक अलग थीम होता है, जो उस वर्ष की प्रमुख चिंताओं को दर्शाता है, 2024 में भी यह दिन जलवायु परिवर्तन, स्वच्छता, और पर्यावरणीय प्रभावों से संबंधित हो सकता है, हालांकि, एक निश्चित थीम जानने के लिए संयुक्त राष्ट्र की वेबसाइट या संबंधित घोषणाओं को देखना आवश्यक है.
5. भारत में वर्ल्ड टॉयलेट डे की क्या अहमियत है?
भारत में, वर्ल्ड टॉयलेट डे की अहमियत इसलिए है क्योंकि देश के कई हिस्सों में आज भी खुले में शौच की समस्या विद्यमान है, प्रधानमंत्री मोदी के ‘स्वच्छ भारत अभियान’ के तहत इस दिन का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में शौचालयों का निर्माण और स्वच्छता को बढ़ावा देना है, ताकि खुले में शौच की प्रथा को समाप्त किया जा सके.
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