ज़ीका वायरस एडीज़ मच्छर के काटने से फैलता है. ये मच्छर कनाडा और चिली के अलावा आस पास के देशों में भी पाए जाते हैं. माना जा रहा है कि अमरीकियों में प्राकृतिक प्रतिरोधक क्षमता की कमी होने की वजह से यह बीमारी वहां और तेज़ी से फैल रही है.
डब्लूएचओ के स्थानीय दफ़्तर ‘पैन अमेरिकन हेल्थ ऑर्गनाइजेशन‘ ने इस बीमारी पर एक बयान के अनुसार, "यह वायरस ऐसे ही फैलता रहेगा और हर उस देश में पहुंचेगा जहां एडीज़ मच्छर पाए जाते हैं."
एक मामले में यह भी पाया गया कि यह बीमारी यौन संबंधों से फैली है. इस बारे में अधिक सबूत मिलना अभी बाकी हैं. वहीं, 80% मामलों में इस रोग के लक्षण दिखते ही नहीं है. लेकिन इसका सबसे बड़ा असर अजन्मे बच्चों पर दिख रहा है.
पिछले साल अक्तूबर से अब तक ब्राज़ील में माइक्रोसिफेली के चार हज़ार मामले सामने आ चुके हैं. इस बीमारी में बच्चे छोटे मस्तिष्क के साथ पैदा होते हैं.
इस बीमारी के बढ़ते प्रकोप ने अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को भी चिंता में डाल दिया है. इस बारे में ओबामा ने कहा है कि ज़ीका वायरस के ख़िलाफ तत्काल क़दम उठाने की ज़रूरत है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि ये वायरस दक्षिण और उत्तर अमरीकी महाद्वीपों के लगभग सभी क्षेत्रों में फैल सकता है. ये पहले ही 21 कैरेबियाई, उत्तर और दक्षिण अमरीकी देशों में फैल चुका है. इस वायरस के लक्षणों में बुख़ार होना, कनजंक्टिवाइटिस और सिरदर्द शामिल हैं.
डॉक्टर इस बात को लेकर सबसे ज़्यादा चिंतित हैं कि ये वायरस गर्भ में पल रहे बच्चों को भी नुक़सान पहुंचा सकता है.
ब्राज़ील में इस वायरस का असर सबसे ज़्यादा देखने को मिल रहा है जहां शिशु सामान्य से छोटे सिरों के साथ पैदा हो रहे हैं. ब्राज़ील में अक्तूबर से अब तक इस वायरस से जुड़े सबसे ज़्यादा 3,893 मामले सामने आए हैं. इसी अवधि में एक साल पहले कुल 160 ऐसे मामले दर्ज किए गए थे.
वहीं कई मध्य और दक्षिण अमरीकी देशों में महिलाओं से कहा जा रहा है कि वो अभी गर्भवती न हों.
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेतावनी दी है कि ज़ीका वायरस उत्तर और दक्षिण अमरीकी देशों में फैल सकता है.
इससे प्रभावित शख़्स में हल्का बुखार, कजंक्टिवाइटिस और सिरदर्द जैसे लक्षण पाए जाते हैं. कैरीबियाई इलाक़े, उत्तर और दक्षिण अमरीका के 21 देशों में इसके मरीज़ पाए गए हैं.
कुछ देशों ने इससे बचने के लिए महिलाओं को गर्भवती न होने की सलाह भी दी है. फ़िलहाल इस बीमारी का कोई इलाज या टीका नहीं है.
बचाव के लिए उपाय…
1- ज़ीका वायरस के संक्रमण को रोकने का सबसे अच्छा उपाय है मच्छरों की रोकथाम.
2- मच्छरों से बचने के लिए पूरे शरीर को ढककर रखें और हल्के रंग के कपड़े पहनें.
3- मच्छरों के प्रजनन को रोकने के लिए अपने घर के आसपास गमले, बाल्टी, कूलर आदि में भरा पानी निकाल दें.
4- बुख़ार, गले में ख़राश, जोड़ों में दर्द, आंखें लाल होने जैसे लक्षण नज़र आने पर अधिक से अधिक तरल पदार्थों का सेवन और भरपूर आराम करें.
5- ज़ीका वायरस का फ़िलहाल कोई टीका उपलब्ध नहीं है. डब्ल्यूएचओ का कहना है कि स्थिति में सुधार नहीं होने पर फ़ौरन डॉक्टर को दिखाना चाहिए.