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ऐसे करते हैं गंगासागर मेला का अनुष्ठान
हिंदू भक्त सुबह जल्दी उठकर (ब्रह्म मुहूर्त) गंगा स्नान के दिन इकट्ठा होते हैं और गंगा नदी में पवित्र डुबकी लगाते हैं. वे भगवान सूर्य को अर्घ्य देते हैं और भगवान सूर्य मंत्र का जाप करते हैं.
अनुष्ठान पूरा करने के बाद, लोग कपिल मुनि की पूजा करते हैं और देसी घी का दीया जलाते हैं.
कुछ लोग गंगा स्नान के दिन यज्ञ और हवन भी करते हैं.
कुछ भक्त गंगा स्नान के दिन कठोर उपवास भी रखते हैं.
लोग ऋषि की पूजा करने के लिए पास में स्थित कपिल मुनि मंदिर जाते हैं.
गंगा स्नान के इस शुभ दिन पर, भक्त देवी गंगा के प्रति आभार व्यक्त करते हैं और अपने बुरे कर्मों के लिए क्षमा मांगते हैं जो उन्होंने जाने या अनजाने में किए होंगे.
गंगासागर स्नान हिंदू भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान
गंगासागर स्नान हिंदू भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है. यह त्योहार बंगाल राज्य में बड़े उत्साह और उत्साह के साथ मनाया जाता है. मकर संक्रांति से कुछ दिन पहले गंगा सागर स्नान शुरू होता है. ऐसा माना जाता है कि गंगा नदी में पवित्र डुबकी लगाने से भक्तों को अपने पिछले किए गए पापों से मुक्ति मिलती है। लोग इस दिन को बहुत भव्यता के साथ मनाते हैं, वे दान और दान करते हैं, ब्राह्मणों और जरूरतमंद लोगों को भोजन और वस्त्र देते हैं. देश-विदेश के विभिन्न हिस्सों से लोग इस स्थान पर आते हैं और पवित्र डुबकी लगाते हैं. उत्सव एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में भिन्न हो सकते हैं, लेकिन इस त्योहार की भावना समान रहती है.
गंगासागर मेला दुनिया भर से हजारों तीर्थयात्रियों को करता है आकर्षित
गंगासागर मेला हर साल जनवरी के महीने में मकर संक्रांति के आसपास आयोजित किया जाता है. हिंदुओं में इसका एक बड़ा धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है. हर साल, गंगासागर मेला दुनिया भर से हजारों तीर्थयात्रियों को आकर्षित करता है. यह पश्चिम बंगाल राज्य में सागर द्वीप या 'सागरद्वीप' में होता है. मकर संक्रांति से कुछ दिन पहले गंगासागर मेला शुरू हो जाता है. मकर संक्रांति के अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा नदी में पवित्र डुबकी लगाने के लिए सागर द्वीप जाते हैं. इस वर्ष गंगासागर मेला आज 8 जनवरी 2023 से प्रारंभ हो रहा है और 15 जनवरी 2023 को समाप्त होगा.
देश के विभिन्न राज्यों से पहुंच रहे श्रद्धालु
देश के विभिन्न राज्यों से श्रद्धालु पश्चिम बंगाल के गंगासागर मेला में पहुंच रहे हैं. श्रद्धालुओं ने कहा कि वह गंगासागर मेले के लिए बहुत अच्छे इंतजाम किए गए हैं. यहां हमें कोई दिक्कत नहीं हुई. यहां की गई व्यवस्था से हम बहुत खुश हैं
मेला को लेकर साफ-सफाई पर विशेष ध्यान
डीएम ने बताया कि मेला के पहले दिन पश्चिम बंगाल के राज्यपाल डॉ सीवी आनंद बोस ने गंगासागर मेले का दौरा किया. वह मेले की व्यवस्था को देखकर काफी खुश और संतुष्ट दिखे. सोमवार को उन्होंने आसपास के आश्रमों का भी दौरा किया और स्थानीय लोगों से बातचीत की. मेले में कई ऐसे श्रद्धालु भी थे, जो उसी दिन पहुंचे. गंगासागर में स्नान के बाद उन्होंने कपिल मुनि मंदिर में पूजा की और फिर वापस अपने घरों कि लिए रवाना हो गये. मंगलवार को होने वाले मेला कायार्लय के उद्घाटन के पहले वहां साफ-सफाई पर विशेष जोर देखा गया. कंट्रोल रूम की रंगाई-पुताई हो रही थी. इसी कंट्रोल रूम क जरिये भीड़ पर नजर रखी जाती है. देश के विभिन्न राज्यों से आये लोगों ने मेला परिसर में दुकानें भी लगायी हैं, जिनमें पूजा पाठ की सामग्री से लेकर खाने-पीने व उपहार सामग्रीयों की दुकानें हैं.
गंगासागर मेला के दूसरे दिन एक लाख श्रद्धालु पहुंचे
गंगासागर मेला के औपचारिक रुप से शुरू होने के दूसरे दिन मेले में करीब एक लाख श्रद्धालु पहुंचे. देशभर से आये श्रद्धालु की भीड़ को संभालने के लिए प्रशासन पूरी तरह से जुटा रहा. इसकी जानकारी देते हुए दक्षिण 24 परगना के डीएम सुमित गुप्ता ने बताया कि दूसरे दिन करीब एक लाख लोगों की भीड़ देखी गयी है. उन्होंने बताया कि अभी फिलहाल भीड़ की गणना नहीं की गयी है, लेकिन लोगों की आवाजाही को देखते हुए प्रशासन का अंदाजा है कि सोमवार को करीब एक श्रद्धालु पहुंचे. इनमें नागा साधु, बाहरी तीथर्याी और स्थानीय श्रद्धालु शामिल हैं.
गंगासागर मेला में उमड़ी लोगों की भीड़
पश्चिम बंगाल का प्रसिद्ध गंगासागर मेला (Gangasagar Mela) 8 जनवरी से शुरू हो गया हैं. गंगा सागर मेले में देश के साथ साथ विदेशों में रहने वाले हिंदू शामिल होते हैं. भारी संख्या में लोग गंगा में डुबकी लगाने पहुंच रहे हैं. यह मेला मेला 8 जनवरी से 17 जनवरी तक आयोजित किया जाएगा. बंगाल के राज्यपाल ने गंगा सागर मेला का दौरा किया है. कपिल मुनि मंदिर में पूजा-अर्चना की. सागर के बीच पर भी गये. राज्यपाल के साथ सुंदरवन मामलों के मंत्री बंकिम हाजरा, दक्षिण 24 परगना के डीएम सुमित गुप्ता, एडीएम व अन्य भी थे मौजूद.