शेरघाटी. अनुमंडलीय विधिक सेवा शेरघाटी के अध्यक्ष सह अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश दीपक कुमार के नेतृत्व में पंचायत सरकार भवन, रामपुर (आमस) में बच्चों को गोद लेने की कानूनी प्रकिया पर विधिक जागरूकता शिविर आयोजित किया गया. शिविर की अध्यक्षता रामपुर पंचायत के मुखिया ने की. कार्यक्रम में जानकारी देते हुए पैनल अधिवक्ता सुनील कुमार अग्रवाल ने बताया कि अगर आप बच्चे को गोद लेना चाहते हैं, तो सबसे पहले सेंट्रल एडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी सीएसीए की वेबसाइट cara.nic.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. इसमें आपको अपना आधार कार्ड, पैन कार्ड, अपनी फोटो, शादी प्रमाण पत्र और फिटनेस प्रमाण पत्र के साथ ही आय प्रमाण पत्र जैसे जरूरी दस्तावेज ऑनलाइन जमा करने होंगे. इस मौके पर जनप्रतिनिधियों से चर्चा करते हुए अनुमंडलीय विधिक सेवा कर्मचारी मनीष प्रकाश ने बताया कि कानूनी तौर पर सिंगल पेरेंट या शादीशुदा जोड़ा दोनों ही बच्चे को गोद ले सकते हैं. मैरिड कपल्स लड़का या लड़की, किसी को भी गोद ले सकते हैं. सिंगल महिला किसी बच्चे को गोद लेना चाहती है, तो वह लड़का या लड़की दोनों में किसी को भी एडॉप्ट कर सकती हैं. लेकिन, सिंगल पुरुष सिर्फ लड़के को ही गोद ले सकता है. अगर कोई मैरिड कपल बच्चे को गोद ले रहा है, तो उनकी शादी को कम से कम दो साल का समय होना चाहिए. बच्चे और गोद लेने वाले पेरेंट्स की उम्र में कम से कम 25 साल का फर्क होना चाहिए. गोद लेने वाले मां-बाप को शारीरिक रूप से, मानसिक तौर पर, भावनात्मक रूप से और आर्थिक दृष्टि से सक्षम होना जरूरी है. यह बात प्रमाणित होनी चाहिए कि संभावित अभिभावकों को कोई जानलेवा बीमारी न हो और उन पर कोई अपराध का आरोप न हो. अगर कोई कपल बच्चे को गोद लेना चाहता है, तो इस फैसले में दोनों की सहमति आवश्यक है.
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