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Chaibasa News : विरोधियों की रणनीति को मात देने में सफल रहा जोबा का मैनेजमेंट

राधेश सिंह राज, मनोहरपुर

देश आजाद होने के बाद से मनोहरपुर विधानसभा में एकछत्र आधा दर्जन बार माझी परिवार ने राज किया है. यहां की सीट अभेद्य दुर्ग साबित हो रही

राधेश सिंह राज, मनोहरपुर

देश आजाद होने के बाद से मनोहरपुर विधानसभा में एकछत्र आधा दर्जन बार माझी परिवार ने राज किया है. यहां की सीट अभेद्य दुर्ग साबित हो रही है. जिसका जीता जागता उदाहरण जोबा माझी के बड़े पुत्र जगत माझी की ऐतिहासिक जीत ने साबित कर दिया है. श्रीमती माझी के सांसद बनने के बाद मनोहरपुर सीट खाली हुई, तब दूसरे पंक्ति के नेताओं ने इसपर राज करने का सपना अवश्य बुना. लेकिन ये सीट जोबा माझी के लिए पारंपरिक साबित हुई. क्योंकि उन्होंने झामुमो से पूर्व में भी दो बार यूजीडीपी से लड़कर विधायक और मंत्री बनने में सफलता हासिल की थी. इसलिए इस सीट को अगर जोबा की पारंपरिक सीट कही जाये, तो अतिशयोक्ति नहीं होगी. जोबा की कूटनीति के सामने सभी हुए फेल

वहीं, अब बात करें 2024 के विधानसभा चुनाव की, तो जोबा के सांसद बनने के बाद अपनी मां की परंपरागत सीट को जगत माझी ने विरासत के रूप में अपनाया और इस चुनाव में सफलता हासिल की. हालांकि, इस चुनाव के शुरुआती दौर में जगत के लिए राह कठिन लग रही थी, चूंकि कुछ बागी नेताओं ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतर कर वोट बैंक में सेंधमारी करने का प्रयास अवश्य किया, लेकिन जोबा अपने अनुभव का लाभ लेते हुए अपनी रणनीति और कूटनीति की बदौलत विरोधियों की रणनीति पर पानी फेरने का काम कर दिया. यही वजह रही कि जगत ने रिकॉर्ड मतों से जीत कर विधायक बनने में सफलता हासिल की.

भीरघात से दिनेश बोयपाई को शिकस्त मिली

इधर, दूसरे स्थान पर रहे एनडीए प्रत्याशी आजसू के दिनेश चंद्र बोईपाई को इस चुनाव में शिकस्त मिलना कहीं न कहीं मैनेजमेंट का आभाव, अपने लोगों से मिली भितरघात व वोटों का ध्रुवीकरण होना माना जा रहा है. यहां तक कि भाजपा के पॉकेट वोट में भी सेंधमारी विरोधियों द्वारा हुई, जिससे दिनेश को लगातार दूसरी विधानसभा में हार का मुंह देखना पड़ा है. तीसरे स्थान में रहे आने वाले जेएलकेएम के प्रत्याशी सह आनंदपुर के प्रमुख दिलबर खाका ने भी तीसरे स्थान में आकर अपनी उपस्थिति दर्ज करायी है, हालांकि इससे एनडीए का वोट बैंक प्रभावित हुआ है. इस चुनाव परिणाम में एक बात चौंकाने वाली सामने आई, जिसमें एनसीपी प्रत्याशी सबन हेंब्रम की लोकप्रियता देख लोग वोट के ध्रुवीकरण की आशंका व्यक्त कर रहे थे, लेकिन इन्हें नोटा से भी कम वोट मिले, जिसे लेकर प्रत्याशी और आम मतदाता अचंभित हैं.

कब,किस प्रत्याशी को मिले कितने वोट

2019 में किसे मिला था कितना वोट:

1.जोबा माझी(झामुमो) 509452. गुरुचरण नायक (भाजपा) 34926

3.बिरसा मुंडा (आजसू) 134684. सुशीला टोप्पो (झाविमो) 3557

5. सुशील डांग (एपीआई) 29526. सबन हेंब्रम (झापा) 2836

7. डिंपल मुंडा(जदयू) 16748.लक्ष्मण मेलगांड़ी (भाआसे) 1504

9. परदेशी लाल मुंडा(बसपा) 143710.दिनेश चंद्र बोईपाई (एसयूसीआई(सी) 1178

2024 में किसे मिला कितना मत:

1.जगत माझी झामुमो 730342. दिनेश चंद्र बोईपाई आजसू 41078

3. परदेशी लाल मुंडा बसपा 7234. दिलबर खाखा जेएलकेएम 6927

5. महेंद्र जामूदा झापा 18566. सबन हेंब्रम एनसीपी 3193

7. सुशील बारला भाआपा 16018. पातोर जोंकों निर्दलीय 2210

9. प्रेम सिंह हेंब्रम निर्दलीय 80110. विश्राम मुंडा निर्दलीय 804

11. रामेश्वर तैसुम निर्दलीय 85712. शिवकुमार पूर्ति निर्दलीय 3306

नोटा: 5347

आनंदपुर प्रखंड में 736 मतदाताओं ने दबाया नोटा पर बटन

आनंदपुर. जगत माझी ने भारी मतांतर से जीत दर्ज की. आनंदपुर प्रखंड के 40 मतदान केंद्र में 20523 मतदाताओं ने अपने मताधिकार के प्रयोग किये. इंडिया गठबंधन झामुमो प्रत्याशी जगत माझी को 10493 मत प्राप्त हुए, जो कि कुल मतदान का 51.13 प्रतिशत है. एनडीए गठबंधन आजसू प्रत्याशी दिनेश चंद्र बोईपाई को 5922 मत प्राप्त हुए, जो कुल मतदान का 28.86 प्रतिशत है. आनंदपुर प्रखंड में श्री माझी को अपने निकटतम प्रतिद्वंदी श्री बोईपाई से 4541अधिक मत प्राप्त हुए. प्रखंड के 736 मतदाताओं ने नोटा का प्रयोग किया. एनसीपी के सबन हेम्ब्रोम को 1373 व जेकएमएम प्रत्याशी दिलबर खाखा को 754 मत प्राप्त हुए.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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