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लोन रिकवरी के नाम पर महिलाओं से अभद्रता, आक्रोश

कर्मी बोले, पैसा दो नहीं तो जेवरात दो पैसा नहीं है, तो फांसी लगा लो, हम इंश्योरेंस कंपनी से लोन की राशि ले लेंगे बनमा ईटहरी

कर्मी बोले, पैसा दो नहीं तो जेवरात दो पैसा नहीं है, तो फांसी लगा लो, हम इंश्योरेंस कंपनी से लोन की राशि ले लेंगे बनमा ईटहरी जिले में लोन रिकवरी के नाम पर महिलाओं के साथ अभद्रता का मामला लगातार अब सामने आने लगा है. जिससे शोषित महिलाएं थाने का शरण लेकर प्राथमिककी तक पर उतर गयी है. जिले के बनमा ईटहरी में फिनकेर स्माल फाइनेंस कंपनियों एंव आईआईएफएल समस्ता लिमिटेड बैंक के आर्थिक शोषण के खिलाफ सहुरिया पंचायत अंतर्गत रामपोखर महादलित टोला की पारो देवी, दयारानी देवी, रितुल देवी, तुलसमैन देवी, सुनीता देवी, शोभा देवी, रंभा देवी, बबिता देवी, हंसा देवी, मुनिया देवी, विभिया देवी, बनीता देवी, रीणा कुमारी, रुसो कुमारी, अनिता देवी, उषा देवी, पारो देवी, कौशल्या देवी, चनमनी देवी, कल्पना कुमारी, सोनिया देवी, सुकमार देवी, लालमेन देवी, ममता कुमारी, लखिया देवी समेत अन्य ने जमकर आक्रोश व्यक्त किया. आरोप लगाया कि पैसा लेने के बहाने जबरदस्ती घर में घुस जाता है. बकरी खोल लेने, पैसा दो नहीं तो मर जाओ की धमकी देता है. हमलोगों के द्वारा पैसा नहीं देने पर रात-रात भर फाइनेंस कर्मी के लोग गांव में ही रुक जाते हैं. गांव के चारों तरफ बाढ़ आ गयी है. सारी आमदनी बंद है. अधिकारी के द्वारा जो राशन मुहैया कराया गया है, वह हम लोग खा रहे हैं. कहीं से कोई आमदनी का स्त्रोत अभी नहीं है. बाढ़ के पानी से आवागमन का रास्ता बाधित है. हम कहां से ऋण चुका पायेंगे. महिलाओं ने कहा कि हम पैसा देने के लिए तैयार हैं. लेकिन जिस तरह से हम महिलाओं के साथ अभद्रता से यह कर्मी पेश आते हैं, यह किसी अन्याय से कम नहीं है. भुक्तभोगी महिलाओं का आरोप है कि कंपनी के कर्मियों द्वारा दुर्व्यवहार व मारपीट भी किया जाता है. कर्मियों की धमकी से गांव की ही एक महिला अपने बाल बच्चे को छोड़कर भाग गयी. लोन का पैसा समय पर चुकता नहीं करने पर गहने व घरेलू सामान उठाकर ले जाते हैं. महिलाओं ने बुधवार को फाइनेंस कर्मियों के खिलाफ जमकर नाराजगी व्यक्त की और कहा कि इसी तरह से अगर तंग तबाह किया जाता रहा तो तीन दर्जन से अत्यधिक महिलाएं थाने में आवेदन देकर प्राथमिकी दर्ज करवायेंगी. 1000 की कमीशन पर महिलाओं को जबरदस्ती दिलवाते हैं लोन महिलाओं ने बताया कि हमलोग लोन नहीं लेना चाहते थे. स्थानीय लोगों से किसी विपदा में ब्याज पर पैसा लेकर अपना काम करते थे और फिर उन्हें पैसा चुका भी देते थे. लेकिन खगड़िया जिले के कैजरी का एक युवक सिमरी बख्तियारपुर फिकनकेर स्माल फाइनेंस बैंक व खगड़िया के आईआईएफएल समस्ता फाइनेंस कर्मी को हमारे गांव में लेकर आया. उसने पहले तो काफी अच्छे ढंग से बात की. गांव की महिलाओं ने अपना-अपना आधार, बैंक पासबुक समेत अन्य जरूरी कागजात जमा किया. कर्मियों द्वारा लोन पास किया गया. लोन पास करने के एवज में कैजरी का बिचौलिया हमसभी से 1 से 2 हजार रुपये रिश्वत के नाम पर लेता है. लोन देने का क्या है नियम व शर्तें जब भी आप पर्सनल लोन के लिए अप्लाई करते हैं तो बैंक आपका क्रेडिट स्कोर, उम्र, आय, व्यवसाय और नियोक्ता कंपनी की प्रोफाइल सहित अन्य कारकों के आधार पर ये फैसला करती है कि आपको लोन देना है या नहीं. सवाल यह है कि इन सभी बैंकों ने अत्यंत गरीब तबके के लोगों को 50000 से लेकर एक-एक लाख रुपए तक का लोन कैसे मुहैया करा दिया. जबकि उन्हें खाने-पीने की भी लाले पड़ रहे हैं. ये सभी मजदूर तबके के लोग हैं. दूसरों के यहां काम करते हैं तो चूल्हा जलता है. इससे यही जाहिर होता है कि ये सभी बैंक कर्मी अपने फायदे के लिए गरीब महिलाओं का शोषण करने पर तुले हुए है.

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