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झारसुगुड़ा : भुइंयापाड़ा में सड़क नहीं, एंबुलेंस व दमकल पहुंचने में होती है परेशानी

झारसुगुड़ा नगरपालिका के 12 नंबर वार्ड के ओएमपी भुइंयापाड़ा में बुनियादी सुविधा का टोटा होने के साथ-साथ समस्याओं का अंबार है. इसका समाधान करने की मांग बस्तीवासी कर रहे हैं.

झारसुगुड़ा. झारसुगुड़ा नगरपालिका के 12 नंबर वार्ड के ओएमपी भुइंयापाड़ा में बुनियादी सुविधा का टोटा होने के साथ-साथ समस्याओं का अंबार है. इसका समाधान करने के लिए यहां रहनेवाले परिवारों की ओर से प्रशासन का ध्यान आकर्षित कराने के बाद इसका कोई नतीजा नहीं निकला है. जानकारी के अनुसार यहां मूल रुप से भुइयां समाज से जुड़े परिवार रहते हैं. इनके साथ अन्य बाहरी लोग भी रहते हैं. यहां बस्ती की सड़क जर्जर हो चुकी है. साथ ही उक्त बस्ती तक जाने का सीधा रास्ता नहीं है. बस्ती तक जाने के लिए ओएमपी सेकेंड बटालियन के कॉलोनी के गेट से होकर ही आना जाना पड़ता है. लेकिन बटालियन होने से अधिकांश समय सुरक्षा की दृष्टि से रास्ता बंद रहता है. जिसके कारण बस्ती के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. यह पाड़ा ओएमपी (वर्तमान ओएसएपी) कॉलोनी से सटा हुआ है तथा इसके पास फायरिंग रेंज, अस्त्रागार,ओएसएपी का ट्रेनिंग सेंटर व कार्यालय है. इसीलिए ओएसएपी के इस अंचल में प्रवेश करने को लेकर कई प्रतिबंध हैं. सुरक्षा को देखते हुए गेट से बिना अनुमति के प्रवेश पर रोक है. इन्हीं सब कारणों से भुइंयापाड़ा के निवासियों को आपातकालीन स्थिति व रात के समय गेट से बाहर जाना या भीतर आने में समस्या का सामना करना पड़ता है.

ओएसएपी गेट बंद होने पर कच्चे रास्ते से घूमकर जाना पड़ता है

बस्ती में रहने वाले अधिकतर लोग ओएसएपी के सेवानिवृत्त जवान के परिवारों के सदस्य हैं. कोई नेपाल से आया है, तो कोई भारत के अन्य राज्यों से आकर यहां रह रहा है. कई दशकों से यहां रहने के कारण ये लोग यहां के स्थायी निवासी बन गये हैं. यहां से अब कहीं बाहर जाना भी इनके लिए समस्या बन गयी है. ओएसएपी स्टेडियम व मालीमुंडा क्रिकेट स्टेडियम के पास से एक मिट्टी का रास्ता बनाया गया है, जो काफी लंबा पड़ता है. लेकिन बस्तीवासियों के लिए ओएसएपी के गेट वाला रास्ता ही सुविधाजनक है और यही उनको बाहरी दुनिया से जोड़ने में सहायक होता है. इसलिए बस्तीवासी गेट को खोलने में जो प्रतिबंध है, उसे दूर करने की मांग बहुत दिनों से करते आ रहे हैं. बस्ती के लिए मुख्यमार्ग से सीधे जोड़ने वाला रास्ता नहीं होने से रात के समय यदि कोई बीमार पड़ता है अथवा आग लगने की आशंका हो, तो बस्ती तक एंबुलेंस व दमकल भी नहीं पहुंच पाती है. जिससे बस्ती के लोगों ने एक बार इस बस्ती तक आना-जाना करने के लिए अलग से एक मार्ग तैयार करने की मांग प्रशासन से की है.

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