Rourkela News : राउरकेला के विभिन्न संस्थानों में शनिवार को हिंदी दिवस समारोह धूमधाम से आयोजित किया गया. एनआइटी राउरकेला में संस्थान के निदेशक प्रो के उमामहेश्वर राव ने कहा कि भाषा विभिन्नता में एकता लाती है. हिंदी भाषा सीखना आसान है, क्योंकि इसकी प्रकृति वैज्ञानिक है. इसमें हम जो बोलते हैं, वही लिखते हैं और वही पढ़ते है. जबकि, अंग्रेजी में जरूरी नहीं कि जो लिखा गया है, उसका उच्चारण भी वैसा ही हो. इस अवसर पर नुक्कड़ नाटक तथा हिंदी साहित्य और कला के सम्मान में एक कवि सम्मेलन आयोजित किया गया. संस्थान के राजभाषा हिंदी सेल के द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में जाने माने हिंदी के कवि शामिल हुए. बीबी सभागार परिसर में कार्यक्रम की शुरुआत रित्विक क्लब के विद्यार्थियों द्वारा एक नुक्कड़ नाटक से हुई. नाटक के शीर्षक का सारांश विफलताओं का सामना कर जिंदगी में आगे बढ़ना था. नाटक मंचन के बाद कवि सम्मेलन शुरू हुआ. उद्घाटन के अवसर पर मुख्य अतिथि के तौर पर कवि और साहित्यकार डॉ संजय पंकज शामिल हुए. संस्थान के राजभाषा कार्यान्वयन समिति के सचिव रवि शंकर सिंह ने अतिथियों का स्वागत किया. डॉ पंकज ने कहा कि हिंदी भारत की बोली है, इसे पनपने दें, इसे अपने संस्कार में ढालें और गर्व से अपनायें. हिंदी भाषा के विकास के लिए गति, निष्ठा, ईमानदारी और समर्पण के साथ और अधिक काम करने की जरूरत है. आज विश्वभर के अनेक विश्वविद्यालयों में हिंदी की पढ़ाई होती है. हम विश्व हिंदी दिवस भी मनाते हैं क्योंकि दुनियाभर के लोग इस भाषा और इससे जुड़ी संस्कृति और साहित्य को जानने को उत्सुक हैं.
विभिन्न प्रतियोगिता के विजेताओं में पुरस्कार वितरित
संस्थान के कुलसचिव प्रो रोहन धीमान ने कहा कि भारत सरकार भारतीय भाषाओं के विकास के लिए जो कार्य कर रही है वह सराहनीय है. कवि सम्मेलन में डॉ कृष्ण कुमार प्रजापति, डॉ संजय पंकज, उषा अग्रवाल, अजय प्रजापति, डॉ मधुसूदन साहा और शालू चौधरी ने अपनी रचनाओं में हास्य, व्यंग्य, प्रेम आदि भावनाओं का रंग पिरोया. कलाम क्लब के छात्र कवि मो सैफ, चिन्मय श्रीवास्तव, विष्णुकांत मिश्रा, अनुज शुक्ल और प्रवेंद्र अनुरागी ने भी अपनी कविताएं और शायरी प्रस्तुत की. कार्यक्रम का समापन हिंदी पखवाड़े के दौरान आयोजित स्पर्धाओं के विजेताओं को पुरस्कार वितरण से किया गया.
आरएसपी में हिंदी दिवस पर अलग-अलग विभागों ने लिया राजभाषा संकल्प
राउरकेला इस्पात संयंत्र (आरएसपी) में हिंदी दिवस के अवसर पर राजभाषा संकल्प ग्रहण समारोह का आयोजन किया गया. आरएसपी के निदेशक प्रभारी अतनु भौमिक, कार्यपालक निदेशक (मानव संसाधन) तथा अतिरिक्त प्रभार कार्यपालक निदेशक (परियेाजना) तरुण मिश्र, कार्यपालक निदेशक (खान) आलोक वर्मा, मुख्य महा प्रबंधक (आयारन) एवं कार्यकारी कार्यपालक निदेशक (वर्क्स) बी पलाई, मुख्य महा प्रबंधक (सामग्री प्रबंधन) अनिल कुमार, मुख्य महा प्रबंधक (एमएंडएचएस) डॉ जयंत आचार्य एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के नेतृत्व में विभिन्न कार्यालयों एवं इकाइयों में शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया गया. विभागीय हिंदी अधिकारियों के साथ-साथ अधिकारियों एवं कर्मचारियों के एक समूह ने शपथ ग्रहण समारोह में भाग लिया. शपथ ग्रहण समारोह में राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने, देशभक्ति के गौरव को जगाने और राजभाषा के माध्यम से संविधान निर्माताओं के सपनों को पूरा करने के लिए ओडिया एवं हिंदी में संकल्प ली गयी. संकल्प में सरकारी कामकाज में राजभाषा की प्रगति के लिए समर्पित प्रयास करने तथा इस क्षेत्र में उदाहरण स्थापित करने पर भी जोर दिया गया.
आपसी भाईचारा को कायम रखनेवाली भाषा है हिंदी : कयाल
राष्ट्रभाषा प्रचार एवं विकास संस्थान की ओर से शनिवार को दीपिका इस्पात शिक्षा सदन, सेक्टर 18 में हिंदी दिवस समारोह आयोजित किया गया. मुख्य अतिथि राउरकेला चेंबर ऑफ कामर्स के पूर्व अध्यक्ष तथा विशिष्ट समाजसेवी सुनील कायल ने कहा कि हिंदी भारतीय संविधान की स्वीकृत राजभाषा है, राष्ट्रभाषा नहीं. हिंदी आपसी भाईचारा को कायम रखने वाली भाषा है. इसके माध्यम से हम दूसरे प्रांतों से संपर्क स्थापित कर सकते हैं और अन्य प्रांतीय भाषाओं का विकास कर सकते हैं. मुख्य वक्ता सेवानिवृत वरिष्ठ अध्यापक आदित्य कुमार त्रिपाठी ने कहा कि हिंदी जन-जन की भाषा है. इसे राष्ट्रभाषा के रूप में अभी तक स्वीकृत नहीं मिली है. इसका कारण विभिन्न राज्यों का सहयोग और एकनिष्ठ प्रयास की कमी है. सम्मानित अतिथि विद्यालय के प्रधानाध्यापक शिशिर कुमार सामल ने हिंदी को सौहार्द्र एवं भाईचारे की भाषा बताया. राष्ट्रभाषा प्रचार एवं विकास संस्थान के प्रबंधन न्यासी तथा सचिव डॉ जगन्नाथ दाश ने हिंदी दिवस के आयोजन के उद्देश्य एवं उपयोगिता पर प्रकाश डाला एवं कार्यक्रम का संचालन किया. कार्यक्रम की अध्यक्षता कलिंग पब्लिक स्कूल की पूर्व अध्यक्ष तथा विशिष्ट समाजसेवी ग्रेसी डेविड ने की. उन्होंने कहा कि हिंदी हमारी अस्मिता, सभ्यता एवं संस्कृति की परिचायक और धरोहर है. हाइस्कूल एवं प्लस टू स्तरीय हिंदी भाषण प्रतियोगिता के विजेताओं को मुख्य अतिथि ने स्मृतिचिह्न एवं प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया. संगीत तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम के सहभागियों को पदक प्रदान किये गये. दीपिका इस्पात शिक्षा सदन के विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत संबलपुरी नृत्य कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रहा. अंत में वरिष्ठ शिक्षिका विजयिनी जेना ने धन्यवाद ज्ञापन किया.
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