जमुई.
8 अप्रैल 2024 से वासंतिक नवरात्र प्रारंभ हो रहा है. इस बार वासंतिक नवरात्र का पहले दिन मंगलवार होने के कारण कई सारे परिणाम देखने को मिल सकते हैं. आचार्य पंडित शत्रुघ्न झा ने बताया कि मंगलवार होने के कारण राजा का पद मंगल तथा मंत्री का पद शनि को मिला है. संकल्प में पिंगल नामक संवत्सर होने से इसमें गाय, घोड़ा, नट व नर्तकी का नाश एवं राजा मंगल होने से मनुष्यों को अग्नि भय, चोरों का उत्पात, राजाओं में विग्रह, जनता को दुख रोग से पीड़ा तथा कम वर्षा होने संभावना है. उन्होंने बताया कि शनि के मंत्री होने से विनय रहित जनता को दु:ख एवं धन संबंधी सुख बहुत कम मिलेंगे. राजा मंत्री में मधुर संबंध नहीं होने से शासकों में मतभेद की स्थिति बनी रहेगी. पंडित झा ने बताया कि वर्ष का प्रथम दिन सर्वश्रेष्ठ माना जायेगा, क्योंकि ब्रह्मा जी ने इसी दिन सृष्टि की रचना आरंभ की थी.जानिए, किस मुहूर्त में करें कलश की स्थापना
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा को शैलपुत्री देवी का आवाहन पूजन के साथ अभिजीत मुहूर्त है. उन्होंने बताया कि 8 अप्रैल की सुबह 11:36 से 12:24 में कलश स्थापना किया जायेगा. इसके बाद से वैधृति योग शुरू हो जायेगा. उसकी समाप्ति दोपहर बाद 3:17 बजे होगी, इसके बाद का मुहूर्त शुभ माना जायेगा. उन्होंने बताया कि वासंतिक नवरात्रि में सनातन धर्मियों के घर मंगल ध्वजतोरण आदि से सुशोभित किया जाने का शास्त्र विधान है, इसमें गौरी का दर्शन-पूजन अत्यंत शुभ माना जाता है.