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17 महीने में पूरा हुआ इत्र कारोबारी पीयूष जैन के केस का असेसमेंट, जीएसटी विभाग ने ₹496 करोड़ की पेनल्टी लगाई

पीयूष जैन के घर से ₹197 करोड़ रुपए बरामद हुए थे. कारोबारी को गिरफ्तार किया गया था. पूरे देश में चर्चा का केंद्र रहे इस मामले में अभी भी जांच चल रही है. 22 दिसंबर, 2021 को कन्नौज और कानपुर में पीयूष के रिहाइशी और आधिकारिक परिसरों पर तलाशी शुरू की जो 28 दिसंबर, 2021 तक चली.

लखनऊ. आखिरकार 17 महीने बाद जीएसटी (गुड्स एंड सर्विस टैक्स) विभाग ने अपना असेसमेंट पूरा कर इत्र कारोबारी पीयूष जैन को शो-कॉज नोटिस जारी करते हुए ₹496 करोड़ की पेनल्टी लगा दी है. मामले की जांच कर रही एजेंसी, अहमदाबाद की यूनिट डीजीजीआई (डायरेक्ट्रेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस) ने पीयूष जैन और उनके परिवार के सदस्यों की कंपनी के लेखा जोखा, दस्तावेजों की की विस्तृत जांच करने के बाद यह असेसमेंट किया है.दिसंबर 2021 में कानपुर के रहने वाले पीयूष जैन के घर से ₹197 करोड़ रुपए बरामद हुए थे. जीएसटी विभाग के मुताबिक, पीयूष जैन ने अपनी और अपने परिवार के सदस्यों की कंपनी से ₹3000 करोड़ का माल बेचा, जिस पर ₹466 करोड़ की पेनल्टी लगाई गई है. इसके साथ ही जो सोना पीयूष जैन के घर से बरामद हुआ था, उस पर भी जीएसटी लगाते हुए ₹30 करोड़ की पेनल्टी लगाई गई है.

डीजीजीआई की अहमदाबाद यूनिट कर रही जांच

23 दिसंबर, 2021 को पीयूष जैन के कानपुर और कन्नौज के ठिकानों पर सीबीआई ने छापेमारी की थी. कानपुर में 178 करोड़ और कन्नौज में एक तहखाने से 19 करोड़ कैश और 25 किलो सोना बरामद किया गया था. पीयूष के घर में दीवारों के बीच में, अलमारी में कैश रखा हुआ था. इस मामले में पीयूष के खिलाफ 2 मुकदमे दर्ज किए गए थे.एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पीयूष जैन मामले की जांच डायरेक्टर जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस (डीजीजीआई) की अहमदाबाद यूनिट कर रही है. यूनिट ने पीयूष और उनके परिवार के सदस्यों की कंपनियों की पूरी जांच की, और इसके बाद अपना असेसमेंट जारी किया है. जीएसटी विभाग ने बताया कि पीयूष जैन और उनके परिवार के सदस्यों ने अपनी कंपनियों से तीन हजार करोड़ रुपये का सामान बेचा है, जिस पर 466 करोड़ रुपये की पेनल्टी लगती है. पीयूष जैन ओडोचेम इंडस्ट्रीज में पार्टनर थे, जिस पर 236 करोड़ रुपये की पेनल्टी लगती है. उनके परिवार के सदस्यों की कंपनी ओडोसिंथ इंक पर 154 करोड़ रुपये की पेनल्टी लगी है. वहीं फ्लोरा नेचुरल पर 76 करोड़ रुपये की पेनल्टी है. इस तरह कुल मिलाकर उन पर 496 करोड़ रुपये की पेनल्टी है.

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घर से बरामद 200 करोड़ कैश को प्रॉफिट बताया 

जीएसटी विभाग को 496 करोड़ रुपये की पेनल्टी को कोर्ट में साबित करना होगा. अगर डायरेक्ट्रेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस ये करने में सफल होती है, तो पीयूष जैन को 496 करोड़ रुपये चुकाने होंगे. इसके साथ ही पीयूष जैन पर आयकर विभाग की अलग जांच भी चल रही है. पीयूष ने पूछताछ में बताया था कि उनके घर से मिली नगदी मुनाफे के पैसे हैं. इनकम टैक्स विभाग भी प्रॉफिट पर लगने वाले टैक्स को लेकर अलग से जांच कर रहा है. पूछताछ में पीयूष जैन ने घर से पाए गए 200 करोड़ रुपए नगद को अपना प्रॉफिट बताया है, जिसके आधार पर आयकर विभाग भी पीयूष जैन पर मोटी पेनेल्टी लगा सकता है. इससे पहले, पीयूष जैन के घर से दिसंबर 2021 में 197 करोड़ रुपये नगद बरामद किए गए थे. पीयूष कानपुर में परफ्यूम का व्यापार करते थे. हवाई चप्पल पहनते थे, स्कूटी से चलते थे. जब इस साधारण से दिखने वाले शख्स के घर से इतना पैसा बरामद हुआ तो पूरे देश में हड़कंप मच गया था.

कारोबारी जमानत पर 9 सितंबर 22 को जेल से रिहा

इत्र कारोबारी पीयूष जैन आठ महीने बाद जमानत मिलने के बाद 9 सितंबर 22 को जेल से रिहा हो गए. डीजीजीआई के अधिकारियों ने 22 दिसंबर, 2021 को कन्नौज और कानपुर में पीयूष के रिहाइशी और आधिकारिक परिसरों पर तलाशी शुरू की जो 28 दिसंबर, 2021 तक जारी रहा था. माल एवं सेवाकर आसूचना महानिदेशालय (डीजीजीआई) ने जैन के खिलाफ केंद्रीय माल एवं सेवाकर अधिनियम, 2017 के तहत अपराध के संबंध में आपराधिक मामला दर्ज कराया था. न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी ने 10 लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की दो जमानत की शर्त पर जैन की जमानत अर्जी मंजूर की. विशेष सीजेएम ने 10-10 लाख रुपये के दो-दो जमानतदार दाखिल करने का निर्देश दिया, जिसे उनके परिवार के सदस्यों ने पूरा किया.

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कौन हैं पीयूष जैन?

कानपुर में रहने वाले इत्र व्यवसायी पीयूष जैन को दिसंबर 2021 में कर चोरी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. उनके स्वामित्व वाले परिसरों पर छापे की एक श्रृंखला के दौरान, 257 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी के साथ-साथ सोना और चांदी बरामद किया गया था. भारत के इतिहास में यह सबसे बड़ी नकदी बरामदगी थी. यह पैसा कथित तौर पर एक माल ट्रांसपोर्टर द्वारा फर्जी चालान और बिना ई-वे बिल के माल भेजने से जुड़ा था. जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (डीजीजीआई), अहमदाबाद ने उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले में उनके इत्र कारखाने से करोड़ों रुपये का बेहिसाब चंदन का तेल, परफ्यूम भी जब्त किया था. केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड के अध्यक्ष के अनुसार, यह इतिहास में एजेंसी द्वारा की गई सबसे बड़ी वसूली थी.

कभी अपनी संपत्ति का दिखावा नहीं किया

27 दिसंबर, 2021 को सीजीएसटी अधिनियम की धारा 132 के तहत गिरफ्तार किए जाने के बाद जैन को एक स्थानीय अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. कानपुर में जन्मे और शिक्षित, 53 वर्षीय व्यवसायी अभी भी एक पुराने स्कूटर की सवारी करते हैं और भारी मात्रा में पैसा जमा होने के बावजूद उनका घर बेहद मामूली था.उनके पड़ोसियों के अनुसार, वह एक ऐसे व्यवसायी थे, थे जिन्होंने कभी भी अपनी संपत्ति का दिखावा नहीं किया. एक साधारण जीवन शैली को जिया. जैन के पिता ज्यादातर कन्नौज में रहते हैं जबकि वह और उनके भाई अमरीश कानपुर में रहते हैं. उन्होंने इत्र और खाने का सामान बनाने की कला अपने पिता से सीखी. उनके पिता एक रसायनज्ञ हैं. बाद पीयूष जैन वह पारिवारिक व्यवसाय में शामिल हो गए.

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