Ayodhya Deepotsav 2023: रामनगरी अयोध्या में तीन दिवसीय दीपोत्सव कार्यक्रम का गुरुवार से शुंभारभ हो रह है. रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले इस बार के दीपोत्सव को बेहद भव्य तरीके से मनाने की तैयारी की गई है. रामनगरी को दुल्हन की तरह सजाया गया है. इस दौरान देश विदेश के कलाकार अपनी प्रस्तुति से लोक संस्कृति का प्रदर्शन करते नजर आएंगे तो राम की पैड़ी 24 लाख दीयों की रोशनी के साथ नया गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने की तैयारी है. इसके लिए टीम अयोध्या पहुंच गई है. अहम बात है कि लंका विजय के बाद अयोध्या लौटने पर जिस प्रकार त्रेतायुग में श्रीराम का भव्य स्वागत हुआ था उसी तर्ज पर इस बार भी ऐसी ही तैयारियां की गई हैं. 11 नवंबर की शाम भगवान राम पुष्पक विमान रूपी हेलीकॉप्टर से वनवासी की वेशभूषा में माता सीता व लक्ष्मण के साथ रामकथा पार्क पर उतरेंगे. यहां गुरु वशिष्ठ के रूप में सीएम योगी आदित्यनाथ व राज्यपाल आनंदी बेन पटेल उनकी अगवानी करेंगे. इस बीच हेलीकॉप्टर से पूरी अयोध्या में पुष्पवर्षा होगी जो अपने आप में अद्भुत दृश्य होगा. दीपोत्सव में 24 राज्यों के करीब 2500 कलाकार अपनी संस्कृति की छटा बिखरेंगे. गुजरात का गरबा, केरल का कथकली, राजस्थान का कालबेलिया नृत्य आकर्षण का केंद्र होगा। 9 से 11 नवंबर तक भरत कुंड, गुप्तार घाट, बिड़ला धर्मशाला, रामघाट व रामकथा पार्क में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन होगा.
अवध में ब्रज के कलाकार राम-कृष्ण की धरती की संस्कृति, भाषा और शैली से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध करेंगे. कुमार विशु भजन गंगा में स्नान कराएंगे. दीपोत्सव में भारत के कई प्रांतों की भाषा व संस्कृति का भी अद्भुत संगम दिखेगा. एक तरफ जहां अयोध्या की 12 रामलीलाओं के कलाकारों को मंच मिलेगा तो वहीं सोनभद्र का आदिवासी नृत्य भी अलग छाप छोड़ेगा. आजमगढ़ के मुन्ना लाल व उनकी टीम धोबिया नृत्य, मथुरा के राजेश शर्मा व टीम मयूर नृत्य से मन मोहेगी. बुंदेलखंड का राई नृत्य व राम-हनुमान सेना की झांकी भी आकर्षण बढ़ाएगी. केरल के कथकली नृत्य से कुंजीरमन व सिक्किम के सिंधी छम नृत्य से शरद चंद्र सिंह परिचित कराएंगे. जम्मू कश्मीर के मनदीप रूफ नृत्य प्रस्तुत करेंगे. छत्तीसगढ़ का गैंडी नृत्य, गुजरात का गरबा, ओडिशा का दाल खाई, कर्नाटक का ढोलू कुनीथा, राजस्थान के कालबेलिया नृत्य से कलाकार भगवान राम के श्रीचरणों में अपनी हाजिरी लगाएंगे.
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दीपोत्सव में चार देशों की रामलीला भी आकर्षण का केंद्र होगी. रूस, श्रीलंका, नेपाल व सिंगापुर के रामलीला कलाकार अवध की धरती पर रामकथा का मंचन करेंगे. विदेशी रामलीला का शुभारंभ रामकथा पार्क में बृहस्पतिवार रात आठ बजे से होगा. वहीं साकेत महाविद्यालय में रामकथा आधारित झांकियां भी सजेंगी जिनका रिहर्सल 10 नवंबर को होगा.
प्रदेश सरकार हर साल की तरह इस बार भी अयोध्या के दीपोत्सव को दिव्य और भव्य बनाने की तैयारी कर रही है. इसके लिए काम भी तेज गति से चल रहा है. इस बार भी 21 लाख दीये जलाकर पर्यटन विभाग विश्व रिकॉर्ड बनाने की तैयारी कर रहा है. इसके लिए दीयों को राम की पैड़ी के घाटों पर पहुंचा दिया गया है. 11 नवंबर को देर शाम दीपों को प्रज्जवलित किया जाएगा. दीपों की गणना करने के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड की टीम अयोध्या पहुंच गई है. अयोध्या में इस बार सातवां दीपोत्सव होने जा रहा है छह बार यहां का आयोजन विश्व रिकॉर्ड बना चुका है.डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. प्रतिभा गोयल ने बताया कि दीपोत्सव में नया विश्व रिकार्ड बनाने के लिए आवासीय परिसर, महाविद्यालय, इण्टर कालेज व स्वयंसेवी संस्थाओं के 25 हजार से अधिक स्वयंसेवक लगाए गए हैं. इनकी मदद से 51 घाटों पर 24 लाख दीए प्रज्जवलित किए जाएंगे.
इसी के साथ पर्यटन विभाग व अयोध्या जिला प्रशासन ने इस बार एक नया प्रयास भी किया है. पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम ने बताया कि विभाग ने होली अयोध्या नाम से एक मोबाइल ऐप तैयार किया है. इससे आम लोग आसानी से घर बैठे अयोध्या के दीपदान में शामिल हो सकेंगे. यह मोबाइल एप प्ले स्टोर, एंड्रायड व एप्पल प्लेटफार्म पर उपलब्ध है. इस एप को कोई भी व्यक्ति डाउनलोड कर एक या उससे अधिक दिये अपने नाम से बुक कर सकते हैं.
दीपोत्सव के बाद पर्यटन विभाग संबंधित व्यक्ति के पते पर यह दिया, प्रसाद व सरयू का जल भी प्रसाद के रूप में भेजेगा. इस एप के माध्यम से तय की गई सहायता राशि देकर कोई भी दिये जलवा सकता है. इस एप पर आने वाले आवेदन को जिला प्रशासन देखेगा और उसके अनुसार दिये जलवाने की व्यवस्था करेगा. देश ही नहीं विदेशों में रह रहे लोग भी इस दीपोत्सव से जुड़ना चाहते हैं. ऐसे में यह उनके लिए अच्छी सुविधा होगी.
श्रीराम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा ने बताया कि दीपोत्सव के मौके पर रामलला का दरबार भी दीप मालाओं से सजाया जाएगा. मंदिर में कुछ स्थान अभी ऐसे हैं, जहां फिनिशिंग का काम चल रहा है. वहां विशेष प्रकार का दीपक जलाया जाएगा, जो तेल का दीपक नहीं होगा. ऐसे दीपक होते हैं, जिनसे तेल नहीं टपकता है. इसके अलावा निर्माणाधीन मंदिर को फूलों से सजाया जाएगा. परकोटे का हिस्सा और जन्मभूमि पथ यानी दर्शन पथ वहां भी साजसज्जा होगी. जहां प्रवेश द्वार हैं, वहां भव्य रूप दर्शनार्थियों के लिए शोभायमान होगा और राम जन्मभूमि पथ भी आकर्षण का केंद्र बनेगा.