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Azamgarh schoolgirl’s death : पुलिस ने कोर्ट में रिपोर्ट दाखिल की, प्रिंसिपल के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला

स्कूली छात्रा की मौत के मामले में स्कूल के प्रिंसिपल और क्लास टीचर के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है. छात्रा ने कथित तौर पर पिछले हफ्ते आज़मगढ़ में अपने स्कूल भवन की तीसरी मंजिल से छलांग लगा दी थी.

लखनऊ. आजमगढ़ के स्कूल में छात्रा की मौत मामले में नया मोड़ आ गया है. मामले की जांच कर रही मऊ जिला की पुलिस ने कोर्ट में अपनी रिपोर्ट दाखिल कर दी है. रिपोर्ट में स्कूल के प्रिसिंपल और क्लास टीचर को क्लीन चिट दी गई है. मऊ पुलिस ने आज़मगढ़ की अदालत को रिपोर्ट के माध्यम से सूचित किया है कि उन्हें स्कूली छात्रा की मौत के मामले में स्कूल के प्रिंसिपल और क्लास टीचर के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है. छात्रा ने कथित तौर पर पिछले हफ्ते आज़मगढ़ में अपने स्कूल भवन की तीसरी मंजिल से छलांग लगा दी थी.मऊ के पुलिस अधीक्षक अविनाश पांडे का कहना है कि जांच के दौरान सामने आए तथ्यों के आधार पर हमने 169 सीआरपीसी (साक्ष्य कम होने पर आरोपी की रिहाई) के तहत एक रिपोर्ट अदालत को भेजी.अदालत ने रिपोर्ट स्वीकार कर ली है.

प्रिंसिपल और क्लास टीचर के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला

आज़मगढ़ रेंज के आईजी अखिलेश कुमार के आदेश के बाद 8 अगस्त को मामले की जांच आज़मगढ़ पुलिस की जगह मऊ पुलिस को स्थानांतरित कर दी गई थी.छात्र की मौत के मामले में 36 वर्षीय प्रिंसिपल सोनम प्रणव मिश्रा और 35 वर्षीय क्लास टीचर अभिषेक राय न्यायिक हिरासत में थे. वह दो दिन पहले जेल से रिहा हुए हैं. मामले से जुड़े एक सरकारी वकील ने बताया कि पुलिस ने दो दिन पहले अदालत के समक्ष दायर अपनी रिपोर्ट में कहा कि उन्हें प्रिंसिपल और क्लास टीचर के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला. रिपोर्ट को ध्यान में रखते हुए, अदालत ने आरोपी को निजी मुचलके पर रिहा कर दिया.

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मऊ पुलिस ने कई लोगों के बयान लिए, सीसीटीवी फुटेज देखी

अपनी रिपोर्ट में, मऊ पुलिस ने कहा कि जांच के दौरान, उन्होंने पीड़िता के परिवार के सदस्यों, स्कूल के कर्मचारियों और अन्य लोगों के बयान दर्ज किए. एक भी ऐसा सबूत नहीं मिला जिसमें आरोपी द्वारा पीड़िता को शारीरिक हमला, उत्पीड़न या उकसाने का प्रयास किया हो. रिपोर्ट के हवाले से सूत्रों ने बताया कि प्रिंसिपल ने लड़की की निजता को ध्यान में रखते हुए उससे पूछताछ की और पूछताछ के दौरान प्रिंसिपल के कमरे के दरवाजे और खिड़कियां खुली थीं. उन्होंने कहा, प्रिंसिपल की कार्रवाई उनके कर्तव्य के दायरे में है क्योंकि छात्रों को स्कूल में सेलफोन ले जाने पर प्रतिबंध है.

छात्रा युवकों से करती थी बातचीत, दोनों से पूछताछ

पुलिस अधिकारी ने कहा कि जांच अधिकारी ने घटनास्थल का दौरा किया, बयान दर्ज किए और स्कूल में लगे सीसीटीवी के फुटेज और लड़की के सेलफोन की कॉल डिटेल की जांच की. लड़की के सेलफोन की कॉल डिटेल की जांच करते समय, जांच अधिकारी ने पाया कि लड़की एक स्थानीय युवक से लंबे समय तक बात करती थी. उससे पूछताछ की गई तो युवक ने स्वीकार किया कि वह पीड़िता से बात करता था. उसने अधिकारी को बताया कि वह अपने पिता के सेलफोन का इस्तेमाल कर दूसरे युवक से बात करती थी. दूसरे युवक से भी पूछताछ की गई.

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जांच अभी भी जारी, लड़की के बैग से मिला था मोबाइल

पुलिस अधिकारी का कहना है कि जांच अभी भी जारी है. 31 जुलाई को, मार्शल ने अपने स्कूल बैग से बरामद सेल फोन के बारे में पूछताछ की और जब लड़की ने कहा कि सेल फोन उसका नहीं है, तो स्कूल टीचर ने उसके माता पिता माता-पिता को बुलाने के लिए कहा. इसके बाद लड़की तीसरी मंजिल पर गई और इमारत से कूद गई.उसे अस्पताल ले जाया गया जहां डाक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया. छात्रा की मौत के बाद पिता ने प्रिंसिपल और क्लास टीचर पर हत्या का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी.हालांकि, पुलिस ने प्रिंसिपल और क्लास टीचर के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया. साथ ही उन पर सबूत नष्ट करने का मामला दर्ज किया. इसमें दावा किया गया था कि प्रारंभिक जांच के दौरान पुलिस ने पाया कि घटनास्थल से खून के धब्बे हटा दिए गए थे.

प्रिंसिपल की गिरफ्तारी के बाद स्कूल एसोसिएशन ने किया था विरोध

3 अगस्त को पुलिस ने प्रिंसिपल और क्लास टीचर को गिरफ्तार कर लिया और उन्हें जेल भेज दिया गया. आठ अगस्त को मामले की जांच मऊ पुलिस को स्थानांतरित कर दी गई. प्रिंसिपल और क्लास टीचर की गिरफ्तारी के बाद उत्तर प्रदेश अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था. राज्य के सभी निजी स्कूलों को एक दिन (8 अगस्त ) के लिए बंद करने का फैसला किया गया था. इस मामले में सरकार ने उत्तर प्रदेश अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के पदाधिकारियों से बातचीत की. मामले में निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया था.

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