Lucknow News: पीएम नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को गुरू नानक देव के प्रकाश पर्व के मौके पर किसानों को बड़ी राहत देते हुए तीनों कृषि कानून को निरस्त करने का फ़ैसला किया है, जिसके बाद से देश में प्रतिक्रियों का सिलसिला लगातार जारी है. इस बीच अब भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने किसान आंदोलन को लेकर बड़ा बयान दिया है.
नरेश टिकैट ने कहा, किसान बारूद के ढेर पर बैठे हैं. आंदोलन से ही जिंदा रहेंगे. यह जिम्मेदारी सबको निभानी होगी. जमीन से मोहभंग करना सरकार की साजिश है. जमीन कम हो रही है. किसान से जमीन बेचने और खरीदने का अधिकार भी यह लोग छीन लेंगे. जाति और मजहब को भूलकर किसानों को एक होना होगा.
किसान बारूद के ढेर पर बैठे हैं। आंदोलन से ही जिंदा रहेंगे । यह जिम्मेदारी सबको निभानी होगी ।
— Naresh Tikait (@NareshTikait) November 19, 2021
जमीन से मोहभंग करना सरकार की साजिश है। जमीन कम हो रही है। किसान से जमीन बेचने और खरीदने का अधिकार भी यह लोग छीन लेंगे । जाति और मजहब को भूलकर किसानों को एक होना होगा । #FarmersProtest
दरअसल, ये पहला मौका नहीं है, जब नरेश टिकैत सख्त तेवर देखने को मिले हैं, कानून की वापसी से महज एक दिन पहले ही उन्होंने कहा कि, हमारा मुकाबला एक ऐसी सरकार के साथ है, जो अपनी जिद पर अड़ी हुई है, क्योंकि एक तरफ किसान की सरकार के साथ लड़ाई है. वहीं, दूसरी ओर किसान अपनी फसल और मान-सम्मान बचाने की लड़ाई भी लड़ रहा है. किसानों के आगे समस्याओं का अंबार लगा हुआ है, किसान-मजदूर सभी बहुत दुखी हैं.
इधर, किसान नेता राकेश टिकैत तीन नए कृषि कानूनों की वापसी पर कहा कि, किसान आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा, हम उस दिन का इंतजार करेंगे जब कृषि कानूनों को संसद में रद्द किया जाएगा. सरकार MSP के साथ-साथ किसानों के दूसरे मुद्दों पर भी बातचीत करें.
केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों को संघर्ष करते हुए 350 से अधिक दिन का समय बीत चुका है, लेकिन सरकार की ओर से कोई भी संतोषजनक जवाब नहीं मिल रहा था. इस बीच अचानक पीएम मोदी द्वारा कानूनों की वापसी के ऐलान ने राजनीति में भूचाल ला दिया है. ऐसे यूपी ही नहीं बल्कि देशभर की अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों की प्रक्रिया का सिलसिला जारी है. अब देखने वाली बात होगी की पीएम का ये ऐलान यूपी चुनाव पर कितना असर डालता है, ऐसा इसलिए क्योंकि सपा और कांग्रेस ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आगामी चुनाव की स्थिति स्पष्ट कर दी है, अब बीजेपी कृषि कानून के नाम पर अलग हुए वोटरों को किस तरह पाले में लाती है. ये देखना होगा.
बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को राष्ट्र को संबोधित करते सबसे पहले देव दीपावली और गुरू नानक देव के प्रकाश पर्व की शुभकामनाएं दी. इसके बाद उन्होंने कहा कि, जब देश ने मुझे 2014 में प्रधानमंत्री के रूप में सेवा का अवसर दिया तो हमने कृषि विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दी. इसके बाद उन्होंने एक बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि, आज मैं सभी को बताना चाहता हूं कि हमने तीनों कृषि कानून को निरस्त करने का फ़ैसला किया है.