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चंद्रयान 3: ‘शिवशक्ति’ नामकरण पर सियासत शुरू, स्वामी प्रसाद मौर्य ने बताया वैज्ञानिकों का अपमान

स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि अगर नाम रखना ही था तो इसरो के वैज्ञानिकों के नाम पर रखते, जिन्होंने विज्ञान के क्षेत्र में इतना बड़ा योगदान दिया है. चंद्रयान 3 के प्रोजेक्ट डायरेक्टर के नाम पर लैंडिंग स्पॉट का नाम रखा जा सकता था. सरकार का यह कदम वैज्ञानिकों का अपमान है.

Shiv shakti chandrayaan 3: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चंद्रयान 3 के मूनलैंडर के लैंडिंग स्पॉट को ‘शिवशक्ति’ नाम देने के बाद सियासत शुरू हो गई है. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि यह एक दकियानूसी और वैज्ञानिकों का अपमान का करने वाला कदम है.

स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि अगर नाम रखना ही था तो इसरो के वैज्ञानिकों के नाम पर रखते, जिन्होंने विज्ञान के क्षेत्र में इतना बड़ा योगदान दिया है. चंद्रयान 3 के प्रोजेक्ट डायरेक्टर के नाम पर लैंडिंग स्पॉट का नाम रखा जा सकता था. सरकार का यह कदम वैज्ञानिकों का अपमान है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस स्थान पर चंद्रयान-3 का मून लैंडर उतरा है, उस बिंदु को ‘शिवशक्ति’ नाम दिया है. इसी तरह जिस स्थान पर चंद्रयान-2 ने अपने पदचिह्न छोड़े हैं, उस प्वाइंट का ‘तिरंगा’ नाम दिया गया है.

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शिया धर्म गुरु मौलाना सैफ अब्बास नकवी ने भी इसे लेकर प्रतिक्रिया व्यक्त की. उन्होंने कहा कि हमारे मुल्क के वैज्ञानिकों और इंडियन रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन ने जो कामयाबी हासिल की है. यह कामयाबी मुल्क की कामयाबी है.

इसको इस तरह से कहना सही नहीं है. जहां विक्रम लैंडर लैंड किया था, उसका नाम भारत रखना चाहिये था. हिंदुस्तान रखते, इंडिया रखते ये मुनासिब होता. मौलाना सैफ अब्बास नकवी ने इससे पहले देश की 140 करोड़ जनता से चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग के सफल होने को लेकर दुआ-प्रार्थना करने की अपील की थी.

वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राशिद अल्वी ने एक समाचार चैनल से बातचीत में कहा कि ये हास्यास्पद है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को किसने ये हक दिया कि वो चांद पर जगह का नाम रखें. हमें गर्व है कि भारत ने चांद पर सफल लैंडिंग की. लेकिन, पीएम मोदी ने लैंडिंग प्वाइंट का नाम ‘शिवशक्ति’ कैसे रखा, वह चांद के मालिक नहीं हैं.

इस बीच जब अल्वी से पूछा गया कि 2008 में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में चंद्रयान-1 के प्रोब को चांद पर गिराया गया था, जब कांग्रेस सरकार ने उस जगह का नामकरण देश के पहले पीएम और जवाहर लाल नेहरू के नाम पर क्यों रखा? इसके जवाब में अल्वी ने सफाई दी कि नेहरू जी ने विक्रम साराभाई के साथ मिलकर इसरो की स्थापना की थी. नेहरू की तुलना किसी और नाम से नहीं की जा सकती. अल्वी ने पीएम मोदी पर इस मामले में राजनीति करने का भी आरोप लगाया.

चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर जहां चंद्रयान-3 ने अपना पहला कदम रखा उस स्थान को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिव शक्ति का नाम दिया है. पीएम नरेंद्र मोदी अपने विदेश दौरे से लौटते ही शनिवार को सीधा इसरो संस्थान पहुंचे और देश के वैज्ञानिकों का अभिनंदन किया.

इस दौरान उन्होंने कहा कि जिस तरह पर चंद्रयान 3 के लैंडर ने सबसे पहले अपना कदम रखा उस जगह को आज से शिव शक्ति के नाम से जाना जाएगा. यही नहीं उन्होंने उसका जगह के नाम का भी एलान किया जहां पर चंद्रयान 2 का लैंडर गिर गया था. पीएम मोदी ने उस जगह को ‘तिरंगा’ नाम दिया है. इसके साथ ही 23 अगस्त को ‘नेशनल स्पेस डे’ के तौर पर मनाने की घोषणा की है.

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