लखनऊ. बसपा के विधायक राजू पाल की हत्या के मामले में प्रमुख गवाह उमेश पाल और उनके सुरक्षाकर्मी संदीप निषाद के मर्डर में माफिया मुख्तार अंसारी के चचेरे भाई मंसूर अंसारी का भी नाम सामने आ रहा है. वह मऊ की जेल में बंद है. मऊ जिला पुलिस- प्रशासन और एसटीएफ ने जेल में छापामकर छानबीन शुरू कर दी है. मंसूर अंसारी और जेल में बंद उसके गुर्गों की बैरकों की तलाशी ली जा रही है.
बसपा के विधायक राजू पाल की हत्या के आरोप में बरेली की जेल में हाई एलर्ट सुरक्षा में बंद अतीक अहमद का भाई और पूर्व विधायक अशरफ अहमद पर भी शिकंजा कस दिया गया है. जेल में बरेली के डीएम और एसएसपी ने छापा मारा है. अशरफ की बैरक में प्रतिबंधित सामान मिलने की बात सामने आ रही है हालांकि प्रशासन ने इसकी कोई पुष्टि नहीं की है. छापा के बाद पूर्व विधायक की सुरक्षा में जो स्टॉफ था उसको हटा दिया गया है. नये स्टॉफ को लगाया गया है.
उमेश पाल हत्याकांड में नैनी सेंट्रल जेल, बरेली जेल और मऊ जेल में अतीक अहमद और मुख्तार अंसारी के गुर्गों, परिवार के लोगों में किसकी कितनी भूमिका रही इसकी जांच पड़ताल तेज हो गयी है.स्पेशल टॉस्क फोर्स ने नैनी जेल में बंद अतीक अहमद के छोटे बेटे अली से यह सूचना जुटायी है कि मुख्तार के करीबी लोगों से मुलाकात का क्या कारण था. क्या-क्या बातचीत हुई थी. तीन महीने में कब कौन आया. कितनी देर तक बातचीत हुई इसकी जानकारी के आधार पर जांच को आगे बढ़ाया जा रहा है. अली प्रॉपर्टी डीलर से रंगदारी मांगने के आरोप में नैनी सेंट्रल जेल में बंद है.