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दिव्यांग शिक्षक पहुंचे बेसिक शिक्षा मंत्री के आवास, गृह जनपद तबादले की कर रहे मांग

आसाध्य रोगियों की तरह ही दिव्यांग शिक्षकों ने 20 अंक का भारांक देकर विशेष तबादला करने की मांग की है. शिक्षक गुरुवार को बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह से मिलने पहुंचे थे. लेकिन उनकी मुख्यमंत्री से मुलाकात नहीं हो पायी.

लखनऊ: बेसिक शिक्षा विभाग के दिव्यांग शिक्षक गृह जनपद तबादला करने की मांग को लेकर गुरुवार को मंत्री संदीप सिंह के आवास पहुंच गये. 100 से अधिक दिव्यांग शिक्षकों के मंत्री आवास पहुंचने से हड़कंप मच गया. मौके पर मौजूद सुरक्षाकमिर्योँ ने पुलिस को सूचना दी. इसके बाद उन्होंने धारा 144 लागू होने का हवाला देखकर मंत्री के आवास से विक्रमादित्य मार्ग पर ले जाया गया. इसके बाद उनके दो प्रतिनिधियों को बेसिक शिक्षा मंत्री से मिलने के लिये ले जाया गया. लेकिन मुलाकात हो नहीं पायी. अब शिक्षक शुक्रवार को निदेशालय का घेराव करेंगे.

विशेष तबादला सुविधा की मांग

दिव्यांग शिक्षकों ने बताया कि स्थानांतरण सत्र में उनके साथ सौतेला व्यवहार हुआ है. दिव्यांग होने के कारण उन्हें विशेष तबादले की सुविधा मिलनी चाहिए, लेकिन विभाग के अधिकारियों ने इसकी अनदेखी की है. शिक्षकों की दिव्यांगता का भी ध्यान नहीं रखा गया है. कई शिक्षक चल नहीं पाते हैं, कई के हाथ में दिव्यांगता है लेकिन उन्हें विशेष स्थानांतरण की सुविधा नहीं दी गयी. दिव्यांग शिक्षक अपने गृह जनपद से 250 से 350 किलोमीटर दूर तैनात हैं. इसके बावजूद इनकी अनदेखी की गयी.

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दिव्यांगों से छीना जा रहा विशेष अधिकार

एक शिक्षक ने बताया कि दिव्यांगों को इस स्थानांतरण में वंचित किया गया है. जबकि सभी शिक्षक स्थानांतरण के नियमों के तहत आते हैं. दिव्यांग विशिष्ट आरक्षण में आते हैं, इसके बावजूद नियम बना दिया गया कि पांच साल पूरा होने के बाद ही ट्रांसफर होगा. जबकि महिलाओं को दो साल में तबादला किया जा रहा है. दिव्यांगों से उनका विशेष अधिकार छीन लिया गया है.

अधिकारियों को  दिया ज्ञापन नहीं हुई सुनवाई

हरदोई से आए एक दिव्यांग शिक्षक, जिनका एक हाथ नहीं है, उन्होंने बताया कि तबादले की मांग को लेकर वह बेसिक शिक्षा मंत्री और अपर मुख्य सचिव से दो बार मिल चुके हैं. उनको ज्ञापन दिया लेकिन सुनवाई नहीं हुई. अब स्थानांतरण की पूरी प्रक्रिया समाप्त हो गयी है और तबादला नहीं किया गया. उन्होंने बताया कि दिव्यांगों को 10 अंक का भारांक दिया गया है. जबकि गंभीर रोग और महिलाओं को 20 अंक का भारांक दिया गया. इसी आधार पर उनका ट्रांसफर हो गया. ऐसे लोग जिन्होंने घुटना प्रत्यारोपण कराया है उनका तबादला हो गया. लेकिन जिनका पैर ही नहीं है उनका तबादला नहीं किया गया.

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