लखनऊ. कुख्यात गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा की हत्या का राज लगातार नए तथ्यों के साथ उलझता जा रहा है. अब एक और नया खुलासा हुआ है कि शूटर विजय यादव मई में जब नेपाल के काठमांडू गया था तो वहीं उसे नेपाल का सिम कार्ड उपलब्ध कराया गया था. यह सिम काठमांडू में एक्टिवेट कराकर उसे दिया गया था. इस सिम कार्ड को मोबाइल में लगाने के बाद शूटर विजय ने असलम के साथी से सपर्क किया था. इसी ने शूटर विजय को कैसरबाग बस स्टेशन के पास रिवाल्वर दी थी. उसके मोबाइल में नेपाल का सिम पुलिस को मिला है. इसकी कॉल डिटेल निकलवाने में पुलिस को मशक्कत करनी पड़ी थी. आईएमईआई नंबर के आधार पर ही पता चला कि इस मोबाइल में नेपाल के सिम के अलावा दो नंबर यहां के भी प्रयोग हुए है.
वहीं, कुख्यात गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा को गोलियों से भूनने वाले शूटर विजय यादव के कुबूलनामे का एक वीडियो सोमवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है. इसमें वह दावा करते सुनाई दे रहा है कि काठमांडू में उसकी मुलाकात असलम नाम के शख्स से हुई थी. लखनऊ जेल में बंद उसके भाई आतिफ को संजीव ने बहुत जलील किया है. नीचा दिखाने के लिए उसकी दाढ़ी नोच ली. इसका बदला लेना है. असलम ने ही उसे 20 लाख की सुपारी दी थी. संजीव जीवा मर्डर की डील काडमांडू में हुई थी. इस दावे में कितनी सच्चाई है कि ये आगे की पुलिस जांच में ही सामने आएगा.
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शूटर विजय ने पूछताछ में पुलिस को जो भी बताया है, उससे जांच प्रक्रिया और भी उलझता जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, विजय ने पूछताछ में बताया है कि असलम से डील फाइनल करने के बाद वह बहराइच के रास्ते लखनऊ पहुंचा था. लखनऊ में असलम के एक आदमी ने उसको रिवॉल्वर उपलब्ध कराई. इसके बाद उसी ने संजीव की पहचान भी कराई. शूटर विजय को संजीव की एक फोटो भी दी गई थी. ताकि संजीव की पहचान करने में किसी प्रकार की दिक्कत न आए. पुलिस बयानों के आधार पर कड़ी से कड़ी जोड़ रही है. पुलिस से विजय ने स्पष्ट कहा है कि असलम ने उसको सुपारी दी. हालांकि विजय के बयानों की कहानी में कई झोल हैं.