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केशव प्रसाद मौर्य ने दूसरी बार उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री के रूप में ली शपथ, ऐसा रहा है राजनीतिक सफर

केशव प्रसाद मौर्य ने दूसरी बार उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री के रूप में शपथ. उन्हें राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शपथ दिलायी. इससे पहले भी वह डिप्टी सीएम रहे हैं.

Yogi Adityanath Oath Ceremony: केशव प्रसाद मौर्य ने शुक्रवार को उप मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. इससे पहले, 2017 से लेकर 2022 तक भी वे योगी सरकार में उप मुख्यमंत्री रहे. मौजूदा समय में वह विधान परिषद के सदस्य (एमएलसी) हैं.

पल्लवी पटेल के हाथों मिली हार

केशव प्रसाद मौर्य को कौशांबी की सिराथू सीट से बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी बनाया था. सपा-अपना दल (कमेरावादी) गठबंधन की ओर से उनके खिलाफ पल्लवी पटेल को प्रत्याशी बनाया गया.इस चुनाव में केशव प्रसाद मौर्य को पल्लवी पटेल के हाथों शिकस्त का सामना करना पड़ा. केशव को 98 हजार 941 मत मिले जबकि पल्लवी पटेल को एक लाख छह हजार 278 मत मिले.अगर वोट प्रतिशत की बात करें तो पल्लवी पटेल को 46.49, जबकि केशव को 43.28 फीसदी मत मिले.

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सिराथू से 2012 में मिली जीत

केशव प्रसाद मौर्य ने जबसे कौशाम्बी की सिराथू सीट से लड़ने का ऐलान किया था. तबसे यहां की सीट वीआईपी हो गई थी. केशव प्रसाद मौर्य इस सीट का बेटा होने का दावा कर रहे थे. हालांकि साल 2012 के चुनाव में उन्होंने सिराथू सीट से जीत हासिल की थी. बाद में, वह फूलपुर से लोकसभा सांसद बने, जिसके बाद उन्होंने यह सीट छोड़ दी. 2017 में योगी सरकार बनने के बाद वह उप मुख्यमंत्री बनाये गए. बाद में उन्होंने लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया. मौजूदा समय में वह एमएलसी हैं.

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इस तरह हुई केशव प्रसाद मौर्य के राजनीतिक जीवन की शुरुआत

केशव प्रसाद मौर्य के राजनीतिक जीवन की शुरुआत इलाहाबाद पश्चिमी विधानसभा सीट से हुई, जब वह 2002 में स्थानीय माफिया अतीक अहमद के खिलाफ भाजपा उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़े और सात हजार मत पाकर चौथे स्थान पर रहे उसके बाद वर्ष 2007 का उत्तर प्रदेश विधानसभा उसी सीट से लड़ा, लेकिन सफलता नहीं मिली. बाद में 2012 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अपने गृह क्षेत्र सिराथू से पहली बार विधायक चुने गए. उस समय वह इलाहाबाद मंडल के चारों जिलों इलाहाबाद प्रतापगढ़ कौशाम्बी और फतेहपुर से एकलौते भाजपा विधायक चुने गए थे.

भाजपा को 2017 में दिलायी ऐतिहासिक जीत

साल 2013 इलाहाबाद के केपी कॉलेज में ईसाई धर्मप्रचारक के आगमन के विरोध का नेतृत्व करते हुए पूरे प्रदेश में प्रसिद्ध हुए. बाद में वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उनको फूलपुर लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया और वह 3 लाख से अधिक वोटों से अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद धर्मराज सिंह पटेल को पराजित करके संसद पहुंचे. अप्रैल 2016 में उन्हें भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया. उनके ही नेतृत्व में भाजपा ने 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा में ऐतिहासिक जीत दर्ज की. चुनाव परिणाम आने के बाद उन्हें मुख्यमंत्री पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा था, लेकिन उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाया गया. केशव प्रसाद मौर्य भाजपा की प्रदेश इकाई के पिछड़े वर्ग के सबसे बड़े नेता के तौर पर जाना जाता है.

Posted By: Achyut Kumar

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