Lakhimpur Kheri Violence: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया में तीन अक्टूबर को हुई हिंसा मामले में रविवार को पुलिस घटना स्थल पर गई. निगरानी समिति के अध्यक्ष और सहारनपुर के डीआईजी उपेंद्र अग्रवाल ने केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के गांव बनवीरपुर और घटनास्थल के बीच के रास्ते को भी देखा. उन्होंने गांव की एक दुकान से सीसीटीवी का सीडीआर भी अपने कब्जे में लिया है. डीआईजी के साथ टीम में पीएस कमांडेट सुनील कुमार सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक अरुण कुमार सिंह और सीओ मितौली संदीप सिंह के साथ कई पुलिसकर्मी शामिल रहे.
बताया जा रहा है कि केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के घर से तिकुनिया कस्बा चार किलोमीटर की दूरी पर है. डीआईजी उपेंद्र अग्रवाल अपनी टीम के साथ दोपहर साढ़े बजे के करीब बनवीरपुर पहुंचे. यहां उन्होंने काड़ियाडागा-बनबीरपुर के बीच के रास्ते का निरीक्षण किया. इसी रास्ते से आशीष मिश्रा का काफिला गुजरा था.
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डीआईजी उपेंद्र अग्रवाल बनवीरपुर से तिकुनिया की गुरु नानक देव सिख अकादमी पहुंचे, जहां उन्होंने बंद कमरे में किसानों के साथ बातचीत की. इसी एकेडमी में संयुक्त किसान मोर्चा हिंसा में मारे गए किसानों के अरदास का कार्यक्रम 12 अक्टूबर को रखा गया है.
बता दें, लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय गृहमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को शनिवार की रात गिरफ्तार कर लिया गया. इसके बाद उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. आशीष मिश्रा से करीब 12 घंटे तक पूछताछ की गई. आशीष की गिरफ्तारी के प्रमुख कारणों पर नजर डालें तो पता चलता है कि आशीष के पास शुरू से ही बचने का कोई रास्ता नहीं था.
प्रभात खबर ने पहले ही सूचित किया था कि आशीष की थार जीप से इस्तेमाल किये हुए कारतूस पुलिस को बरामद हुए हैं. 315 बोर के यह कारतूस किसकी बन्दूक के थे, यह अभी स्पष्ट नहीं किया गया है, लेकिन बताया जा रहा है यह आशीष का हथियार था. इस कारतूसों के सन्दर्भ में पुलिस एवं एसआईटी के अधिकारियों द्वारा सवाल पूछे जाने पर आशीष के कोई संतोषजनक या स्पष्ट जवाब नहीं दिया.
पुलिस सूत्रों ने प्रभात खबर को बताया कि आशीष ने कुल 13 वीडियो पुलिस को दिखाये थे. साथ ही, कुछ लोगों के नाम भी बताये थे, जिनके अनुसार वे उस समय घटनास्थल पर मौजूद नहीं थे. आशीष ने कुछ हलफनामे भी पुलिस को दिखाए, लेकिन उनके इन साक्ष्यों से अधिकारी संतुष्ट नहीं हुए. आशीष यह साबित नहीं कर पाये कि घटना के समय दंगल वाली जगह पर थे, जबकि पुलिस के पास ऐसे ढेरों साक्ष्य मौजूद थे, जिनसे यह साबित हो रहा था कि आशीष उस समय घटनास्थल पर ही मौजूद थे.
Posted By: Achyut Kumar