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महंत राजू दास ने आपत्तिजनक टिप्पणी पर महिलाओं से मांगी माफी, समलैंगिक संबंधों को लेकर कही ये बात, जानें मामला

महंत राजू दास ने महिलाओं को लेकर अभद्र टिप्पणी वाले उनके वीडियो के वायरल होने पर कहा कि जो व्यक्ति लगातार सनातन धर्म संस्कृति की बात करें, जो गाय-गंगा की बात करें, महिलाओं की बात करें, बहन-बेटियों की बात करे, जिनके सम्मान में वह लगातार लड़ता हो, क्या ऐसा भाषा का प्रयोग करेगा.

Ayodhya News: अयोध्या में प्रसिद्ध हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने महिलाओं को लेकर उनकी अभद्र ​टिप्पणी वाले वीडियो पर माफी मांगी है. हालांकि उन्होंने कहा कि इस वीडियो को एडिट किया गया है. वह सनातन को निशाना बनाने वालों के खिलाफ लगातार आवाज उठा रहे हैं. इस वजह से उनके खिलाफ इस तरह की साजिश रची जा रही है. वहीं अब उन्होंने समलैंगिक संबंधों को लेकर बयान दिया है और ऐसे संबंध बनाने वालों को मूर्ख करार दिया.

महंत राजू दास ने रविवार को अयोध्या से अपने ट्विटर अकाउंट पर वीडियो साझा किया. इसमें उन्होंने कहा कि बीते दो-तीन दिनों से रामायण, रामचरितमानस, सनातन संस्कृति, हिंदू, हिंदुत्व को लेकर लगातार विधर्मियों के द्वारा मेरे खिलाफ आवाज उठाना दुखद और निंदनीय है.

रामचरितमानस को फाड़ने वालों के खिलाफ क्यों नहीं उठाई गई आवाज

उन्होंने कहा कि हमारी हाथ जोड़कर अपील है कि हमने सनातन की बात की, सनातन संस्कृति की बात की, हिंदू की बात की, हिंदुत्व की बात की, राष्ट्र की बात की. उन्होंने कहा कि हमने प्रश्न उठाया है कि जिन्होंने रामचरितमानस को फाड़ा, जिन्होंने रामचरितमानस को जलाया, जिन्होंने सनातन को गाली दी, जिन्होंने हिंदुओं को गाली दी, उनके खिलाफ अभी तक आवाज क्यों नहीं उठाई गई.

महंत राजू दास ने कहा कि सनातन के खिलाफ गलत बोलने वालों के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए. ऐसे लोग दम हो तो किसी अन्य मजहब, संप्रदाय के बारे में बोलकर दिखा दें, वह ऐसा नहीं कर सकते. उन्होंने इस चीज को लेकर जिस प्रकार से लोगों ने जाति रंग दिया, समाज में विद्वेष घोलने का काम किया, यह दु:खद और निंदनीय है.

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बहन बेटियों की बात करने वाला नहीं दे सकता अभद्र बयान

महंत राजू दास ने इसके साथ ही महिलाओं को लेकर अभद्र टिप्पणी वाले उनके वीडियो के वायरल होने पर कहा कि जो व्यक्ति लगातार सनातन धर्म संस्कृति की बात करें, जो गाय-गंगा की बात करें, महिलाओं की बात करें, बहन-बेटियों की बात करे, जिनके सम्मान में वह लगातार लड़ता हो, क्या ऐसा भाषा का प्रयोग करेगा?.

वीडियो में छेड़छाड़ का लगाया आरोप

उन्होंने कहा यह बेहद निंदनीय है. वीडियो एडिट किया गया है. इसके बावजूद अगर किसी को पीड़ा हुई हुई है तो मैं माफी भी मांगता हूं. मैं सभी मातृशक्ति, बहनों, बेटियों से माफी मांगता हूं. उन्होंने कहा कि लेकिन, जिस प्रकार से उनके खिलाफ यह कुचक्र रचा जा रहा है, यह दु:खद है. इसमें सभी को साथ देने की जरूरत है.

महंत राजू दास ने लोगों से अपील करते हुए सनातन का साथ देने की बात कही. उन्होंने कहा कि मैं मातृ शक्तियों से क्षमा मांगता हूं, मैं नारी जगत से क्षमा मांगता हूं. मैं नारी जगत के लिए लड़ता हूं, संघर्ष करता हूं, ऐसी ओछी हरकत मैं नहीं कर सकता. सनातन की लड़ाई में हमारा साथ दीजिए.

सपा महिला मोर्चा ने दी तहरीर

इससे पहले महंत राजू दास के सोशल मीडिया पर जारी हुए बयान को लेकर समाजवादी पार्टी ने कड़ी नाराजगी जताई. सपा महिला मोर्चा ने थाना राम जन्मभूमि अयोध्या में महंत राजू दास के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की तहरीर दी. पुलिस ने महिला मोर्चा की लिखित तहरीर को ले लिया है. लेकिन, मुकदमा दर्ज नहीं किया गया. इसको लेकर महिला मोर्चा कार्यकर्ताओं ने काफी नाराजगी जताई.

अखिलेश यादव पर की थी अभद्र टिप्पणी

महंत राजू दास पर सपा नेताओं के परिवार की महिलाओं पर अभद्र टिप्पणी करने का आरोप है. दरअसल बीते दिनों राजू दास ने सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य पर जूता फेंकने वाले युवक को साधुवाद दिया है. उन्होंने कहा, ‘निवेदन करता हूं, एक तरफ सपा के नेता ये कहते हैं कि हम सभी धर्म, सभी संप्रदाय, भी मत-मतांतर को मानते हैं और किसी से भेदभाव नहीं करते हैं, लेकिन उनकी पार्टी के वरिष्ठ नेता रोज-रोज सनातन धर्म को टारगेट करते हैं, सनातन धर्म को गाली देते हैं. एक तरफ डॉ. राम मनोहर लोहिया जी रामायण मेले की शुरुआत करते हैं दूसरी तरफ सपा नेता जिस प्रकार रामचरित मानस पर बैन लगाने और सनातन धर्म को गाली देना ये सब रोज का है, तो सनातनी कब तक इसे बर्दाश्त करेगा’.

महंत राजूदास ने सपा अध्यक्ष पर भी निशाना साधते हुए विवादित बयान दिया. उन्होंने कहा कि अभी तो स्वामी प्रसाद मौर्य पर जूता चला है, आने वाले दिनों में अखिलेश यादव भी जूते से पीटे जाएंगे, क्योंकि उनकी पार्टी के नेता रोज-रोज सनातन को गाली देते हैं और अखिलेश यादव उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं करते हैं.

पूर्व मंत्री तेजनारायण पांडेय ने किया महंत राजू दास पर पलटवार

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर राजू दास की अभद्र टिप्पणी के बाद पार्टी नेता भड़क गए. पूर्व मंत्री तेजनारायण पांडेय ने कहा कि महंत संत रामदास के खानसमा राजू दास अपनी हैसियत में रहे. सस्ती लोकप्रिय लेने के लिए हमारे नेता और इस प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री पर अभद्र टिप्पणी न करें. भगवा पहन लेने से कोई संत नहीं हो जाता. कोई महात्मा नहीं हो जाता.

उन्होंने कहा​ कि संत महात्मा बनने के लिए आचरण को अच्छा करना होता है. खानसामे राजूदास का चरित्र कैसा है, इसकी एक मेडिकल जांच रिपोर्ट जिला अस्पताल में है. हम लोगों ने बोल दिया तो वो किसी को अपना चेहरा दिखाने के लायक नहीं रहेंगे. चेतावनी देते हुए पवन पांडेय ने कहा अखिलेश यादव की तरफ उंगली उठाने की हैसियत उनकी नहीं है. वे अपने हद में रहकर बयानबाजी करें.

विवाद के बाद माफी मांगी

इसी आरोप के बाद अब महंत राजू दास का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें उन्होंने सपा नेताओं के परिवार की महिलाओं पर अभद्र टिप्पणी की. इसी को लेकर सपा की महिला मोर्चा ने थाना राम जन्मभूमि में राजू दास के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की तहरीर दी. इसके बाद रविवार को महंत राजू दास ने महिओं से माफी मांगी.

समलैंगिक संबंधों को लेकर की टिप्पणी

इसके साथ ही महंत राजू दास ने रविवार को समलैंगिक संबंधों को लेकर भी टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि जब आपका विवाह होता है तो आप सिर्फ किसी पत्नी के पति भर नहीं होते. ठीक उसी समय में आप दामाद और बहनोई (जीजा) भी बन जाते हैं. पत्नी की बहन विवाहित हुई तो साढू का रिश्ता बोनस में मिल जाता है.

उन्होंने कहा कि फिर कुछ समय बीता और पत्नी के भाई को कोई बच्चा हुआ तो घर बैठे आप फूफा बन गये. ठीक यही महिला के साथ होता है जो विवाहित होती है. वह अकेली किसी की पत्नी बनकर किसी घर में नहीं जाती. लगे हाथ बहू भी होती है और भाई हुआ तो भाभी भी. विवाहित ननद घर में हो तो मामी भी बनकर ही गृह प्रवेश करती है.

महंत राजू दास ने कहा कि ये कुछ वो रिश्ते हैं जो सामाजिक रीति नीति से किये गये विवाह का बोनस होते हैं. आप मात्र एक पति या पत्नी बनकर गृहस्थी में प्रवेश नहीं करते. भरापुरा रिश्तों का संसार आपकी प्रतीक्षा कर रहा होता है. एक साथ अनेक भूमिकाएं मात्र एक विवाह से बन जाती हैं.

उन्होंने कहा कि फिर भी पता नहीं क्यों लोग विवाह के ऐसे तरीकों को चुन रहे हैं जिसमें दंपति के अलावा तीसरा कोई रिश्ता ही नहीं होता. कुछ मूर्ख ही होंगे शायद ऐसे लोग. समझदार लोग तो इतने सारे पारिवारिक सामाजिक रिश्तों का बोनस छोड़ अकेला परिवार बसाने भला क्यों जाएगा?

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