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Makar Sankranti: पुण्य काल में स्नान के बाद राशि के अनुसार करें दान, ये उपाय बदलेगा किस्मत, मिलेंगे शुभ समाचार

ज्योतिषाचार्य जितेंद्र शास्त्री के मुताबिक मकर संक्रांति के दिन तेल, गुड़, काले कंबल और खिचड़ी के दान का विशेष महत्व माना जाता है, इस दिन जरूरतमंदों की सेवा करने का लाभ इंसान को हमेशा के लिए मिलता है. राशि के मुताबिक दान करने से शुभ फल मिलते हैं और ग्रहों दोष की समस्या का भी निवारण होता है.

Lucknow: सनातन संस्कृति में मकर संक्रांति के पर्व का बहुत अधिक महत्व है. मकर संक्रांति के दिन दान और पवित्र नदियों में स्नान करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं. आमतौर पर हर साल 14 जनवरी को मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है. लेकिन, इस बार ये पर्व 15 जनवरी को मनाया जाएगा.

ज्योतिषाचार्य जितेंद्र शास्त्री के मुताबिक सूर्यदेव के इस बार 14 जनवरी 2023 की रात 8 बजकर 21 मिनट पर मकर राशि में प्रवेश करने से 15 जनवरी को उदया तिथि पर मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा. पंचांग के मुताबिक 15 जनवरी दिन रविवार को मकर संक्रांति का पुण्य काल सुबह 7 बजकर 15 मिनट से शाम 5 बजकर 46 मिनट पर रहेगा. वहीं मकर संक्रांति का महा पुण्य काल सुबह 7 बजकर 15 मिनट से सुबह 9 बजे तक रहेगा.

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक मकर संक्रांति पर सुकर्मा योग बना है और जिस समय में मकर संक्रांति का महापुण्य काल होगा, उसमें लाभ-उन्नति मुहूर्त भी है. लाभ-उन्नति मुहूर्त में स्नान दान करने पर सुख और समृद्धि के मार्ग खुलेंगे. वैसे महा पुण्यकाल में स्नान करने से पाप नष्ट होते हैं और सूर्य देव की कृपा भी प्राप्त होती है. मकर संक्रांति पर दिया गया दान आपकी किस्मत को बदल सकता है. मकर संक्रांति के दिन दी गई चीजें पुण्य लाभ देती है और आपकी किस्मत बदलने की ताकत रखती हैं.

ज्योतिषाचार्य जितेंद्र शास्त्री के मुताबिक मकर संक्रांति के दिन तेल, गुड़, काले कंबल और खिचड़ी के दान का विशेष महत्व माना जाता है, इस दिन जरूरतमंदों की सेवा करने का लाभ इंसान को हमेशा के लिए मिलता है. राशि के मुताबिक दान करने से शुभ फल मिलते हैं और ग्रहों दोष की समस्या का भी निवारण होता है.

मकर संक्राति पर राशि के अनुसार करें दान

मेष- जल में पीले पुष्प, हल्दी, तिल मिलाकर अर्घ्य दें. तिल, गुड़, खिचड़ी, मसूर की दाल, मीठे चावल, लाल या गुलाबी रंग के ऊनी वस्त्र आदि का दान करना शुभ रहेगा. उच्च पद की प्राप्ति होगी.

वृषभ- जल में सफेद चंदन, दुग्ध, श्वेत पुष्प, तिल डालकर सूर्य को अर्घ्य दें. कुंडली में शुक्र ग्रह को मजबूत करने के चीनी, चावल, दूध-दही, सफेद या गुलाबी रंग के ऊनी कपड़े, खिचड़ी और तिल-गुड़ का दान करना विशेष फलदाई है. बड़ी जिम्मेदारी मिलने तथा महत्वपूर्ण योजनाएं प्रारंभ होने के योग बनेंगे.

मिथुन- जल में तिल, दूर्वा तथा पुष्प मिलाकर सूर्य को अर्घ्य दें. गाय को हरा चारा दें. मूंग की दाल की खिचड़ी दान दें. कुंडली में बुध ग्रह को मजबूत करने के लिए मकर संक्रांति पर स्नान के बाद साबुत मूंग दाल, खिचड़ी, मूंगफली, हरे कपड़े आदि दान करना शुभ रहेगा. ऐश्वर्य की प्राप्ति होगी.

कर्क- जल में दुग्ध, चावल, तिल मिलाकर सूर्य को अर्घ्य दें. चावल-मिश्री-तिल का दान दें. कलह-संघर्ष, व्यवधानों पर विराम लगेगा. चंद्रदेव कर्क राशि के स्वामी ग्रह होते हैं. ऐसे में मकर संक्रांति पर चंद्रदेव और सूर्यदेव को प्रसन्न करने के लिए इस दिन खीर, सफेद तिल के लड्डू, मावा से बनी हुई मिठाईयां, खिचड़ी आदि का दान करना लाभदायक रहेगा.

सिंह- जल में कुमकुम तथा रक्त पुष्प, तिल डालकर सूर्य को अर्घ्य दें. तिल, गुड़, गेहूं, सोना दान दें. किसी बड़ी उपलब्धि की प्राप्ति होगी. वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सिंह राशि के स्वामी सूर्यदेव होते हैं. ऐसे में सिंह राशि के जातकों को सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए मकर संक्रांति पर गंगा स्नान और सूर्यदेव को अर्घ्य देने के बाद खिचड़ी, लाल कपड़ा, रेवड़ी, गजक,गुड़ और मसूर की दाल आदि दान करना शुभ रहेगा.

कन्या- जल में तिल, दूर्वा, पुष्प डालकर सूर्य को अर्घ्य दें. मूंग की दाल की खिचड़ी दान दें. कुंडली में बुध ग्रह को मजबूत करने के लिए मकर संक्रांति पर स्नान के बाद साबुत मूंग दाल, खिचड़ी, मूंगफली, हरे कपड़े आदि दान करना शुभ रहेगा. गाय को चारा दें. शुभ समाचार मिलेगा.

तुला- सफेद चंदन, दुग्ध, चावल, तिल मिलाकर सूर्य को अर्घ्य दें. चावल का दान दें. शुक्र ग्रह को मजबूत करने के चीनी, चावल, दूध-दही, सफेद या गुलाबी रंग के ऊनी कपड़े, खिचड़ी और तिल-गुड़ का दान करना विशेष फलदाई है. व्यवसाय में बाहरी संबंधों से लाभ तथा शत्रु अनुकूल होंगे.

वृश्चिक- जल में कुमकुम, रक्तपुष्प तथा तिल मिलाकर सूर्य को अर्घ्य दें. तिल, गुड़, खिचड़ी, मसूर की दाल, मीठे चावल, लाल या गुलाबी रंग के ऊनी वस्त्र आदि का दान करना शुभ रहेगा. विदेशी कार्यों से लाभ तथा विदेश यात्रा होगी.

धनु- जल में हल्दी, केसर, पीले पुष्प तथा मिल मिलाकर सूर्य को अर्घ्य दें. इससे कामयाबी मिलेगी. शुभ फल की में वृद्धि के लिए मकर संक्रांति पर इस राशि के जातकों को तिल, गुड़, खिचड़ी, मूंगफली, पपीता और पीले चन्दन का दान करना शुभ रहेगा.

मकर- जल में काले-नीले पुष्प, तिल मिलाकर सूर्य को अर्घ्य दें. गरीब-अपंगों को भोजन दान दें. अधिकार प्राप्ति होगी. मकर संक्रांति पर शनिदोष से मुक्ति पाने और शनि का शुभ प्रभाव में बढ़ोत्तरी के लिए मकर संक्रांति पर खिचड़ी, काला छाता, तिल या सरसों का तेल, उड़द की दाल की खिचड़ी और गर्म कपड़ों का दान जरूरतमंदों को करना चाहिए.

कुंभ- जल में नीले-काले पुष्प, काले उड़द, सरसों का तेल-तिल मिलाकर सूर्य को अर्घ्य दें. तेल-तिल का दान दें. विरोधी परास्त होंगे. कुंभ राशि के स्वामी भी शनि देव होते हैं. मकर संक्रांति पर शनिदोष से मुक्ति पाने और शनि का शुभ प्रभाव में बढ़ोत्तरी के लिए मकर संक्रांति पर खिचड़ी, काला छाता, तिल या सरसों का तेल, उड़द की दाल की खिचड़ी और गर्म कपड़ों का दान जरूरतमंदों को करना शुभ फल देगा.

मीन- हल्दी, केसर, पीत पुष्प, तिल मिलाकर सूर्य को अर्घ्य दें. सरसों, केसर का दान दें. सम्मान, यश बढ़ेगा. इस राशि के स्वामी बृहस्पतिदेव हैं. इनकी शुभता में वृद्धि के लिए मकर संक्रांति पर इस राशि के जातकों को तिल, गुड़, खिचड़ी, मूंगफली, पपीता और पीले चन्दन का दान करना शुभ रहेगा.

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इस मंत्र जाप से सूर्य देव को करें प्रसन्न

मकर संक्रांति के अवसर पर आप सूर्य देव की पूजा करते हैं, उस समय सूर्य मंत्र का जाप करें तो बहुत लाभ होगा. जिन लोगों की कुंडली में सूर्य देव कमजोर स्थिति में हैं, उनको सूर्य देव के बीज मंत्र ‘ऊं ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः’ का जाप करना चाहिए. इस मंत्र का जाप कम से कम 108 बार अवश्य करें. इससे आपको अवश्य ही लाभ होगा.

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