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बसपा सुप्रीमो मायावती बोलीं- NDA और I-N-D-I-A दोनों से दूर रहकर बनेंगे मजबूत, दुष्प्रचार से सावधान रहना जरूरी

बसपा सुप्रीमो मायावती ने सत्ताधारी पार्टी भाजपा और उनकी सरकार के इस बार फिर से नई चुनावी रणनीति अपनाए जाने का संज्ञान लेते हुए कहा कि इन सब के बावजूद देश और यहां के लोगों की ज्वलंत समस्याएं बरकार हैं. इनमें विचलित करने वाली महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, आय में कमी आदि लोगों के दिल दिमाग पर हावी है.

Lucknow News: बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने एक बार फिर लोकसभा चुनाव 2024 अकेले लड़ने की बात कही है. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी इंडियन नेशनल डेमोक्रेटिक इंक्लूसिव एलायंस (I-N-D-I-A) और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) दोनों गठबंधन से दूरी बनाकर रखेगी. बसपा सुप्रीमो ने लखनऊ में रविवार को पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के वरिष्ठ पदाधिकारियों और जिलाध्यक्षों के साथ लोकसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने कहा कि बसपा पहले की तरह अपनी ताकत को मजबूत बनाकर कार्य करेगी और अपने बलबूते पर ही आगे बढ़ेगी. इस संबंध में फेक न्यूज के प्रचार प्रसार से अपने लोगों को सावधान करते हुए मायावती ने कहा कि बसपा विरोधी तत्व राजनीतिक साजिश के तहत बीच-बीच में इस प्रकार का दुष्प्रचार करते रहने से अभी भी नहीं रुक रहे हैं. इसलिए सावधानी हर स्तर पर बरतना बेहद जरूरी है, ताकि अपनी चुनावी तैयारी किसी भी प्रकार से प्रभावित नहीं होने पाए.

जनसमस्याओं का मुद्दा लोगों के दिल दिमाग पर हावी

बसपा सुप्रीमो मायावती ने सत्ताधारी पार्टी भाजपा और उनकी सरकार के इस बार फिर से नई चुनावी रणनीति अपनाए जाने का संज्ञान लेते हुए कहा कि इन सब के बावजूद देश और यहां के लोगों की ज्वलंत समस्याएं बरकार हैं. इनमें विचलित करने वाली महंगाई, अति गरीबी, बेरोजगारी, आय में कमी, बदहाल सड़क, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास, अपराध नियंत्रण और कानून व्यवस्था आदि लोगों के दिल दिमाग पर हावी जरूर है. लेकिन, यह कितना गंभीर चुनावी मुद्दा बन पाएगा, यह अभी कहना मुश्किल है, क्योंकि जनहित और जनकल्याण के मामलों में भाजपा और कांग्रेस का रवैया लगभग एक जैसा ही जन विरोधी देखने को मिलता रहा है.

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आरक्षण को दिखावटी बदलाव का नहीं बनने देना चाहिए मुद्दा

बसपा सुप्रीमो ने कहा कि सदियों से जातिवाद के आधार पर सामाजिक और आर्थिक शोषण, अन्याय और गैर बराबरी का शिकार रहे बहुसंख्यक एससी, एसटी और ओबीसी समाज के लोगों को मुक्ति और उनकी समानता आदि के लिए आरक्षण की व्यवस्था संविधान में की गई है. लेकिन, इसको भी निष्क्रिय और निष्प्रभावी बनाने का प्रयास हर स्तर पर लगातार जारी है. ऐसे में आरक्षण को बेरोजगारी दूर करने और अन्य दिखावटी बदलाव का कारण नहीं बनने देना चाहिए. उन्होंने कहा कि जब तक समाज और सरकार में भी गैरबराबरी वाली नीत और नीति जारी रहेगी, तब तक आरक्षण का सही लाभ लोगों को नहीं मिल पाएगा और यह केवल कागजी सुविधा बन कर रह जाएगी.

दोष सिद्ध होने से पहले चलाए जा रहे बुलडोजर

मायावती ने बैठक में गंभीर हालातों का जिक्र करते हुए कहा कि जिस प्रकार से एक व्यक्ति को केस में दोष सिद्ध से पहले ही अंधाधुंध बुलडोजर चलाकर उसके पूरे परिवार को दंडित किया जा रहा है और उसी प्रकार किसी व्यक्ति को उसकी सजा घोषित होने से पहले ही उसके शिक्षण संस्थानों तथा अब अस्पतालों तक को बंद किया जा रहा है, यह घोर जन विरोधी कदम है. इससे लोगों की परेशानी बढ़ रही है. सरकार की ऐसी कार्रवाई जनता की नजर में द्वेषपूर्ण व पूरी तरह से गैर जरूरी है.

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