Lucknow: रामनवमी को लेकर प्रदेश में हर तरफ उत्साह का माहौल है. अयोध्या में रामलला के दर्शन को लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी हुई है. देश के अलग अलग हिस्सों से लोग यहां राम जन्मोत्सव मनाने पहुंचे. वहीं इसी तरह श्री राम की तपोस्थली चित्रकूट धाम का कोना कोना भी रामनवमी पर राममय हो गया है. चित्रकूट के कण कण में राम निवास करते हैं.
चित्रकूट धाम प्राचीन तीर्थस्थलों में से एक है. यहीं पर भगवान राम माता सीता और अपने छोटे भाई लक्ष्मण के साथ 14 साल के वनवास के दौरान साढ़े ग्यारह साल यहीं रहे थे. इस वजह से यहां के चप्पे चप्पे पर श्रद्धालुओं को आज भी राम कृपा का एहसास होता है. रामनवमी का जश्न अयोध्या की तर्ज पर भव्य रूप से लोग मनाते हैं.
गोस्वामी तुलसीदास ने चित्रकूट का वर्णन करते हुए लिखा है कि जब संसार में अंधेरा छा जाएगा उसके बावजूद भी भगवान राम की कृपा से चित्रकूट को कुछ नहीं होगा. पौराणिक कथाओं के अनुसार सती अनसुइया ने ब्रह्मा, विष्णु और महेश को चित्रकूट में ही जन्म दिया था.
रामनवमी पर पवित्र मंदाकिनी नदी में आस्था की डुबकी लगाने के लिए सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी हुई है. अब तक लाखों श्रद्धालु पवित्र स्नान कर चुके हैं. इसके साथ ही लोग भगवान श्री कामदगिरि की पूजा अर्चना भी कर रहे हैं.
रामघाट निर्मोही अखाड़ा से भगवान श्री राम की भव्य शोभायात्रा निकाली गई है, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए. वहीं गुरुवार शाम राम घाट पर 11 लाख दीपक जलाकर राम जन्म उत्सव को गौरव दिवस के रूप में मनाया जाएगा. दीपक जलाने का समय सायं 7 से 7:30 बजे तक होगा. खास बात है कि इस दौरान बिजली आपूर्ति बंद रहेगी, जिससे दीपकों की रोशनी का अद्भुत नजारा और ज्यादा दर्शनीय हो सके. दीपों को जलाने की व्यवस्था सामाजिक स्तर पर की गई है, इसलिए ये आयोजन और खास है. इसमें आम जन की सहभागित नजर आएगी. मठ, मंदिर, अखाड़ा 62 हजार, धर्मशाला, आश्रम 27300, होटल, लॉज 48300, सभासद, सामाजिक कार्यकर्ता 31500, सामाजिक संगठन 12600, व्यापारी समाज 40000 दीपक जलाएंगे.
वहीं सद्गुरु सेवा संघ ट्रस्ट के कार्यकर्ता 1.51 लाख दीपकों से रामनवमी के दिन भरतघाट, जानकीघाट, रघुवीर मंदिर, तुलसी मार्ग, जानकीकुंड के सतना मार्ग को जगमग करेंगे. इस दौरान लोगों की भी सहभागिता होगी.