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मायावती बोलीं- बहुकोणीय होगा लोकसभा चुनाव, सपा की तरह भाजपा सरकार भी कुछ जिलों पर ही खर्च कर रही सरकारी धन

मायावती ने भाजपा के रोजी, रोजगार, सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य, विकास, सुख शांति, समृद्धि आदि के दावे के विपरीत उत्तर प्रदेश के 25 करोड़ लोगों के इसके लिए तरसने की बात कही है. उन्होंने कहा कि लोगों के जीवन में गरीबी छाई हुई है. बेरोजगारी और पिछड़ेपन में इजाफा हुआ है.

Lucknow News: बहुजन समाज पार्टी लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर यूपी और उत्तराखंड में बेहतर प्रदर्शन के लिए तैयारियों में जुट गई है. पार्टी सुप्रीमो मायावती ने गुरुवार को राजधानी लखनऊ में दोनों राज्यों के वरिष्ठ पदाधिकारियों और सभी जिलाध्यक्षों के साथ चुनावी रणनीति पर मंथन किया. इस दौरान उन्होंने आगामी लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने के फैसले को एक बार फिर दोहराया. उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार में भी उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में समग्र विकास के बजाय इनमें से मात्र कुछ गिने चुने जनपदों को ही उसी प्रकार से सरकारी धन के व्यय को लेकर प्राथमिकता दी जा रही है, जिस प्रकार से सपा के शासनकाल में कुछ चुनिंदा जिले ही सरकारी कृपा दृष्टि के पात्र हुआ करते थे. संकीर्ण राजनीति से जनता पहले ही दु:खी और त्रस्त है. मायावती ने कहा कि इस तरह स्पष्ट है कि भाजपा भी सपा और कांग्रेस की तरह अपने काम के बल पर जनता से वोट मांगने की स्थिति में नहीं है. इसलिए उसे घोर चुनावी स्वार्थ की राजनीति के लिए संकीर्ण, भड़काऊ और विभाजनकारी मुद्दों का सहारा लेने की जरूरत है, जिससे खासकर बहुजन समाज के लोगों को बहुत सावधान रहना है. इनके किसी भी बहकावे में कतई नहीं आना है और ना ही उनके हवा हवाई विकास के छलावे में और ना ही उनके अन्य किसी उन्मादी मुद्दे में संयम खोना है.

रोजगार, शिक्षा स्वास्थ्य को तरस रहे 25 करोड़ लोग

इस मौके पर मायावती ने भाजपा के रोजी, रोजगार, सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य, विकास, सुख शांति, समृद्धि आदि के दावे के विपरीत उत्तर प्रदेश के 25 करोड़ लोगों के इसके लिए तरसने की बात कही है. उन्होंने कहा कि लोगों के जीवन में गरीबी छाई हुई है. बेरोजगारी और पिछड़ेपन में इजाफा हुआ है. साथ ही पलायन बढ़ा है, जो दु:ख भरे जीवन की बात है. उन्होंने कहा कि पिछले वर्षों में लोगों का दुख दर्द घटना की बजाय सरकारी वादों दागों घोषणाओं के विपरीत हालात और बिगड़े हैं तथा लोगों का जीवन त्रस्त हुआ है. बसपा सुप्रीमो ने कहा कि कड़ी मेहनत करके लोकसभा चुनाव में लोगों की अपेक्षा के अनुरूप बेहतर रिजल्ट प्राप्त किया जा सकता है. इसकी बदौलत बसपा सवर्जन हिताय सर्वजन सुखाय के अपने लक्ष्य को हासिल करते हुए सत्ता तक पहुंचने के बाद हर वर्ग का उत्थान सुनिश्चित कर सकेगी.

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लोकसभा चुनाव में बहुकोणीय संघर्ष होने का दावा

बसपा की ओर से दावा किया गया है कि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना राज्य में पार्टी ने स्थानीय सरकारों को कड़ी टक्कर दी है. अब पार्टी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड पर फोकस करने में जुट गई है. राजधानी लखनऊ में गुरुवार को उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के पदाधिकारियों के साथ बैठक में मायावती ने कहा कि देश और उत्तर प्रदेश सहित विभिन्न राज्य सरकारों की संकीर्ण जातिवादी और जन विरोधी नीतियों कार्य प्रणाली के कारण राजनीतिक हालात तेजी से बदल रहे हैं. ऐसे में किसी एक पार्टी का वर्चस्व नहीं होकर बहुकोणीय संघर्ष का रास्ता चुनने को लोग आतुर नजर आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे में लोकसभा का अगला आम चुनाव दिलचस्प होगा. इसके संघर्षपूर्ण और व्यापक जनहित एवं देश हित में साबित होने की प्रबल संभावना है, जिसमें बसपा की भी अहम भूमिका होगी.

बसपा की मजबूती से हर वर्ग को मिलेगी राहत

मायावती ने पार्टी पदाधिकारियों से कहा कि ऐसे में समय-समय पर दिए जा रहे हैं जरूरी दिशा निर्देशों पर ईमानदारी और निष्ठापूर्वक मेहनत करके अच्छा रिजल्ट हासिल किया जा सकता है. ऐसा होने पर डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के आत्मसम्मान और स्वाभिमानी मूवमेंट तथा उनके कारवां को केवल यूपी जैसे राज्यों में ही नहीं बल्कि पूरे देश में मजबूती मिलेगी. इसके साथ ही सभी गरीबों, वंचितों, शोषितों, पीड़ितों में खासकर सदियों से जातिवाद के शिकार दलित, आदिवासी और अन्य पिछड़ा वर्ग के साथ-साथ धार्मिक अल्पसंख्यकों में से विशेषकर मुस्लिम समाज के करोड़ों लोगों को जुल्म ज्यादाती, द्वेषपूर्ण भेदभाव और दूसरे दर्जे के नागरिक की तरह सरकारी व्यवहार से मुक्ति मिल जाएगी.

सत्ता की मास्टर चाबी प्राप्त करना मुश्किल नहीं

बसपा सुप्रीमो ने कहा कि इसके लिए विरोधी पार्टियों और उनकी सरकारों के साम, दाम, दंड भेद आदि सभी किस्म के हथकंडों को अपनी बहुजन एकता और एकजुटता तथा सत्ता की मास्टर चाबी प्राप्त करने की अपनी चाह को ठोस लोकतांत्रिक मजबूती प्रदान करना जरूरी होगा, जो बहुजन समाज के लिए मुश्किल काम नहीं है, क्योंकि ऐसा उन्होंने खासकर यूपी में कई बार करके देश को दिखाया है. मायावती ने पार्टी की पिछली बैठक में दिए गए जरूरी दिशा निर्देशों का धरातल पर होने वाले अमल की जिला और मंडलवार समीक्षा रिपोर्ट लेने के बाद उन्हें अमली जामा पहनाने में आने वाली कमियों को दूर करके आगे बढ़ाने के लिए नए दिशा निर्देश दिए.

युवाओं को जोड़ने पर फोकस

पार्टी संगठन और सदस्यता आदि की जिम्मेदारी को लेकर सख्त हिदायत देते हुए बसपा सुप्रीमो ने लोकसभा चुनाव के लिए बेहतर कैडर व्यवस्था के आधार पर युवा मिशनरी लोग भी तैयार करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के बाद अब लोकसभा के लिए फिर से यहां माहौल काफी गरमाने लगा है और नई सरगर्मी भी शुरू हो गई है.

डॉ. अंबेडकर के परिनिर्वाण दिवस पर इस बार नोएडा-लखनऊ में कार्यक्रम

उन्होंने आगामी 6 दिसंबर को संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के परिनिर्वाण दिवस को पार्टी की परंपरा के अनुसार पूरे देश और और खासकर उत्तर प्रदेश में पूरी मिशनरी भावना के अनुरूप आयोजित करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि इस बार कार्यक्रम में थोड़ा बदलाव किया गया है, जिसके तहत अब पश्चिम यूपी के 6 मंडलों और आगरा, अलीगढ़, बरेली, मुरादाबाद, मेरठ और सहारनपुर मंडल के लोग नोएडा में बसपा सरकार की समय बनाए दिल्ली यूपी सीमा पर निर्मित राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल और ग्रीन गार्डन में पूरी सामूहिकता के साथ डॉक्टर अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे. वहीं उत्तर प्रदेश के शेष 12 मंडलों में पार्टी के लोग राजधानी लखनऊ में गोमती नदी के तट पर स्थापित डॉ. भीमराव अंबेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल पर अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करेंगे.

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